Lakshmi Temple Rajasthan: हिन्दू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है। भारत में करोड़ों भक्त हर रोज मां लक्ष्मी की पूजा-पाठ करते हैं। खासकर, धनतेरस और दिवाली के पावन अवसर पर मां लक्ष्मी की पूजा-पाठ बड़े ही धूम-धाम के साथ होती है।
इस साल 12 नवंबर को पूरे देश में दिवाली का महापर्व मनाया जाएगा। वहीं 10 नवंबर को पूरे देश में धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा। धनतेरस के शुभ मौके पर कई लोग मां लक्ष्मी के मंदिरों में दर्शन और पूजा-पाठ के लिए पहुंचते रहते हैं।
देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसे कई पवित्र और फेमस लक्ष्मी मंदिर हैं, जहां हर दिन हजारों भक्त अपनी फरियाद लेकर पहुंचते हैं। राजस्थान में भी एक ऐसा लक्ष्मी मंदिर है, जिसके बारे में बोला जाता है कि धनतेरस दिन दर्शन करने पर भक्तों के ऊपर धन की बारिश होती है।
इस आर्टिकल में हम आपको राजस्थान में उस मौजूद पवित्र और फेमस लक्ष्मी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप भी दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं।
कैला देवी मंदिर (Kaila Devi Temple)
लेख में जिस पवित्र और फेमस मंदिर का जिक्र कर रहे हैं, उसका नाम 'कैला देवी मंदिर' है, जो मां लक्ष्मी का रूप भी माना जाता है। यह पवित्र मंदिर राजस्थान के करौली जिला से करीब 24 किमी की दूरी पर मौजूद है।
कैला देवी भक्तों के साथ-साथ सैलानियों के बीच भी काफी फेमस है। कहा जाता है कि यह पवित्र मंदिर त्रिकूट पर्वत पर विराजमान है, इसलिए यहां भक्तों के साथ-साथ पर्यटक भी घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं।
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कैला देवी मंदिर का इतिहास (Kaila Devi Temple History)
कैला देवी मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन माना जाता है। इस मंदिर का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना है। हालांकि, कई लोगों का मानना है कि इस पवित्र मंदिर की नींव महाराजा गोपाल सिंह ने रखी थी। कई लोगों का मानना है कि इसका निर्माण कार्य करीब 1723 में शुरू हुआ था और करीब 1930 में बनकर तैयार हुआ था। कालीसिल नदी के तट पर यह मंदिर प्राचीन समय से लेकर आज तक लोगों के बीच काफी पवित्र मंदिर माना जाता है।
कैला देवी मंदिर की पौराणिक कथा (Kaila Devi Temple Story)
कैला देवी मंदिर की पौराणिक कथा बेहद ही दिलचस्प है। मान्यता है कि कैला देवी भगवान कृष्ण की बहन है। कहा जाता है कि जब कृष्ण का जन्म हुआ था तभी एक और लकड़ी का जन्म हुआ था, जो आगे चलकर कैला देवी के नाम से प्रसिद्ध हुई।(भगवान राम के जुड़ा है नेपाल का यह मंदिर)
लोक कथा के अनुसार कंस कृष्ण को मारने के बाद कैला को भी मारने जाने वाला था, लेकिन कैला देवी के रूप में प्रकट हो गई और मान्यता के अनुसार वो उस स्थान को छोड़कर राजस्थान के त्रिकूट पर्वत पर विराजमान हो गई।
कैला देवी मंदिर में लगती हैं भक्तों की भीड़ (Kaila Devi Temple)
कैला देवी मंदिर सिर्फ राजस्थान में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में एक फेमस मंदिर माना जाता है। नवरात्रि, धनतेरस और दिवाली जैसे खास मौके पर यहां लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
कैला देवी मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां दर्शन करने पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। आपको बता दें कि विशेष मौके पर इस मंदिर को दुल्हन की तरह सजा दिया जाता है।(Diwali पर बच्चों के साथ घूमने के बेस्ट जगहें)
कैला देवी मंदिर का त्योहार और मेला
कहा जाता है कि विशेष मौके मंदिर के आसपास बड़े पैमाने पर मेले का आयोजन होता है। इस मेले में राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली जैसी जगहों से भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
कैला देवी मंदिर कैसे पहुंचें (How To Reach Kaila Devi Temple)
कैला देवी मंदिर पहुंचना बेहद ही आसान है। यहां राजस्थान के किसी भी शहर से आसानी से पहुंच सकते हैं। मंदिर के पास में गंगापुर सिटी रेलवे स्टेशन है। दिल्ली, मुंबई, अजमेर, चेन्नई, अहमदाबाद जैसी जगहों से ट्रेन पकड़कर कैला देवी मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं। आपको बता दें कि सबसे पास में जयपुर हवाई अड्डा है।
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