Chaitra Navratri In Gujarat At Devi Temples: चैत्र नवरात्रि का पावन त्योहार बहुत जल्द शुरू होने वाला है। जी हां, इस साल पूरे देश में 30 मार्च से लेकर 7 अप्रैल तक चैत्र नवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा।
चैत्र नवरात्रि हिन्दुओं का एक ऐसा त्योहार है, जिसे देश के लगभग हर कोने में बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि के दिनों में भक्त लोग उपवास रखते हुए माता दुर्गा का दर्शन भी करते हैं।
चैत्र नवरात्रि के शुभ मौके पर भक्त लोग माता के प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों का दर्शन भी करते हैं। मां दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिरों की बात होती है, तो कई लोग वैष्णो देवी या कामाख्या देवी का ही जिक्र करते हैं, लेकिन गुजरात में स्थित कई प्रसिद्ध मंदिरों को भूल जाते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको गुजरात में स्थित माता दुर्गा के प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप भी अपनी मुरादें लेकर चैत्र नवरात्रि में पहुंच सकते हैं।
अंबाजी मंदिर (Ambaji Temple)
गुजरात में स्थित सबसे प्रसिद्ध और पवित्र माता के मंदिरों का जिक्र होता है, तो कई लोग सबसे पहले अंबाजी मंदिर का ही जिक्र करते हैं। अंबाजी मंदिर गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मां दुर्गा को समर्पित है।
मां दुर्गा को समर्पित अंबाजी मंदिर मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक है। कहा जाता है कि अंबाजी मंदिर में देवी की कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि एक पवित्र श्री यंत्र की जिसकी पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि के मौके पर यहां देश के हर कोने से भक्त अपनी-अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं। नवरात्रि के मौके पर यहां मेला भी आयोजन होता है।
- दूरी-राजधानी गांधीनगर से अंबाजी मंदिर की दूरी करीब 147 किमी है।
कालिका माता मंदिर (Kalika Mata Temple)
अंबाजी मंदिर के बाद कालिका माता मंदिर को गुजरात का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। यह प्रसिद्ध मंदिर गुजरात के पंचमहल जिले में हालोल के पास पावागढ़ पहाड़ी की चोटी पर स्थित है।
कालिका माता मंदिर को मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मान्यता के अनुसार यहां देवी सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था। चैत्र नवरात्रि में यहां हजारों की संख्या में भक्त अपनी-अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं। नवरात्रि के मौके पर पूरे मंदिर परिसर को रंगीन लाइटों से सजा दिया जाता है।
- दूरी-राजधानी गांधीनगर से कालिका माता मंदिर की दूरी करीब 174 किमी है।
रुक्मिणी देवी मंदिर (Rukmini Devi Temple)
गुजरात में स्थित द्वारका के बारे में लगभग हर कोई जानता होगा। द्वारका को भगवान श्री कृष्ण की नगरी के नाम से जाना जाता है। द्वारका में ही स्थित रुक्मिणी देवी मंदिर, राज्य का एक प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर माना जाता है।
रुक्मिणी देवी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका इतिहास करीब 2500 साल पुराना है। मान्यता के अनुसार रुक्मिणी माता मंदिर भगवान कृष्ण की रानी की याद में बनाया गया है। चैत्र नवरात्रि के मौके पर यहां राज्य के हर कोने से लोग दर्शन करने पहुंचते हैं। नवरात्रि के मौके पर द्वारका की खूबसूरती और भी अधिक बढ़ जाती है।
- दूरी-राजधानी गांधीनगर से रुक्मिणी देवी मंदिर की दूरी करीब 473किमी है।
आशापुरा माता मंदिर (Ashapura Mata Temple)
गुजरात के कच्छ जिले में स्थित आशापुरा माता मंदिर, राज्य का एक प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर माना जाता है। यह मंदिर कच्छ के गोसर और पोलादिया समुदाय के लोग अपनी कुलदेवी मानते हैं। यह हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल भी माना जाता है।
आशापुरा माता मंदिर के इतिहास को लेकर कहा जाता है कि इसका निर्माण 4 वीं शताब्दी में बनाया गया था। चैत्र नवरात्रि में यहां हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। कहा जाता है कि नवरात्रि में यहां जो भी सच्चे मन से पहुंचता है, वो कभी खाली हाथ नहीं लौटता है।
- दूरी -राजधानी गांधीनगर से आशापुरा माता मंदिर की दूरी करीब 349 किमी है।
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Image@pavagadh_temple_51,ambajitempletrustofficial/insta
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