Hemkund Sahib Yatra 2025 के दौरान नहीं देखी ये जगहें, तो होगा अफसोस

How to reach Hemkund Sahib: श्री हेमकुंड साहिब यात्रा की शुरुआत 25 मई 2025 से हो जाएगी। यह 20 किमी की लंबी पैदल यात्रा है, जिसकी शुरुआत गोविंदघाट से होती है। ऋषिकेश से गोविंदघाट तक आप अपनी गाड़ी या बस से आ सकते हैं, इसके बाद आपको गोविंदघाट से चढ़ाई करनी होगी। यहां आपको पालकी की सुविधा भी मिलती है।
3 beautiful places to visit during hemkund sahib yatra 2025

उत्तराखंड के धार्मिक और ट्रैकिंग स्थलों में से एक हेमकुंड साहिब यात्रा, बर्फ से ढके पहाड़ों से होकर गुजरती है। यह बर्फ से घिरी एक झील है। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब सात बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरा हुआ है। इससे आप समझ सकते हैं कि यहां का नजारा कितना अद्भुत होगा। इसलिए इस जगह को सप्त श्रृंग के नाम से भी जाना जाता है। यहां दर्शन के लिए आने वाले लोग गुरुद्वारे के बाहर स्थित हिमालय की चोटियों के बीच हेमकुंड की झील में स्नान भी कर लेते हैं। यह एक खूबसूरत झील है जो हिंदुओं और सिखों के लिए एक पवित्र स्थल है। अगर आप भी इस बार हेमकुंड साहिब यात्रा में शामिल होने जा रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके काम आएगा। आज के इस आर्टिकल में हम आपको हेमकुंड साहिब तक पहुंचने के लिए रास्ते में पड़ने वाले कुछ अच्छी जगहों के बारे में बताएंगे। जहां आपको जरूर जाना चाहिए।

हेमकुंड साहिब यात्रा के दौरान रास्ते में पड़ने वाली खूबसूरत जगहें (Places to visit near Hemkund Sahib)

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वैली ऑफ फ्लावर्स- ऐसा कोई भी यात्री नहीं होगा, जो इस यात्रा के दौरान वैली ऑफ फ्लावर्स का नजारा देखने न जाए। उत्तराखंड राज्य के चमोली में स्थित यह जगह इतनी ज्यादा खूबसूरत है, जिससे आप अपनी नजरें हटा नहीं पाएंगे। यहां आप जितनी दूर नजर घुमाएंगे, उतनी दूरी तक आपको फूल ही नजर आएंगे। यह एक सपने की तरह लगता है।यहां आपको फूलों के नजारे के साथ-साथ शियाई काले हिरण, हिम तेंदुआ, कस्तूरी मृग, लाल लोमड़ी, भूरे भालू और नीली भेड़ जैसे जानवरों को भी देखने का मौका मिलेगा। समुद्र तल से 3352 से 3658 मीटर ऊपर, फूलों की इस घाटी का नजारा देखने के बाद आपको भी अहसास होगा, कि प्रकृति कितनी खूबसूरत है। इस वैली को 14 जुलाई 2005 को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।

  • लोकेशन- उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में बद्रीनाथ के पास
  • समय- सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक ही आप फूलों का नजारा देख पाएंगे।
  • खुलने का दिन- 1 जून से यह पर्यटकों के लिए खुलने वाला है। इसके बाद 4 अक्टूबर तक आप यहां आ सकते हैं।

गोबिंद धाम

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गोबिंद धाम और हेमकुंड साहिब के बीच की दूरी करीब छह-सात किलोमीटर है। हालांकि, लोग यहां बहुत कम जाते हैं, क्योंकि इतनी चढ़ाई करना और भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन फिर भी जो लोग, श्रद्धा रखते हैं, वह इस चढ़ाई को भी पूरा कर जाते हैं। हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह अंतिम पड़ाव है। कई लोग पहले हेमकुंड साहिब जाने के बाद हेमकुंड गोबिंद धाम जाते हैं, तो वहीं कई लोग पहले गोबिंद धाम जाकर, नीचे उतरते हुए हेमकुंड साहिब रुकते हैं। यहां आप रात भी गुजार सकते हैं। क्योंकि, यहां हजारों श्रद्धालुओं के रुकने की सुविधा है, कंबल और बिस्तर की कोई कमी नहीं है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं की सेवा में चौबीस घंटे एक निःशुल्क रसोई घर खुला रहता है। यह भारत केसबसे प्रसिद्ध गुरुद्वारे में से एक है।

गोविंदघाट गुरुद्वारा (Best time to visit Hemkund Sahib)

हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु यहां रुककर आगे बढ़ते हैं। क्योंकि, आगे की चढ़ाई मुश्किल होती है। गोविंदघाट गुरुद्वारा में श्रद्धालुओं के लिए लंगर और रहने की भी सुविधा मिलती है। ट्रेक पर जाने से पहले श्रद्धालु यहां रुक कर शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को तैयार करते हैं। यहां से आपको समय से निकलना जरूरी है, क्योंकि हेमकुंड साहिब में आप रात नहीं गुजार सकते।

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image credit- freepik,Hemkund Sahib official

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