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दून की गोद में छिपा है 'क्रेडल-शेप्ड' स्वर्ग! तैयार कर लें कैमरा, यहां हर 100 मीटर पर मिलता है एक 'पोस्टर-रेडी' नजारा

अगर आप ट्रैकिंग की शौकीन हैं, तो उत्तराखंड की हर की दून घाटी (Har ki Dun Valley) आपके लिए किसी सपने से कम नहीं है। ये जगह इतनी खूबसूरत है कि यहां हर कुछ कदम पर आपको ऐसा नजारा मिलेगा जो किसी पोस्टर या वॉलपेपर जैसा लगेगा। आप यहां द‍िसंबर से मार्च के बीच तक जा सकती हैं। यहां जाने के ल‍िए आपको कुछ खास बातों का ख्‍याल रखना होगा, इसके बारे में हमने आपको व‍िस्‍तार से जानकारी दी है।
Editorial
Updated:- 2025-11-12, 12:30 IST

भारत में घूमने के ल‍िए एक से एक जगहें माैजूद हैं। कई लोगों काे पहाड़ों पर जाना पसंद होता है, तो कुछ को बीच पसंद आते हैं। ठंड के मौसम में लोग ट्रैकि‍ंग करना पसंद करते हैं। बर्फीले पहाड़, बर्फ की सफेद चादर से ढके रास्‍ते, ठंडी हवाएं और शांत वातावरण मन को सुकून पहुंचाते हैं। भारत में ट्रैकि‍ंग के कई ऑप्‍शंस हैं। हालांक‍ि, एक ऐसा ट्रैक है, ज‍िसे आपको अपनी लाइफ में एक बार जरूर करना चाह‍िए।

अगर आप ट्रैकिंग की शौकीन हैं या सिर्फ नेचर के बीच कुछ दिन बिताना चाहती हैं, तो उत्तराखंड की हर की दून घाटी (Har ki Dun Valley) आपके लिए किसी सपने से कम नहीं है। ये जगह इतनी खूबसूरत है कि यहां हर कुछ कदम पर आपको ऐसा नजारा मिलेगा जो किसी पोस्टर या वॉलपेपर जैसा लगेगा। यहां जाने के ल‍िए आपको अपना कैमरा तैयार रखना होगा। हम आपको इस जगह के बारे में व‍िस्‍तार से जानकारी देने जा रहे हैं-

कहां है हर की दून वैली?

हर की दून एक ‘क्रेडल-शेप्ड’ यानी पालने जैसी वैली है, जो गोंविंद बल्लभ पंत नेशनल पार्क के बीच बसी हुई है। ये जगह समुद्र तल से करीब 3566 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और उत्तरकाशी जिले के गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में आती है। चारों ओर बर्फ से ढकी चोटियां, हरे-भरे जंगल और शांत वातावरण इसे जन्नत जैसा बनाते हैं।

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क्‍या है इसकी पौराणिक मान्यता?

कहा जाता है कि यही वो जगह है जहां पांडवों में सबसे बड़े युधिष्ठिर स्वर्गारोहिणी पर्वत से स्वर्ग गए थे। इस वजह से इस वैली को स्वर्ग का रास्‍ता भी कहा जाता है। यहां के रास्ते में आने वाले गांव जैसे ओसला, गंगाड़ और धातमीर करीब 3000 साल पुराने बताए जाते हैं। यहां के लोग आज भी पारंपरिक जीवन जीते हैं और आधुनिक तकनीक से काफी दूर हैं।

best snow trekking routes in india (1)

क्‍या है हर की दून की खासियत?

हर की दून में नेचर के हर रंग देखने को मिलते हैं। सर्दियों में ताे ये जगह बर्फ से ढक जाती है, तो गर्मियों में यहां की हरियाली और फूलों से भरे मैदान दिल जीत लेते हैं। अगर आप बर्फीले ट्रैक का मजा लेना चाहती हैं, ताे सर्दी का समय सबसे अच्छा है, जबकि नेचर लवर गर्मियों में आ सकते हैं। ये जगह गोंविंद पशु विहार वन्यजीव अभयारण्य के अंदर आती है, इसलिए यहां ट्रैकिंग के दौरान पक्षियों और जंगली जानवरों की झलक भी देखने को मिल सकती है।

नए ट्रैकर्स के लिए है बेहतरीन ऑप्‍शन

हर की दून का ट्रैक आसान माना जाता है, इसलिए नए ट्रैकर्स के लिए भी ये एक बेहतरीन ऑप्‍शन हो सकता है। रास्ते में धर्कोट से गंगाड़ तक का सफर बेहद सुंदर है। घने जंगलों, थामसा नदी के किनारे और लकड़ी के पुराने पुलों से गुजरता हुआ ये ट्रैक आपको किसी फिल्म के सेट जैसा अहसास कराता है।

दुर्योधन मंदिर भी है आकर्षण का केंद्र

क्लकत्याधार (Kalkatiyadhar) नाम की एक बड़ी वैली यहां की खास पहचान है। ये घास का मैदान इतना बड़ा और सुंदर है कि यहां से दिखने वाली स्वर्गारोहिणी पर्वत श्रृंखला का नजारा मन मोह लेता है। ओसला गांव में मौजूद दुर्योधन मंदिर भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। यहां के लोग मानते हैं कि वे महाभारत काल में कौरवों के सैनिकों के वंशज हैं। आप यहां भी जा सकती हैं।

आपको बता दें क‍ि हर की दून ट्रैक पर कई ऐसी जगहें हैं, जो कम जाने जाते हैं, लेकिन बेहद सुंदर हैं, जैसे देवसू थाच (Devsu Thatch)। ये घास का एक बड़ा मैदान है जो वसंत के मौसम में रंग-बिरंगे फूलों से भर जाता है। यहां से पूरी घाटी का नजारा किसी पेंटिंग जैसा लगता है। अगर आप ट्रैक‍िंग पर जा रही हैं, तो इसे भी देख सकती हैं।

कब जाएं हर की दून?

अगर आप हर की दून वैली में ट्रैक‍िंग करना चाहती हैं, तो द‍िसंबर से मार्च तक का समय बेस्‍ट होता है। इस दौरान बर्फ से पहाड़ ढके रहते हैं। नजारा एकदम स्‍वर्ग सा लगता है। यहां आपको छह से सात द‍िन का समय लग सकता है। आप यहां ट्रैक‍िंग के अलावा कैंप‍िंग और फोटोग्राफी भी कर सकती हैं।

कैसे पहुंचे हर की दून?

हर की दून वैली तक पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी बड़ा शहर देहरादून है।

  • हवाई मार्ग: देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट सबसे पास है।
  • रेल मार्ग: देहरादून रेलवे स्टेशन से सड़क मार्ग होकर पुरोला या तलुका गांव तक पहुंच सकती हैं, जो ट्रैक की शुरुआत का प्‍वाइंट है।
  • सड़क मार्ग: उत्तराखंड के बड़े शहरों से बस या टैक्सी के जरिए पुरोला तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

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क्यों जाएं हर की दून?

अगर आप भीड़-भाड़ से दूर, पहाड़ों की गोद में शांति और सुकून की तलाश में हैं, तो हर की दून आपके लिए एक परफेक्ट जगह है। यहां के नजारे इतने खूबसूरत हैं कि हर 100 मीटर पर कैमरा निकालने का मन करेगा। ये जगह सच में दून की गोद में छिपा हुआ स्वर्ग है। यहां चारों ओर बस सुंदरता ही सुंदरता बिखरी हुई है।

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हर की दून ट्रैवल ट‍िप्‍स

  • हर की दून ट्रैक को वैसे तो आसान माना जाता है, लेक‍िन इसमें दूरी बहुत ज्‍यादा तय करनी पड़ती है। इसलिए, आपको शरीर से एकदम फिट रहना चाहिए। थोड़ा वार्मअप करके ही जाएं।
  • अगर आपको अपना सामान उठाने में परेशानी होती है, तो आप खच्चर को किराए पर ले सकती हैं। ये खासकर ट्रैकिंग के मौसम में आसानी से मिल जाते हैं।
  • ट्रैक पर अपने साथ एक गाइड को रखना सबसे अच्छा होता है। गाइड को रास्ता अच्छे से पता होता है और वो आपको भटकने से बचाता है।

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Image Credit- Freepik

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