गोवा को भारत का फन कैपिटल कहा जाता है। वजह है यहां के सुंदर बीच, होटल और रेस्तरां में होती पार्टीज और खूब सारी अल्कोहल और फन एक्टिविटीज। यह अपने समुद्र तटों, आकर्षक नाइटलाइफ और पुराने स्मारकों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यह भारत में सबसे लोकप्रिय और भीड़-भाड़ वाले पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसमें दुनिया भर के कई लोग आते हैं और कई बार तो यहां बस भी जाते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में, गोवा राज्य में आने वाले डोमेस्टिक पर्यटकों की संख्या लगभग 7.1 मिलियन थी, जबकि विदेशी पर्यटकों की संख्या 0.9 मिलियन से अधिक थी। सोचिए लोग इस जगह को कितना पसंद करते हैं। लेकिन बात करें गोवा से जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स की, तो लोग इसके बारे में कम ही जानते हैं। आज हम आपको आपके फेवरेट राज्य से जुड़ी ऐसी ही कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं।
गोवा एक छोटा सा राज्य है, लेकिन अन्य राज्यों की तुलना में गोवा में शराब सस्ती होने के कारण, एक बड़ी संख्या में यहां बार होना आश्चर्य की बात नहीं है। गोवा में कुल मिलाकर लगभग 7000 बार हैं और उनमें से लगभग सभी को अल्कोहल सर्व करने का लाइसेंस प्राप्त है।
गोवा का नेवल एविएशन संग्रहालय अपनी तरह का और एशिया का पहला संग्रहालय है। दुनिया में ऐसे केवल छह अन्य संग्रहालय हैं। गोवा का यह संग्रहालय भारत के नेवल एविएशन इतिहास को प्रदर्शित करता है। इस संग्रहालय में भारत का पहला एयरक्राफ्ट भी देखा जा सकता है। इसके अलावा कंटेम्पररी एयरक्राफ्ट, जेट ट्रेनर, हेलीकॉप्टर और युद्धों में उपयोग किए जाने वाले प्रसिद्ध विमान भी यहां डिसप्ले में लगाए गए हैं।
क्या आप जानते हैं कि गोवा में भारत का पहला प्रिंटिंग प्रेस और मेडिकल स्कूल है? कथित तौर पर, पुर्तगालियों के शासनकाल के दौरान, यहां 18वीं शताब्दी में यहां मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई थी। विशेष रूप से, कॉलेज आज भी एशिया के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेजों में से एक है। इसके अलावा, 1956 में भारत की पहली प्रिंटिंग प्रेस यहां शुरू की गई थी। इसे गोवा के सेंट पॉल कॉलेज में लगाया गया था। दिलचस्प बात यह है कि यह प्रिंटिंग प्रेस एशिया की फर्स्ट-एवर प्रेस है।
भारत के पार्टी कैपिटल में एक और चीज ऐसी है, जिसे जानकर आपको आश्चर्य होगा। गोयंचो साईब (गोवा के भगवान) का अविनाशी शरीर, जिसे सेंट फ्रांसिस जेवियर भी कहा जाता है। यह ओल्ड पुर्तगाली सेंटर में आज भी प्रदर्शन के लिए रखा गया है। कहा जाता है कि इसे 16वीं शताब्दी में लाइम स्लेक में रखकर गोवा पहुंचाया गया था और आश्चर्य की बात यह थी कि उनका शरीर नॉन-डिकंपोजिंग रहा। उनका शरीर आज भी एक ग्लास केस में डिसप्ले के लिए रखा गया है, जिसे हर साल सैकड़ों पर्यटक देखने आते हैं।
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दूधसागर वॉटरफॉल 310 मीटर (1017 फीट) की ऊंचाई और 30 मीटर (100 फीट) की औसत चौड़ाई के साथ भारत के सबसे ऊंचे झरने में से एक है। यह वेस्टर्न घाट में भगवान महावीर अभयारण्य और मोलेम राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। कहा जाता है कि इसका नाम एक राजकुमारी के बाद पड़ा, जो यह अक्सर स्नान किया करती थी। एक दिन इसी तरह स्नान करते हुए, उन्हें कुछ राहगुजर देखने लगे। लोग उन्हें न देखें इसके लिए उन्होंने अपने पास रखा दूध का जग उड़ेलना शुरू किया, जिससे एक पतले पर्दे की छाया बन गई। इसी किंवदंती पर इसका नाम दूध का सागर, दूधसागर फॉल पड़ा।
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यहां पार्टी करने वाले लोगों को कितना अच्छा लगता होगा, अपने आसपास ढेरों बीच और बार्स देखकर। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोवा का 1/3 हिस्सा तो सिर्फ जंगल ही है।भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई), देहरादून द्वारा जारी इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2019 के अनुसार, गोवा का वन क्षेत्र 2,237 वर्ग किमी है, जिसमें से 1,225 वर्ग किमी वन क्षेत्र के रूप में दर्ज किया गया है। यही कारण भी है कि यह अद्भुत फ्लोरा और फौना के लिए प्रसिद्ध है। यहां लगभग 400 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं। वहीं इन जंगलों में 40 से अधिक प्रकार के जानवर और रेप्टाइल्स पाए जाते हैं।
ऐसे ही कुछ अन्य दिलचस्प फैक्ट्स के बारे में हम आपको बताते रहेंगे। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: unsplash, tourmyindia, goatourism
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