भगवान शिव के सिद्धनाथ मंदिर में क्यों हर दिन उमड़ती है लोगों की भीड़, परिवार के साथ आप भी बनाएं दर्शन का प्लान

सिद्धनाथ मंदिर के दर्शन का समय दिन के समीत घंटों में होता है। आप यात्रा से पहले मंदिर के समय और विशेष अनुष्ठानों की जानकारी ऑनलाइन ले सकते हैं। 

 

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भोलेनाथ के भक्त दर्शन के लिए जगह-जगह ऐतिहासिक मंदिरों में जाना पसंद करते हैं। माना जाता है कि पौराणिक मंदिरों में भोले बाबा का गहरा कनेक्शन होता है। मंदिर से जुड़े इतिहास ही लोगों को दर्शन के लिए दूर-दूर ट्रैवल करने के लिए भी प्रेरित करते हैं। ऐसा ही एक मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित है।

यहां जो भी अपने परिवार के साथ या अकेले घूमने का प्लान बनाता है, वह एक बार कानपुर के सिद्धनाथ मंदिर में दर्शन करके जरूर आता है। लेकिन कई लोग आज भी ऐसे हैं, जो कानपुर में रहकर भी कभी मंदिर में दर्शन के लिए नहीं गए हैं, आज के इस आर्टिकल में हम आपको मंदिर के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ यात्रा से जुड़ी जानकारी भी विस्तार से देंगे।

कानपुर में फेमस शिव मंदिर

Siddhnath Shiv Mandir Kanpur

सिद्धनाथ मंदिर का नाम दो शब्दों को जोड़कर बनाया गया है। "सिद्धनाथ" नाम का अर्थ है "सिद्धियों के स्वामी" और यह नाम भगवान शिव के उन रूपों में से एक है, जो साधकों को सिद्धि प्रदान करता है। कानपुर का सिद्धनाथ मंदिर कई ऐतिहासिक और धार्मिक कारणों के कारण पूरे देश में फेमस है। इस मंदिर को कानपुर का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है। भक्तों का मानना है कि यहां स्थित शिवलिंग की पूजा करने से भोलेनाथ उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और जीवन में सफलता भी मिलती है। इस मंदिर में केवल त्योहारों नहीं बल्कि हर सोमवार के दिन भक्तों की भारी भीड़ दर्शन के लिए आती है। यह कानपुर के फेमस मंदिर में से एक है।

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सिद्धनाथ मंदिर का इतिहास

यह मंदिर द्वितीय काशी के नाम से भी कानपुर में जाना जाता है। माना जाता है कि राजा ययाति को खुदाई के समय शिवलिंग प्राप्त हुआ था। इसके साथ ही यहां लोगों को यह भी कहना है कि प्राचीन काल में शिवलिंग के आगे 100 यज्ञ पूरे किए गए थे। लेकिन 100वां यज्ञ अधूरा रह गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि 99 यज्ञ के बाद एक कौवे ने हवन कुंड में हड्डी डाल दी थी। जिसकी वजह से इसे द्वितीय काशी के रूप में जाना जाने लगा। सबसे खास बात यह है कि अभी तक किसी को शिवलिंग के अंतिम छोर का भी पता नहीं लगाया जा सकता है। यहभगवान शिव के सबसे फेमस मंदिरमें से एक है।

मंदिर में भगवान को क्या चढ़ाया जाता है

यहां भक्त बेल पत्र और दूध-दही महादेव पर अर्पित करते हैं। गंगा जल से महादेव का जलाभिषेक किया जाता है। त्योहारों के समय लोग सुबह से ही मंदिर के बाहर लाइन में लग जाते हैं। महादेव को जलाभिषेक करने के लिए लोगों को लंबी लाइन में लगना पड़ता है।

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कानपुर का सिद्धनाथ मंदिर दर्शन करने कैसे जाएं

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  • यह मंदिर कानपुर में जाजमऊ में गंगा तट पर स्थित है। आप कानपुर सिटी रेलवे स्टेशन या कानपुर छावनी रेलवे स्टेशन से पहुंच सकते हैं।
  • रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 20 से 30 मिनट है। आप टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, या कैब लेकर मंदिर पहुंच सकते हैं।
  • इसके अलावा आप कानपुर बस अड्डा या कानपुर सिटी बस स्टैंड से भी मंदिर पहुंच सकते हैं।

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image credit- freepik

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