भारत का इतिहास दुनिया में बहुत पुराना है। आक्रमणकारियों द्वारा किए गए हमलों के बाद भी यहां का इतिहास आज भी संरक्षित है। खुदाई के दौरान पाए गए साक्ष्यों से पता चलता है, कि हमारी संस्कृति और हमारा इतिहास कितना समृद्ध और गौरवशाली रहा है। दुनिया के कई पुरातत्व विशेषज्ञ यहां की ऐतिहासिक विरासत को देखकर सोच में पड़ जाते हैं, कि आखिर बिना किसी तकनीक के इन जगहों को किस तरह तैयार किया गया होगा।
मगर वहीं कुछ ऐतिहासिक स्थान ऐसे भी हैं, जो समय के साथ लुप्त हो गए। कई बार मौसम में आए बदलाव के कारण ये जगहें अचानक कहीं गायब हों कई थीं। सालों बाद रीसर्च के दौरान इन जगहों को दोबारा खोज निकाला गया, इनमें से कुछ स्थान आज युनेस्को हेरिटेज साइट का हिस्सा भी हैं।
आज के आर्टिकल में हम आपको ऐसी जगहों के बारे में बताएंगे जो समय के साथ कहीं गायब हो गई। आज भी विशेषज्ञय इन जगहों की रिसर्च में लगे हुए हैं।
पूम्पुहार शहर तमिलनाडु में स्थित एक लुप्त हुआ शहर है। यह प्राचीन विरासत कावेरी नदी के तट पर बना मयिलादुथुराई जिले में बनी हुई है। यह शहर चोल साम्राज्य के दौरान देश के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक था। समय के साथ पूम्पुहार शहर कहीं लुप्त हो गया था, जिसे बाद में समुद्री पुरातत्व अनुसंधान द्वारा खोज के दौरान पाया गया।
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित कालीबंगा 'सिंधु घाटी सभ्यता' का हिस्सा रहा है। यह खोया हुआ शहर घग्गर नदी के तट पर स्थित है, इस स्थान पर हड़प्पा के समय के कई साक्ष्य देखने को मिलते हैं। अब यह शहर लोगों के लिए घूमने का स्थान बन गया है, एएसआई की रिपोर्ट के हिसाब से इतिहास में कालीबंगा सिंधु घाटी सभ्यता की एक प्रमुख राजधानी रही है। इस जगह पर पाए हल से यह दावा किया जाता है कि दुनिया में सबसे पहले खेत की जुताई करने का चलन यहीं से शुरू हुआ। इसके अलावा यहां पर खुदाई के दौरान अग्नि कुंड भी पाया गया, जो भारत की पुरानी यज्ञ संंस्कृति को दर्शाता है।
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भगवान श्री कृष्ण की भूमि रही द्वारका आज भी हिंदू धर्मों के सबसे प्रसिद्ध शहरों में गिनी जाती है। ऐसा माना जाता है कि कभी श्री कृष्ण ने खुद ही इस शहर की स्थापना की थी और वो स्वयं भी पानी में बने इस शहर में रहा करते थे। इस जगह के लुप्त होने को लेकर कई कहानियां सामने आती हैं, जिससे यह पता चलता है कि भगवान कृष्ण के जाने के बाद यह शहर स्वयं ही लुप्त हो गया। आज द्वारका का यह खोया हुआ शहर स्कूबा डाइविंग साइट के लिए जाना जाता है। दुनिया भर से लोग यहां पानी के अंदर बसे शहर को देखने आते हैं।
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कर्नाटक में स्थित विजयनगर कभी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। यह ऐतिहासिक धरोहर बेल्लारी जिले के हंपी के पास देखने को मिलती है। कभी विजयनगर साम्राज्य के नाम से जाना जाने वाला यह स्थान तुंगभद्रा नदी के तट पर बसा हुआ है। यह एक खोया हुआ शहर है, जिसके जरिए हमें भारत का इतिहास जानने को मिलता है। इस समय यह स्थान यूनेस्को की विश्व धरोहर भी है, जहां लोग घूमने भी जाया करते हैं। यहां पर बना विरुपाक्ष मंदिर और नरसिंह की प्रतिमा लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।
गुजरात में स्थित लोथल सिंधु घाटी सभ्यता की प्रचलित ऐतिहासिक धरोहर में से एक है। यह शहर उस दौरान बनाए गए प्रसिद्ध शहरों में से एक था, पर समय के साथ यह शहर कहीं लुप्त हो गया। जिसे बाद में 1954 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा खुदाई के दौरान पाया गया। एएसआई के दौरान यहां से भारत की संस्कृत के कई साक्ष्य मिले हैं, इसके अलावा यहां पर कई प्राचीन स्मारक भी पाए गए जो कि आज तक संरक्षित हैं।
तो यह था हमारा आज का आर्टिकल, आप इनमें से किसी भी जगह पर गए हों तो हमें अपना एक्सपीरियंस कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। इसके अलावा अन्य ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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