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Gopinath Mandir: भगवान शिव का अनोखा मंदिर, यहां गोपी रूप की होती है पूजा, दर्शन मात्र से मुरादें होती हैं पूरी

उत्तराखंड की हसीन वादियों में मौजूद गोपीनाथ मंदिर का दर्शन करना किसी भी शिव भक्त के लिए सपना हो सकता है, क्योंकि यहां शिव की पूजा गोपी के रूप में होती है।  
Editorial
Updated:- 2024-08-02, 17:24 IST

About Shri Gopinath Mandir: उत्तराखंड देश का एक प्रमुख राज्य होने के साथ-साथ एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र भी माना जाता है। इसलिए यहां हर साल लाखों देशी और विदेशी पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं।

उत्तराखंड सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि कई पवित्र और प्रसिद्ध मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। इसलिए उत्तराखंड को देव भूमि के नाम से भी जाना जाता है।

उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ, बद्रीनाथ और तुंगनाथ जैसे चर्चित मंदिरों के बारे में लगभग हर कोई जानता है, लेकिन गोपीनाथ मंदिर के बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे, जहां भगवान शिव की पूजा गोपी के रूप में होती है।

इस आर्टिकल में हम आपको गोपीनाथ मंदिर का इतिहास और इससे जुड़ी कुछ पौराणिक कहानियों के बारे में बताने जा रहे, जहां आपको भी एक बार जरूर जाना चाहिए।  

श्री गोपीनाथ मंदिर कहां है? (Whre Shri Gopinath Mandir)

History of Gopinath Temple

गोपीनाथ मंदिर की पौराणिक कथा के बारे में जानने से पहले आपको यह बता देते हैं कि यह मंदिर कहां है। यह पवित्र मंदिर चमोली जिले के गोपेश्वर में मौजूद हैं। कहा जाता है कि यह मंदिर बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम मार्ग का केंद्र बिंदु है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोपीनाथ मंदिर से करीब 42 किमी और बद्रीनाथ से करीब 92 किमी की दूरी पर है। इसके अलावा कर्णप्रयाग से 38 किमी और नंदप्रयाग से करीब 17 किमी की दूरी पर है।

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गोपीनाथ मंदिर का इतिहास (History of Gopinath Temple)

Shri Gopinath Mandir

गोपीनाथ मंदिर पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। जी हां, इस पवित्र मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण 9वीं शताब्दी से लेकर 11वीं शताब्दी के बीच कत्यूरी शासकों की ओर से किया गया था।

गोपीनाथ मंदिर के लेकर कई लोगों का मानना है कि इस मंदिर में मौजूद अभिलेखों से कत्यूरी शासकों व नेपाली शासकों के इतिहास का भी संबंध है। यहां 13वीं शताब्दी से जुड़े कुछ अभिलेख भी मौजूद हैं। हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि यह मंदिर आदि काल से चमोली की धरती पर मौजूद है। (उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध शिव मंदिर)

गोपीनाथ मंदिर की पौराणिक कथा (Gopinath Temple Uttarakhand Mythology)

Gopinath Temple Uttarakhand Mythology

गोपीनाथ मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा काफी रोचक है। जी हां, इस पवित्र मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह एक ऐसा शिव मंदिर है, जहां शिवलिंग की पूजा गोपी के रूप में की जाती है।

गोपीनाथ मंदिर को लेकर एक अन्य पौराणिक कथा है कि जब कामदेव ने भगवान शिव के ध्यान को भंग करने की कोशिश की थी तो शिव ने मारने के लिए जो त्रिशूल फेंका था वो इस मंदिर प्रांगण में मौजूद है। इसलिए यहां स्थित त्रिशूल को भी काफी पवित्र माना जाता है।

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भक्तों की भीड़ उमड़ती हैं यहां (Gopinath Temple Uttarakhand)

Gopinath Temple Uttarakhand

गोपीनाथ मंदिर शिव भक्तों के लिए बेहद ही खास मंदिर माना जाता है। माना जाता है कि यहां भी सच्चे मन से दर्शन करने पहुंचता है, उसकी सबसे मुरादें पूरी हो जाती हैं।

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के मौके पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ राज्य के हर कोने से भक्त यहां पहुंचते हैं। इसके अलावा सावन में सोमवार के दिन यहां हजारों लोग गंगा जल अर्पित करने के लिए पहुंचते हैं। 

 

     

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