Highest Shiva Temples In Uttarakhand: पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण भारत में ऐसे कई प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर हैं, जहां हजारों भक्त अपनी-अपनी मुराद लेकर पहुंचते हैं।
देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड के पहाड़ों में भी एक से एक प्रसिद्ध और पवित्र शिव मंदिर मौजूद है। इसलिए उत्तराखंड को 'देव भूमि' के नाम से भी जाना जाता है। उत्तराखंड में स्थित शिव मंदिरों में हर साल लाखों श्रद्धालु अपनी-अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको उत्तराखंड में स्थित 4 सबसे ऊंचे शिव मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप भी अपनी मुराद लेकर पहुंच सकते हैं। इन मंदिरों में सच्चे मन से मांगी हर मुराद पूरी हो जाती है।
तुंगनाथ मंदिर (Tungnath Temple)
उत्तराखंड की हसीन वादियों में स्थित सबसे पवित्र और सबसे ऊंचे शिव मंदिर की बात होती है, तो हजारों लोग सबसे पहले तुंगनाथ मंदिर का ही नाम लेते हैं। यह प्रसिद्ध मंदिर करीब 3 हजार मीटर यानी लगभग 12 हजार से भी अधिक फीट की ऊंचाई पर मौजूद है।
तुंगनाथ मंदिर को सिर्फ उत्तराखंड या भारत का ही नहीं, बल्कि विश्व का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है। तुंगनाथ मंदिर, भारत के सबसे प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से तुंगनाथ मंदिर का दर्शन करने पहुंचता है उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। इसे पंच केदार मंदिरों में से एक माना जाता है।
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रुद्रनाथ मंदिर (Rudranath Temple)
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित रुद्रनाथ एक प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है। रुद्रनाथ मंदिर को पंच केदार मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर समुद्र तल से करीब 11,800 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है। यह उत्तराखंड दूसरा सबसे उंचा शिव मंदिर माना जाता है।
रुद्रनाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस पवित्र और प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण महाभारत काल के किया था। पौराणिक मान्यता के अनुसार रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शिव के बैल रुपी अवतार का मुख प्रकट हुआ था। कहा जाता है कि यहां जो भी सच्चे मन से दर्शन करने पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।
केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple)
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ भारत के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र शिव मंदिरों में से एक है। यह मंदिर 3 हजार से अधिक मीटर यानी करीब 11,775 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है। यह उत्तराखंड तीसरा सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है।
केदारनाथ मंदिर हिंदुओं का सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थल भी माना जाता है। केदारनाथ की यात्रा देश की सबसे पवित्र यात्रा में से एक मानी जाती है। यात्रा में लाखों भक्त शामिल होते हैं। यह मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। केदारनाथ मंदिर पांच केदार में से भी एक है। आपको बता दें कि इस साल 2 मई से केदारनाथ की यात्रा शुरू हो चुकी है।
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मध्यमहेश्वर मंदिर (Madhyamaheshwar temple)
मध्यमहेश्वर मंदिर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित सबसे प्रसिद्ध और पवित्र शिव मंदिरों में से एक है। मध्यमहेश्वर मंदिर 3 हजार से अधिक मीटर यानी करीब 11,473 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है। यह उत्तराखंड चौथा सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है।
भगवान शिव को समर्पित मध्यमहेश्वर मंदिर को कई लोग मद्महेश्वर के नाम से भी जानते हैं। मध्यमहेश्वर मंदिर पंच केदार मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में शिव की नाभि का रूप में पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण किया था। मान्यता है कि यहां जो भी सच्चे मन से दर्शन करने पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।
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Image@freepik,tungnath.official
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