गर्मियों के मौसम में बहुत सारे फल आते हैं मगर यही वो मौसम होता है जब फलों का राजा आम भी अपनी ढेर सारी वैयराइटी के साथ बाजार में उपलब्ध होता है। वैसे तो यह फल लगभग सभी को पसंद होता है मगर कुछ ऐसे लोग भी है जो आम खाने के ज्यादा शौकीन नहीं होते। ऐसे लोग स्वाद के लिए थोड़ा बहुत आम तो खा लेते हैं मगर आम से जुड़ी बातों में उन्हें इंट्रेस्ट नहीं होता है। न तो उन्हें आम की वैयराइटी का पता होता है और न ही आम कि हिस्ट्री के बारे में।
कुछ लोगों को तो यह तक नहीं पता होता कि आखिर आम इतना पसंद किया जाने वाला फल क्यों है। तो चलिए आज हम आपको आम से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स के बारे में बताएंगे, जिन्हें जानने के बाद अगर आप मैंगो लवर नहीं हैं तो हो जाएंगी।
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- ऐसा कहा जाता है कि भारत में उगाए जाने वाले फलों में आम सबसे पुराना फल है और इसे भारत में बीते 5000 सालों से उगाया जा रहा है। भारत में सबसे पहले आम नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में उगाया गया। वह क्षेत्र वर्तमान समय में मयंमार से जुड़ा हुआ है, जहां आम के बाग सबसे पहले लगाए गए थे।
- आपको जानकर हैरानी होगी कि आम को तोहफे के रूप में एक दूसरे को दिया जा सकता है। बौद्ध धर्म में इस फल को बहुत महत्व दिया जाता है। दरअसल ऐसा माना जाता है कि भगवान गौतम बुद्ध को आम के पेड़ की छाव में आराम करने की आदत थी। इसलिए इस धर्म में आम को शुभ माना जाता है। इस धर्मके मौंक्स जब किसी लंबे सफर में जाते हैं तो अपने साथ आम जरूर ले जाते हैं।
- इतिहास में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि जब अलेक्जेंडर द ग्रेट भारत से वापस ग्रीस जा रहा था तो, वह अपने साथ आम की सबसे अच्छी वैरायटी अपने साथ ले गया था।
- शुरुआती दिनों साउथ इंडिया में आम को आमकाय कहा जाता है। यहां के कुछ लोग इसे मामकाय भी कहते हैं। इसके अलावा आम को मांगा भी कहा जाता था। जब पुर्तगाली इंडिया वापिस आए तो उन्होंने इसे फाइनल नाम ‘आम’ दिया।

- हिंदु धर्म में आम से जुड़ा एक मिथ है कि आम भगवान सूर्य की बेटी सूर्या बाई थी। एक दिन वह पेड़ से नीचे गिर गई। आम की खूबसूरती पर फिदा हो कर एक राजा ने आम से शादी कर ली। न्यूली वेड कपल को देख राजा की पहली बीवी ने आम को श्राप दिया कि वो जब भी पेड़ से नीचे गिरे की तो राख बन जाएगी। ऐसा ही हुआ मगर हर बार राख में से एक दूसरा पेड़ निकल आता और हर बार जब पेड़ से आम नीचे गिरते तो राजा उन आम में से सूर्या बाई को पहचान लेता और कुछ समय के लिए दोनों एक दूसरे से मिल लेते।आम का भी बन सकता है मुरब्बा, इन स्टेप्स को फॉलो कर घर पर ही बनाएं
- बुक ‘ए हिस्टॉरिकल डिकश्नरी ऑफ इंडियन फूड’ में आम की खेती सबसे पहले पुर्तगालियों ने भारत आकर शुरु की थी। जो सबसे पहली वैरायटी आपकी उगाई गई उसका नाम फ्रेनानदीन रखा गया। इसके बाद पुर्तगाली दूसरे देशों में भी भारत से आम के बीज लेकर गाए और वहां आम की अलग वैराइटी उगाई।
- भारत में जब मुगलों का शासन आया तो आम की खेती को और भी बढ़ावा मिला मगर। इस पीरियड में आम को सोने के भाव तोला जाता था। इस लिए इसके खेती केवल रॉयल गार्डंस में होती थी। मगर शाहजहान के शासन काल में यह बाउंडेशन भी खत्म कर दी गई। बुक ‘ए हिस्टॉरिकल डिकश्नरी ऑफ इंडियन फूड’ में हिस्टोरियन केटी अचाया ने भी इस बात का जिक्र किया है कि मुगलों के शासन काल में भारत में तोता परी आम, रातौल आम और केसर जैसी वैराइटी उगाई गई।

- बताया जाता है कि आम मुगल बादशाह जहांगीर का फेवरेट फल था और उसने एक बार यह भी कहा था कि पूरी दुनिया में इससे स्वादिष्ट फल और कोई नहीं हो सकता है।
- भारत में लंगड़ा आम भी काफी पसंद किया जाता है। यह आम खाने में हलका खट्टा और मीठा होता है। इस आम के पीछे एक कहानी जुड़ी हुई है। कहते हैं कि बनारस के एक किसान के बगीचे में इस आम का पेड़ लगा था। इसका स्वाद इतना अच्छा लगा कि इसे वैराइटी के औरी भी पेड़ किसान ने लगा लिए और इस वैराइटी का नाम लंगड़ा रखा गया क्योंकि जिस किसान ने इस वैराइटी को खोजा था वह लंगड़ा था।
- मशहूर ट्रैवलर हसियुन तसांग ने अपनी भारत यात्रा के दौरान लिखी किताबों में इस बात का जिक्र किया है कि भारत में आम के पेड़ को प्रॉसपैरिटी का सिंबल माना जाता है। और यहां का हर राजा हपने महल के आगे एक आम का पेड़ लगाता है।आम को छीलने के 3 आसान तरीके, नहीं होगी Wastage
Image Credits : Image Bazaar
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