भारत में कई ऐसे किले मौजूद हैं, जो ना सिर्फ ऐतिहासिक हैं बल्कि प्राचीन वास्तुकला से भी समृद्ध हैं। साथ ही, कई किले भारत की आजादी, साहस, बलिदान और प्राचीन प्रतिमा के साक्ष्य के तौर पर पूरे विश्व में जाने जाते हैं। ऐसा ही एक किला भारत के चित्तौड़गढ़ जिले में मौजूद है, जिसका नाम भारत के सबसे बड़े किलों में लिया जाता है। क्योंकि यह किला राजपूतों की हुकूमत की निशानी है। साथ ही, यह किला कई कहानियों का गवाह है, तो आइए जानते हैं कि यह किला इतना ऐतिहासिक क्यों हैं और इसका क्या इतिहास है।
क्या कहता है इतिहास
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित इस किले का निर्माण 7वीं शताब्दी में किया गया था। कहा जाता है कि इस किले का निर्माण स्थानीय मौर्य शासकों द्वारा किया गया था। इस किले को कई लोग पद्मावत फोर्ट, चित्रकोट के नाम से भी जानते हैं। बता दें कि ये किला भारत के राजस्थान राज्य के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है। हालांकि, इस किले का इतिहास काफी रोचक और पुराना है।
हालांकि, इस किले के निर्माण को लेकर कोई एकमत साक्ष्य नहीं है। क्योंकि कई इतिहासकारों का कहना है कि इस किले का निर्माण महाभारत काल में हुआ था और इसके निर्माण शासक भीम थीं।वहीं, दूसरी तरह कई इतिहासकारों का कहना है कि इस किले का निर्माण मौर्य साम्राज्य के शासकों द्वारा किया गया था। लेकिन इतिहास में यह भी साक्ष्य मिलते हैं कि इस किले पर कई राजाओं ने राज किया था।
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किले की अनूठी है वास्तुकला
यह किला पूरे विश्व में भारत के सबसे बड़े किले और अपनी खूबसूरत वास्तुकला के लिए जाना जाता है। साथ ही, इस किले को राजस्थान राज्य का गौरव भी कहा जाता है। बता दें कि यह किला 700 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और लगभग 13 किलोमीटर की परिधि में बना है। इस किले की संरचना काफी खूबसूरत और आकर्षित है। क्योंकि किले की दीवारों को कई खूबसूरत डिजाइन और शिलालेखों से सजाया गया है। आपको इस किले में प्रवेश करने के लिए 7 द्वार बनाए गए हैं।
गंभीरी नदी के पास बसे इस किले में आपको काफी कुछ देखने और समझने का मौका मिलेगा। आप किले के अंदर और इसके आसपास कई तरह की गुफाएं, झील, मंदिर और एक प्राचीन सुरंग भी देख सकते हैं। अगर आप इतिहास को जानने में रुचि रखते हैं, तो इस किले को एक्सप्लोर करना आपके लिए बेस्ट रहेगा। हालांकि, इस किले की वास्तुकला और खूबसूरती देखने में आपको पूरे 3 घंटे लग जाएंगे।
क्या है खासियत?
चित्तौड़गढ़ किला भारत का सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक किला है, जिसे यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया है। यह व्यापक रूप से अपनी खूबसूरत वास्तुकला के लिए जाना जाता है। यह राजस्थान के सबसे बड़े और पुराने किले में से एक है। इसके अलावा, ये किला ट्रेकिंग स्थलों के लिए भी लोकप्रिय है। क्योंकि आपको किले तक पहुंचने के लिए कई ट्रेकिंग मार्ग मिलेंगे। पर्यटक दूर-दूर से ट्रैकिंग करने आते हैं। अगर आप ट्रैकिंग का शौक रखते हैं, तो इस किले को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
किले के अंदर घूमने लायक संरचनाएं
इस किले के अंदर आप कई खूबसूरत संरचनाओं को देख सकते हैं जैसे विजय स्तंभ, कीर्ति स्तंभ, राणा कुंभ महल, रानी पद्मावती महल, कुंभ श्याम आदि को एक्सप्लोर कर सकते हैं। साथ ही, आप राजस्थान की संस्कृति और फेमस व्यंजनों का भी लुत्फ उठा सकते हैं। यह शहर विश्व भर में अपनी हस्तशिल्प कलाओं के बारे लिए भी जाना जाता है। हालांकि, राजस्थान में मौजूद सभी किलों में यह किला सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। (शहर की खूबसूरती को बखूबी बयां करते हैं ये 5 राजस्थानी किले)
यह किला घूमने का कब बनाएं प्लान?
इस किले को घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से मार्च तक होता है। हालांकि, आप इन महीनों के अलावा भी ये किला घूम सकते हैं।
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किला देखने का समय
आप चित्तौड़गढ़ किले की सैर सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक कर सकते हैं। साथ ही, ये किला सप्ताह के सातों दिन खुला रहता हैं। आप किसी भी दिन इस किले की सैर कर सकती हैं।
इस किले की सैर करने के बाद यकीनन आपको बहुत अच्छा लगेगा। आपको लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर और लाइक ज़रूर करें, साथ ही, ऐसी अन्य जानकारी पाने के लिए जुड़े रहें हरजिन्दगी के साथ।
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