Best hidden places in uttarakhand: उत्तराखंड देश का एक प्रमुख पहाड़ी राज्य होने के साथ-साथ एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र भी माना जाता है। साल 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड बना था।
उत्तराखंड सिर्फ एक खूबसूरत राज्य ही नहीं, बल्कि इसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। उत्तराखंड की धरती पर ऐसी कई पौराणिक और अद्भुत जगहें मौजूद हैं, जिन्हें एक्सप्लोर करना कई लोगों का सपना होता है।
उत्तराखंड हिमालय की हसीन वादियों में मौजूद है। यहां की हसीन वादियों में कई शानदार जगहें मौजूद हैं। कलाप भी एक ऐसी जगह है, जहां घूमने के बाद लगभग हर कोई खुशी से झूम उठेगा।
इस आर्टिकल में हम आपको कलाप की खासियत और इसके आसपास में मौजूद कुछ शानदार जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप भी यादगार छुट्टियां मनाने पहुंच सकते हैं।
उत्तराखंड में कलाप कहां है? (Where Is Kalap In Uttarakhand)
कलाप की खासियत के बारे में बताने से पहले आपको बता दें कि यह उत्तराखंड की टन्स घाटी में स्थित है। यह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से करीब 250 किमी की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा, कलाप दिल्ली से करीब 575 किमी दूर है। आपको यह भी बता दें कि कलाप रूपिन नदी के किनारे करीब 7 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
कलाप की खासियत (Why Kalap Is So Famous)
हिमालय की हसीन वादियों में मौजूद कलाप एक अद्भुत जगह है, जहां की खूबसूरती और सादगी सैलानियों को खूब आकर्षित करती है। गढ़वाल क्षेत्र के आखिरी में स्थित कलाप को गांव और कलाप घाटी के नाम से भी जाना जाता है।
बादलों से ढका यह गांव प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी हसीन जन्नत से कम नहीं है। यहां का शांत वातावरण, देवदार के बड़े-बड़े पेड़, घास के मैदान और झील-झरने खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करते हैं। यहां से हिमालय की अद्भुत खूबसूरती को निहारा जा सकता है। बर्फबारी के समय इस गांव की खूबसूरती चरम पर होती है।
कलाप गांव से जुड़ी पौराणिक कथा (Kalap Village Myth)
कलाप गांव सिर्फ अपनी खूबसूरती के लिए ही नहीं, बल्कि कई पौराणिक कहानियों से के लिए भी जाना जाता है। जी हां, इस अद्भुत गांव के बारे में कहा जाता है कि यहां के लोग महाभारत के पांडवों और कौरव भाइयों के वंशज हैं।
कलाप गांव में कर्ण को समर्पित एक प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर है। इस गांव में कर्ण महाराजा उत्सव नाम का एक त्योहार भी मनाया जाता है। कहा जाता है कि जनवरी में यहां पर पांडव नृत्य उत्सव भी होता है।
प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम
कलाप गांव प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग माना जाता है। शुद्ध वातावरण, नीले-नीले आकाश, क्रिस्टल से भी साफ नदियों का पानी और ठंडी हवाएं खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करती हैं।
कलाप की खूबसूरती के बीच ट्रैकिंग से लेकर हाईकिंग और कैम्पिंग का भी लुत्फ उठाया जा सकता है। इस गांव में हिमालयन संस्कृति को भी करीब से देखा जा सकता है।
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कलाप कैसे पहुंचें? (How To Reach Kalap Village)
कलाप गांव के सबसे पास में देहरादून रेलवे स्टेशन है, जो करीब से 210 किलोमीटर दूर है। देहरादून से लोकल बस या कैब लेकर कलाप पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, जौली ग्रांट एयरपोर्ट सबसे पास में एयरपोर्ट है। यहां से किसी भी साधन से कलाप गांव तक पहुंच सकते हैं।
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