22 जुलाई को सावन का महीना शुरू होने के बाद, भोले के भक्त जगह-जगह मंदिरों में दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं। सावन के महीनों में पड़ने वाले सोमवार को चमत्कारी माना जाता है। कहा जाता है कि इस महीने में जब कोई भोलेनाथ को सोमवार के दिन जलाभिषेक करता है, तो भगवान उसकी सभी परेशानियां हर लेते हैं। यही कारण है कि सावन के महीने का इंतजार हर साल भोलेनाथ के भक्तों में देखा जाता है।
अगर आप इस बार के सावन में कानपुर में किसी फेमस शिव मंदिर में घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं, लेकिन आपको किसी ऐतिहासिक मंदिर के बारे में जानकारी नहीं है, तो यह आर्टिकल आपके काम आएगा। आज के इस आर्टिकल में हम आपको महादेव के कुछ खास मंदिरों के बारे में जानकारी देंगे।
आनंदेश्वर मंदिर, कानपुर
इस महादवे मंदिर का इतिहास सदियों पुराना बताया जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से भी पहले का है। सावन में यहां हर साल दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन अगर आप कानपुर में रहकर ही इस मंदिर के दर्शन के लिए आज तक नहीं गए हैं, तो आपको एक बार यहां जरूर जाना चाहिए।
यह मंदिर गंगा किनारे पर स्थित है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि वर्षों से यहां पर लगभग हर दिन किसी न किसी शिवभक्त द्वारा भंडारे का आयोजन किया जाता है। आनन्देश्वर मन्दिर में सावन के समय का नजारा देखने वाला होता है।
- कैसे पहुंचे- यहां आप कानपुर सेंट्रल मुख्य रेलवे स्टेशन से आ सकते हैं।
खेरेश्वर महादेव मंदिर
View this post on Instagram
कानपुर के शिवराजपुर स्थित खेरेश्वर महादेव मंदिर भी उत्तर प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का इतिहास भी महाभारत काल से बताया जाता है। इस मंदिर को लोग चमत्कारी भी मानते हैं। कहा जाता है कि जब सुबह मंदिर के कपाट खुलते हैं, तो रोज पहले ही भगवान की पूजा पाठ हो चुकी होती है।
यह कैसे होता है, इसके बारे में आज तक खुलासा नहीं हो पाया है। इस मंदिर पर देर रात से भक्तों की भीड़ लगने लग जाती है। सावन के सोमवार में इस मंदिर में भी लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं। यह भारत के फेमस शिव मंदिर में से एक है।
- कैसे पहुंचे- आप यहां कानपुर रेलवे स्टेशन से आ सकते हैं। मंदिर से रेलवे स्टेशन की दूरी आधे घंटे की है।
इसे भी पढ़ें- लखनऊ का फेमस शिव मंदिर, यहां पानी के बीच में बैठे हैं महादेव
जागेश्वर महादेव मंदिर
इस मंदिर का इतिहास 300 साल भी पुराना बताया जाता है। यह उत्तर प्रदेश में फेमस शिव मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि यह मंदिर त्र्यंबकेश्वर धाम की तर्ज पर बनाया गया है। मंदिर एक अर्धगोलाकार शैली में बना हुआ है, पेड़ को सुरक्षित कर बनाया गया है। यहां एक प्राचीन कुआं भी है, जिसके पानी का इस्तेमाल आज भी किया जाता है।
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें
अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
साथ ही आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
image credit- freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों