क्या आप जानते हैं दिल्ली का नाम कब, क्यों और कैसे पड़ा?

अगर आप इतिहास जानने का शौक रखते हैं तो फिर इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि दिल्ली का नाम कब, क्यों और कैसे पड़ा। आइए जानते हैं।

history of delhi capital of india

History Of Delhi: दिल्ली में ऐसी कई खूबसूरत और ऐतिहासिक जगहें मौजूद हैं जिन्हें देखने के लिए हर दिन हजारों लोग पहुंचते हैं। यहां मौजूद इंडिया गेट, लाल किला, लोटस टेम्पल या फिर जमा मस्जिद देखने के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं।

देश की राजधानी के रूप में दिल्ली एक राजनीतिक केंद्र भी है, इसलिए यहां विदेशी राजनयिक भी पहुंचते रहते हैं। ऐसे में अगर आपसे यह सवाल किया जाए कि राजधानी के बारे में आप कितना जानते हैं तो फिर आपका जवाब क्या होगा?

अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि दिल्ली का नाम कब, क्यों और कैसे पड़ा तो फिर आपको इस आर्टिकल को जरूर पढ़ना चाहिए।

दिल्ली का नाम कहां से आया?

old history of delhi capital of india

सबसे पहले यह जानते हैं कि दिल्ली का नाम कहां से आया। एक मिथक के अनुसार 50 ईसा पूर्व में ढिल्लू नाम के एक राजा ने यहां एक शहर को स्थापित किया था। बाद में उसी के नाम से इस शहर को दिल्ली कहा जाने लगा। ढिल्लू राजा को कई लोग धिल्लु और दिलु के नाम से भी जानते थे।

इसे भी पढ़ें:नोएडा को देश का पहला वैदिक थीम पार्क का तोहफा, क्या आप घूमने जाना चाहेंगे?

दिल्ली का प्राचीन इतिहास क्या है?

अब यह जान लेते हैं कि दिल्ली का प्राचीन इतिहास क्या रहा है। शायद आपको मालूम हो, अगर नहीं मालूम हो तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महाभारत काल में दिल्ली को इंद्रप्रस्थ की राजधानी के रूप में जाना जाता था।

कहा जाता है कि पांडवों ने भगवान श्रीकृष्ण और इंद्रा के सहयोग से इंद्रप्रस्थ नामक नगर बसाया था। ऐसा माना जाता है कि राजधानी बनाने के लिए खंडावरण्य के जंगल को चुना गया था।

दिल्ली का मध्यकालीन इतिहास क्या है?

history of delhi in hindi

इतिहास के अनुसार लगभग 736 ईस्वी के आसपास में दिल्ली में तोमर राजवंश का शासन था। इसके बाद चौहान राजवंश ने दिल्ली पर शासन शुरू किया। इसके बाद साल 1206 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली में गुलाम राजवंश की स्थापना की थी।(लाल किला के बारे में 9 अनसुनी बातें)

गुलाम राजवंश के बाद दिल्ली पर तुगलक वंश राज था। इसके बाद साल 1450 से लेकर 1526 तक लोदी वंश ने राज किया। साल 1526 में दिल्ली में मुगल वंश की स्थापना की। इसके बाद 1857 की क्रांति के बाद मुगल वंश खत्म हो गया और अंग्रेजों कब्जा कर लिया।

इसे भी पढ़ें:जून में 4 दिन घूमने का लुत्फ उठाएं सिर्फ 1 दिन की छुट्टी लेकर, ऐसे बनाएं प्लान

दिल्ली का आधुनिक इतिहास क्या है?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लगभग 1903 ईस्वी के आसपास से लेकर आजादी तक दिल्ली अंग्रेजों के अधिक रहा और आजादी के बाद दिल्ली को स्वतंत्र भारत की राजधानी घोषित किया गया। अंग्रेजों के शासन काल में ही इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन जैसी इमारतों का निर्माण किया गया था।(इंडिया गेट के पास इन चीजों जरूर लुत्फ उठाएं)

दिल्ली कब देश की राजधानी बनी?

history of capital of india

इतिहास के अनुसार दिल्ली को राजधानी बनाने की घोषणा 12 दिसंबर 1911 को दिल्ली दरबार में की गई थी। इसके बाद औपचारिक रूप से दिल्ली 13 फरवरी 1931 को देश की राजधानी बनी। आपको यह भी बता दें कि इससे पहले (कलकत्ता) अब कोलकाता देश की राजधानी थी।

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो, तो इसे लाइक शेयर और कमेंट्स ज़रूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit:(@sutterstocks,freepik)

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP