गुरु नानक देव जी को सिख धर्म के लोगों का देवता माना जाता है। उन्हें लोग सिख धर्म के पहले गुरु और सिखों के प्रमुख धार्मिक आदर्शों के संस्थापक के रूप में पूजते हैं। यह एक ऐसा पर्व है, जिसे केवल सिख ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं। इस पर्व के दिन वह जगह-जगह गुरुद्वारे में मत्था टेकने जाते हैं। लेकिन कई लोग हैं, जो आज भी भारत के प्रमुख गुरुद्वारे के बारे में नहीं जानते। ऐसे लोगों के लिए हम खास यह आर्टिकल लेकर आए हैं। इस आर्टिकल में आप एक ही जगह पर आप 10 प्रमुख गुरुद्वारों के लोकेशन के साथ-साथ उनके इतिहास के बारे में भी जान पाएंगे।
बंगला साहिब गुरुद्वारा
गोल्डन टेंपल के बाद दूसरा नाम दिल्ली में स्थित बंगला साहिब का लिया जाता है। गुरुद्वारों में न केवल सिख बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी आते हैं। गुरुद्वारा राजधानी का सबसे बड़ा पर्यटक स्थल भी है। यहां भोजन केंद्र 24 घंटे तक खुला रहता है। यहां श्रद्धालुओं की संख्या भी अधिक है।यहदिल्ली में बेस्ट गुरुद्वारामें से एक माना जाता है।
- किसने करवाया निर्माण- इसका निर्माण 1783 में सिख जनरल सरदार भगेल सिंह ने किया था। माना जाता है कि पहले यह यह राजा जय सिंह का बंगला हुआ करता था। लेकिन बाद में इसे गुरुद्वारे के रूप में परिवर्तित कर दिया गया।
- लोकेशन- दिल्ली
गोल्डन टेंपल
जब भी देश में सबसे बेस्ट और खास गुरुद्वारे की बात होती है, तो इसमें सबसे पहला नाम अमृतसर के गोल्डन टेंपल का आता है। इस जगह को अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। सिख धर्म का स्वर्ण मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। इसके साथ ही माना जाता है कि यहां विश्व की सबसे बड़ी लंगर सेवा होती है। प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु यहां भोजन करते हैं।
- किसने रखी नींव- माना जाता है कि टेंपल की नीम चौथे सिख गुरु, गुरु रामदास जी ने 1577 में रखी थी।
- लोकेशन- अमृतसर
गुरुद्वारा मटन साहिब
प्राकृतिक सुंदरता के बीच स्थित इस गुरुद्वारे की खूबसूरती हर किसी को यहां आने के लिए मजबूर करती है। माना जाता है कि 1517 में आए गुरु साहिब ने इस स्थान पर गुरमत और सिक्खी का प्रचार किया था। पहले लोग इस जगह को गुरु नानक देव जी के थड़े के रूप में बुलाते थे। लेकिन बाद में यहां गुरुद्वारे का निर्माण किया गया।
- इतिहास- इस स्थान पर गुरु नानक देवजी ने लोगों को प्रवचन दिया था। अपनी तीसरी यात्रा के दौरान गुरु साहिब यहां पानी के चश्मे के पास रुके थे।
- लोकेशन- जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले स्थित है।
नानक झीरा साहिब
यह शानदार गुरुद्वारा कर्नाटक में न्यू बस स्टैंड से सिर्फ 10 मिनट की पैदल दूरी पर है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन से न्यू बस स्टैंड तक मात्र 5 रुपये में सिटी बस ले सकते हैं।
- इतिहास- नानक झीरा साहिब का निर्माण 1948 में किया गया था।
- लोकेशन- कर्नाटक
तख्त सचखंड गुरुद्वारा
यह देश के सबसे फेमस गुरुद्वारों में से एक है। इसका नाम सिख धर्म के पांच तख्त साहिब में नाम आता है। अविश्वसनीय शांतिपूर्ण वातावरण और इसकी खूबसूरती इस जगह को सबसे अलग और सबसे खास बनाती है। यहपरिवार के साथ घूमने के लिए अच्छी जगहमें से एक है।
- इतिहास- माना जाता है कि यहीं पर सन् 1708 में सिक्खों के दसवें तथा अंतिम गुरु गोविंद सिंह ने अंतिम सांस ली थी। उनके प्रिय घोड़े दिलबाग भी उनके साथ थे।
- लोकेशन- महाराष्ट्र, यह नान्देड नगर में गोदावरी नदी के किनारे स्थित है।
अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
image credit- freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों