बेहद अनोखा है भारत का ये गांव, जानें मलाणा से जुड़ी वो बातें जिन्हें हर कोई नहीं जानता

मलाणा गांव ना सिर्फ बेहद खूबसूरत है बल्कि रहस्यमयी भी है। इस गांव को लेकर ऐसी कई बातें हैं, जिसे हर कोई नहीं जानता।

malana village in kullu
हिमाचल प्रदेश में कई ऐसी जगहें जहां साल भर सैलानियों के भीड़ देखने को मिलती है, लेकिन कुल्लू घाटी के उत्तर पूर्व में स्थित मलाणा गांव के बारे में बहुत कम लोगों को पता होगा। यह गांव ना सिर्फ प्राचीन है बल्कि बेहद खूबसूरत है। इस गांव से जुड़ी ऐसी कई रोचक बातें हैं, जिसके बारे में हर कोई नहीं जानता। इस गांव को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यहां रहने वाले लोग यूनानी सम्राट सिकंदर के सैनिकों के वंशज हैं। फिलहाल इसे लेकर किसी भी तरह की पुष्टि नहीं की गई है।

हिमाचल प्रदेश के इस गांव से जुड़ी ऐसे कईरहस्य हैं, जो लोगों को प्रभावित करते हैं। मलाणा गांव कुल्लू जिले में करीब 12 हजार फुट की ऊंचाई पर बसा है, इसके चारों तरफ गहरी खाई और बर्फीले पहाड़ हैं। इस गांव तक पहुंचने के लिए डायरेक्ट बस या फिर ट्रेन सुविधाएं नहीं है। यहां तक पहुंचने के लिए आपको कुछ किलोमीटर तक लोगों को ट्रैकिंग करनी पड़ती है। वहीं यहां आने वाले ज्यादातर सैलानी विदेशी होती हैं।

गांव में बोली जाती है कनाशी भाषा

malana village himachal

इस गांव के लोग खुद को सिकंदर के सैनिकों के वंशज बताते हैं। यही नहीं यहां रहने वाले लोगों के नैन नक्श भी दूसरे पहाड़ी जगहों से काफी अलग हैं। कहा जाता है कि जब सिकंदर भारत पर आक्रमण करने आया था, तब उनके साथ आए सैनिकों ने इस गांव में पनाह ली थी। आक्रमण में मिली हार के बाद सिकंदर यहां से चला गया था, लेकिन उनके साथ आए कुछ सैनिक यही रह गएऔर इस गांव में अपना घर बना लिया। हालांकि, अभी तक ये बात पूरी तरह से साबित नहीं हो पाई है, लेकिन गांव में रखी कुछ ऐसी चीजें हैं, जो यह सब कुछ सोचने पर मजबूर कर देती है। दरअसल गांव में सिकंदर के समय की एक तलवार वहां के मंदिर में रखी हुई है। यही नहीं यहां के लोग अलग भाषा बोलते हैं, जिसे अन्य जगहों पर नहीं बोली जाती। कनाशी भाषा सिर्फ यहां के लोग ही बोलते हैं और इसे बाहरी लोगों को सिखाना मना है। वहां के स्थानीय लोगों के अनुसार, यह एक पवित्रा भाष हैं। वहीं गांव के लोग काफी रिजर्व रहते हैं, वह दूसरे लोगों से मिलना-जुलना अधिक पसंद नहीं करते हैं। यहीवजह है कि यहां के लड़के-लड़कियों की शादी भी अपने ही गांव में कराया जाता है। वह दूसरे जगह से आए लोगों को अपने गांव का हिस्सा नहीं बनाते हैं।

रात में टूरिस्टों को यहां आना है मना

malana in himachal

मलाणा घूमने के लिए टूरिस्ट सिर्फ दिन में आ सकते हैं। रात में उन्हें आने नहीं दिया जाता है। यही नहीं रात में मलाणा के सभी गेस्ट आउस को बंद कर दिए जाते हैं। ( सबसे खूबसूरत गांव) मलाणा गांव के लोग जमलू देवता की पूजा करते हैं, ऐसे में उनके मुताबिक किसी भी बाहरी व्यक्ति को रात में रुकने का आदेश नहीं है। वहीं आज भी लोग इस आदेश का पालन करते हैं और शाम होते ही गेस्ट हाउस बंद कर दिए जाते हैं। गांव में अगर लोग टूरिस्ट आते हैं तो उन्हें सिर्फ दिन-दिन में घूमने की इजाजत है। शाम होते ही उन्हें गांव से निकाल दिया जाता है। माना जाता है कि मलाणा वर्ल्ड का सबसे पुराना डेमोक्रेटिक गांव है। यहां 11 मेंबर्स की काउंसिल है, जो जमलू का आदेश मानते हैं। हालांकि, समय के साथ यहां काफी बदलाव देखा गया है।

कैसे पहुंच सकते हैं मलाणा गांव

himachal malana village

मलाणा गांव पहुंचने के लिए यात्रियों को ट्रेन और बस दोनों की सुविधाएं मिल सकती हैं, लेकिन रास्ता इतना भी आसान नहीं है। अगर आप बस से आ रही हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले मलाणा बस स्टॉप पहुंचना होगा और वहीं अपनी गाड़ी छोड़नी पड़ेगी। ध्यान रखें कि यहां कोई पार्किंग सुविधा नहीं है, इसलिए आप अपनी रिस्क पर ही गाड़ी छोड़ें। मलाणा बस स्टॉप पहुंचने के बाद आपको 3 से 4 किलोमीटर पैदल ट्रैकिंग कर गांव तक पहुंचना होगा। वहीं अगर आप ट्रेन से आ रही हैं तो सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिंदर नगर है। जहां से गांव 123 किलोमीटर दूर है। आपको यहां से बस लेनी होगी, जो आपको मलाणा बस स्टॉप तक छोड़ देगी। इसके अलावा नजदीकी एयरपोर्ट की बात करें तो वह है भुंतर, जो गांव से 40 किलोमीटर दूर है। आप यहां से बस या फिर प्राइवेट टैक्सी कर गांव तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

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