Uttarakhand Hidden Villages: उत्तराखंड देश का एक खूबसूरत और प्रमुख पहाड़ी राज्य है। इस खूबसूरत राज्य का गठन साल 2000 में हुआ था। उत्तराखंड को 'देव भूमि' के नाम से भी जाना जाता है।
उत्तराखंड देश का एक ऐसा पहाड़ी राज्य है, जहां हर महीने हजारों की संख्या में देशी से लेकर विदेशी पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं। खासकर, बर्फबारी और गर्मी के मौसम में इस राज्य में सैलानियों की भीड़ लगी रहती है।
उत्तराखंड में घूमने की बात होती है, तो कई लोग सबसे पहले नैनीताल, मसूरी, ऋषिकेश, औली, चोपता और मुनस्यारी जैसी चर्चित जगहों का ही जिक्र करते हैं, लेकिन इस राज्य में ऐसी अन्य और भी कई हसीन जगहें मौजूद हैं, जो सैलानियों की नजर से दूर हैं। जैसे-मलारी गांव।
इस आर्टिकल में हम आपको मलारी गांव की खासियत से लेकर खूबसूरती के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां गर्मियों में घूमने के बाद आप खुशी से झूम उठेंगे।
उत्तराखंड में मलारी गांव कहां है? (Where Is Malari Village In Uttarakhand)
मलारी गांव की खूबसूरती और खासियत जानने से पहले आपको यह बता दें कि मलारी गांव, उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। यहां चमोली मुख्य शहर से कुछ ही दूरी पर मौजूद है। मलारी को भारत में तिब्बत सीमा से लगे सीमान्त गांवों में से एक माना जाता है।
आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि मलारी गांव, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से करीब 347 किमी है। इसके अलावा, रुद्रप्रयाग से करीब 174 किमी और जोशीमठ से करीब 62 किमी दूर है।
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मलारी गांव की खासियत (Why Malari Village Is Famous)
हिमालय की हसीन वादियों में स्थित मलारी गांव अपनी खूबसूरती के साथ-साथ अन्य कई चीजों के लिए प्रसिद्ध माना जाता है। खासकर, अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण मलारी गांव किसी हसीन जन्नत से कम नहीं है। यह गांव तिब्बत की सीमा के पास में स्थित है।
बर्फ से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़, शांत और शुद्ध वातावरण और झील-झरने इस गांव की खूबसूरती में चार चांद लगाने काम करते हैं। इस गांव को नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व का प्रवेश द्वार भी माना जाता है, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है। बर्फबारी में मलारी गांव की खूबसूरती चरम पर होती है। भारी बर्फबारी में मलारी जाने वाली सड़क भी बंद हो जाती है।
मलारी गांव की पौराणिक मान्यता (Malari Village Mythology)
मलारी गांव अपनी खूबसूरती के साथ-साथ पौराणिक कहानियों के लिए भी जाना जाता है। मलारी गांव को महाभारत काल से भी जोड़कर देखा जाता है। इस गांव को लेकर पौराणिक मान्यता है कि यहां पांडव धनुर्विद्या सीखा करते थे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मलारी गांव से कुछ ही दूर स्थित है माणा गांव। माणा गांव के बारे में बोला जाता है कि यह वह गांव है, जहां से पांडवों ने स्वर्ग की यात्रा शुरू की थी।
सैलानियों के लिए क्यों खास है मलारी गांव (Malari Village For Travel)
मलारी गांव सैलानियों के लिए जन्नत माना जाता है। खासकर, जो प्रकृति से प्रेम करते हैं उनके लिए इस गांव को स्वर्ग माना जाता है। यहां का शांत और शुद्ध वातावरण भी सैलानियों को खूब आकर्षित करता है।
मलारी में गांव में आप स्नो ट्रेकिंग से लेकर स्नो कैम्पिंग और हाइकिंग का शानदार लुत्फ उठा सकते हैं। इसके अलावा, जंगल सफारी से लेकर रिवर राफ्टिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं। मलारी गांव की जीवनशैली भी आपको आकर्षित कर सकती है।
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मलारी घूमने का बेस्ट समय (Best Time To Visit In Malari Village)
मलारी गांव घूमने का बेस्ट समय मार्च से लेकर सितंबर के बीच माना जाता है। सर्दियों में भारी बर्फबारी के चलते मलारी जाने वाला रास्ता बंद हो जाता है। इसके अलावा, मानसून में मलारी गांव जाना खतरे से खाली नहीं। इसलिए कई पर्यटक मलारी गांव सिर्फ गर्मी के मौसम में ही घूमने के लिए जाते हैं।
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