साल 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर एक नया राज्य बना छत्तीसगढ़ अपनी परंपरा और संस्कृति के लिए जाना जाता है। खनिज संपदा से भरपूर इस राज्य के शहर रायपुर और भिलाई भी अपनी प्राकृतिक छटा के लिए काफी प्रचलित है। लेकिन आज हम इसकी प्राकृतिक छटा के बारे में नहीं बल्कि यहां के लोगों के खान-पान के बारे में बात करेंगे। आपको बता दें कि इस राज्य में धान की बहुत ज्यादा उपज होती है इसलिए इसे धान का कटोरा भी कहा जाता है। धान की अधिक उपज होने के कारण यहां चावल और इससे बनने वाले पकवान ज्यादा खाए जाते है। तो आइए जानते हैं छत्तीसगढ़ की फेमस रेसिपीज के बारे में।
छत्तीसगढ़ के लोग चावल और गुड़ से बनने वाले पकवान खूब बनाते और खाते हैं। तसमई भी एक तरह की खीर होती है, जिसे दूध, चावल और गुड़ से बनाया जाता है। इसे किसी त्यौहार या खुशी के मौके पर बनाया जाता है।
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देहरौरी चावल से बनने वाली रेसिपी है, जिसमें दरदरे चावल का इस्तेमाल किया जाता है। चावल को पीसकर, उसे चाशनी में मिलाकर, इस रेसिपी को बनाया जाता है। इसका स्वाद खाने में बिल्कुल रसगुल्ले जैसा लगता है।
फरा या पिठ्ठा रेसिपी मीठे और नमकीन दोनों तरीके से बनाया जाता हैं। इसे भाप पर पकाया जाता है और ये दिखने में मोमोज की तरह होता है।
खुरमी दिखने और खाने में शक्करपारे की तरह होती है। इसे गेहूं और चावल के आटे से बनाया जाता है। ये मीठे शक्करपारे होते हैं। इसमें पड़ने वाला नारियल, गुड़ और चिरौंजी दाना इसका स्वाद बढ़ा देते हैं।
छत्तीसगढ़ की आदिवासी जनजाति लाल चींटीयां खाते हैं, जिसे देहाती भाषा में मटा बोला जाता है। इसे पीसकर चटनी की तरह खाया जाता है।
गेहूं और चावल के आटे से बनी पपची बालूशाही की तरह होती है। इसकी खास बात ये है की इसे धीमी आंच पर पकाया जाता है, जिससे ये खाने में कुरकुरी और स्वादिष्ट लगती है।
ये एक मीठी रेसिपी है जिसे गेहूं के आटे से बनाया जाता है। आटे के घोल में गुड़ मिलाकर इसे तेल में तला जाता है और ये दिखने और खाने में गुलाब जामुन की तरह लगती हैं।
ये एक छत्तीसगढ़ी पारंपरिक रेसिपी है। ये दरअसल पूरियां होती है जिसमें अजवाइन मिलाया जाता है। इसे पोरा, हरेली, पोरा, हरेली, छेरछेरा जैसे त्यौहारों में बनाया जाता है।
ठेठरी बेसन से बनने वाली नमकीन रेसिपी होती है, इसे तीज के त्योहार पर विशेष तौर पर बनाया जाता है। एमपी में भी इसे बड़े शौक से बनाया और खाया जाता है।
छत्तीसगढ़ में बेसन के मोटे सेव को करी कहते है, इसे नमकीन ही बनाया जाता है। किसी भी खास मौके पर इसे जरूर बनाया जाता है।
ये शादियों में बनने वाली पूरियां होती है जिसका आकार बड़ा होता है और इसे पतला बेला जाता है। सोहारी शादी के मौके पर ससुराल पक्ष को भेजा जाता है।
अंगार में पकाई गई गेहूं और चावल की मोटी रोटी को अंगाकार कहते है। इसे कोयले या फिर कंडे की आग में सेंका जाता है।
अइरसा
इसे चावल के आटे और गुड़ से बनाया जाता है। इसे धीमी आंच पर तला जाता है और ये दिखने में ठेकुए जैसी लगती है। एक बार इसे खाने के बाद आप इसके स्वाद कभी भूल नहीं पाएंगी।
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अगर आपका भी दिल इन रेसिपीज को खाने का कर रहा है तो देर किस बात की है? इनमें से अपनी पंसद की रेसिपी आज ही ट्राई करें और घर पर ही छत्तीसगढ़ का मजा लें। ऐसी ही अनोखी रेसिपीज के बारे में जानने के लिए पढ़ती रहे हरजिन्दगी।
Photo courtesy- (wikipidea, holidify.com)
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