पूरी दुनिया में बहुत अजीबोगरीब चीज़ें हैं और प्रकृति के इन अजूबों को देखकर लगता है कि जैसे ये किसी दूसरी दुनिया का हिस्सा हों। कई लोग अलग-अलग जगहों पर ट्रैवल करना पसंद करते हैं और कई को अनोखी और अलौकिक दिखने वाली चीज़ों के बारे में पढ़ना पसंद होता है, लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि धरती पर कुछ जगहें ऐसी हैं जहां प्रकृति खूबसूरती और अलौकिक नजारों का अनूठा मेल देखने को मिलता है तो आप क्या कहेंगे?
आज हम आपको कुछ ऐसे ही तालाबों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जो इस दुनिया के होते हुए भी दूसरी दुनिया का हिस्सा लगते हैं। ये हैं दुनिया के सबसे ज्यादा रहस्यमयी तालाब।
रशिया में मौजूद ब्लू लेक किसी रहस्य से कम नहीं है। इस तालाब में पानी किसी नदी या झरने से नहीं बल्कि अंडरग्राउंड स्रोत से आता है। इसका गलरा नीला रंग इसे और आकर्षक तो बनाता है साथ ही इसकी 258 मीटर की गहराई इसके रहस्य को और भी बढ़ाती है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तालाब के नीचे दुनिया का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड वॉटर केव सिस्टम हो सकता है, लेकिन इसपर काफी समय से रिसर्च चल रही है।
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ये दुनिया के सबसे खतरनाक तालाबों में से एक है जिसका पानी ब्राइट ऑरेंज रंग का है। इस तालाब में फंसे हुए जीव, पक्षी आदि ममीफाई हो जाते हैं और पत्थर जैसी आकृति में तब्दील हो जाते हैं। ये इस लेक में मौजूद माइक्रो ऑर्गेनाइज्म की वजह से होता है। ऐसा नहीं है कि इस लेक में आपको जीवन नहीं मिलेगा। कुछ छोटी प्रजाती के जीव-जंतु यहां मौजूद हैं, लेकिन मरने के बाद वो भी उसी तरह ममीफाई हो जाते हैं मानो कुदरत उनपर एक परत चढ़ा देती हो। ऐसा इस लेक में मौजूद सोडा साल्ट की वजह से होता है। यही कारण है कि मरने के बाद भी इस लेक में कोई शरीर डिकम्पोज नहीं होता। (क्या सच में विलुप्त हो गई है सरस्वती नदी?)
इसका नाम और इसकी आकृति देखकर आप समझ ही गए होंगे कि ये छोटे-छोटे तालाबों का एक समूह है। रिसर्च बताती है कि इस तालाब में बहुत तरह के मिनरल्स मौजूद हैं और इसलिए इसके अलग-अलग गड्ढों में अलग-अलग रंग का पानी मौजूद है।
ऑस्ट्रेलिया में मौजूद ये तालाब बबल गम पिंक रंग का है। इसका पानी देखकर कई लोगों को शॉक लगता है कि आखिर इस गुलाबी रंग के पानी का मतलब क्या है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा एक खास तरह के बैक्टीरिया की वजह से हुआ है तो इस तालाब की गहराई में रहता है। (जानें भारत के ये सबसे यूनिक म्यूजियम्स के बारे में)
रूपकुंड तालाब को स्केलेटन लेक भी कहा जाता है। उत्तराखंड के ऊपरी हिस्से में मौजूद रूपकुंड तालाब में कंकाल मौजूद हैं। इसे 1942 में खोजा गया था और माना जाता है कि ये 9वीं सदी से यहां मौजूद हैं। वैज्ञानिकों और इतिहासकारों का मानना है कि ये कन्नौज के राजा जसधावल (730-1036 CE), उनकी प्रेग्नेंट पत्नी, और उनकी प्रजा के कंकाल हैं जो नंदा देवी यात्रा पर निकले थे और एक तूफान के कारण ये सभी रूपकुंड तालाब के पास डूब गए।
ये मान पाना थोड़ा मुश्किल है कि किसी मानव निर्मित तालाब की खूबसूरती ऐसी हो सकती है, लेकिन पास में ही एक डैम बनने के कारण ये खूबसूरत लेक तैयार हुआ है। इसका पानी गहरे नीले रंग का है जो यहां के ग्लेशियल रॉक्स के कारण आया है। इसे अलग बनाते हैं अनोखे आइस बबल्स जो तालाब की सतह के नीचे रहते हैं। ये सर्दियों के महीने में सबसे खूबसूरत लगता है।
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इस तालाब का पानी काफी एसिडिक है। इतना कि इसके अंदर कुछ भी जाए वो मिनटों में मर जाता है और उसका शरीर भी एसिड के कारण पिघल जाता है। ये नेचुरल सल्फ्यूरिक एसिड की वजह से होता है। ऐसा माना जाता है कि इटली के माफिया वाले इस तालाब में अपने दुश्मनों को मारकर डाल देते थे और क्योंकि इसमें जाते ही सब कुछ पिघल जाता है तो उनके बारे में कुछ पता भी नहीं चल पाता था। हालांकि, इसे लेकर कोई पुष्टीकरण नहीं है पर इतना जरूर मानना होगा आपको कि इस तालाब से दूर रहने में ही भलाई है।
ये सारे अलग-अलग जगहों में मौजूद बहुत ही अनोखे तालाब हैं जो पृथ्वी के रहस्यों की एक छोटी सी झलक दिखाते हैं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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