Lucknow To Mathura Vrindavan Holi Trip: होली हिंदुस्तान का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार माना जाता है। इस साल पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण भारत में 13 मार्च को छोटी होली और 14 मार्च को बड़ी होली का त्योहार मनाया जाएगा।
देश की किसी शानदार और चर्चित जगह रंगों का त्योहार यानी होली मनाने की बात होती है, तो हजारों लोग सबसे पहले मथुरा या वृंदावन का ही जिक्र करते हैं। वृंदावन में सिर्फ देशी ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी होली सेलिब्रेट करने के लिए पहुंचते रहते हैं, क्योंकि यहां होली 1 सप्ताह पहले ही शुरू हो जाती है।
अगर आप भी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ या आसपास के इलाकों में रहते हैं, तो हम आपको लखनऊ से वृंदावन के लिए 2 दिनों का शानदार ट्रिप बताने जा रहे हैं। सफर में आप कई शानदार जगहों को एक्सप्लोर भी कर सकते हैं।
लखनऊ से वृंदावन पहुंचना बहुत ही आसान है। इसके लिए आप ट्रेन, बस या पर्सनल गाड़ी के माध्यम से बहुत आसानी से पहुंच सकते हैं। हालांकि, अगर आप लखनऊ से वृंदावन फ्लाइट से पहुंचना चाहते हैं, तो सफर उल्टा और महंगा पड़ सकता है।
ट्रेन के द्वारा- अगर आप लखनऊ से वृंदावन ट्रेन के द्वारा पहुंचना चाहते हैं, तो ट्रेन संख्या 22531, 19716 और 13239 टिकट बुक कर सकते हैं। इन ट्रेनों में स्लीपर का टिकट करीब 250-300 रुपये और 3 एसी में करीब 800-900 रुपये होता है।
बस के द्वारा- अगर आप बस के द्वारा लखनऊ से वृंदावन जाने चाहते हैं, तो लखनऊ बस स्टैंड से मथुरा के लिए बस चलती रहती है। बस का किराया करीब 1000-1500 रुपये के बीच में हो सकता है।
पर्सनल गाड़ी से- अगर आप पर्सनल गाड़ी से लखनऊ से वृंदावन जाना चाहते हैं, तो लखनऊ से वृंदावन की दूरी करीब 398 किमी है और इसके लिए आप लखनऊ एक्सप्रेसवे पकड़ सकते हैं। हालांकि, पर्सनल गाड़ी से वृंदावन पहुंचने में खर्च अधिक लग सकता है और समय भी।
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भगवान कृष्ण की नगरी यानी वृंदावन देश का एक प्रमुख और चर्चित तीर्थ स्थल माना जाता है। यहां सिर्फ देशी और ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी घूमने और होली सेलिब्रेट करने के लिए पहुंचते हैं। इसलिए यहां होटल भी आसानी से मिल जाते हैं।
अगर आप वृंदावन में ठहरने के लिए सस्ते में आश्रम, धर्मशाला और होटल तलाश कर रहे हैं, तो फिर आप बालाजी आश्रम, श्री गोविंद धाम आश्रम, माता पीतांबरा आश्रम और श्री राधा अष्टमी सेवा आश्रम में करीब 200-500 रुपये के बीच में रूम मिल जाते हैं। कृष्ण जन्मस्थली के आसपास में भी सस्ते आश्रम और धर्मशाला मिल जाते हैं।
अगर आओ होली के मौके पर कृष्ण जन्मस्थली या वृंदावन जा रहे हैं और इन दोनों ही जगहों पर खाने को कोई खर्च नहीं करना चाहते हैं, तो फिर आप भंडारा या लंगड़ में खाना खा सकते हैं।
जी हां, होली के शुभ मौके पर कृष्ण जन्मस्थली या वृंदावन में कई जगह भंडारा और लंगड़ का आयोजन होता है, जहां भक्त और पर्यटकों को फ्री में खाना दिया जाता है। याद है, जब लेखक भी होली के मौके पर वृंदावन पहुंचा था, तो भंडारा और लंगड़ में ही खाना खाया था। अगर आप किसी होटल में खाना खाते हैं, तो 100-200 रुपये में पेट भरकर खाना खा सकते हैं।
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अगर आप होली पर कृष्ण जन्मस्थली या वृंदावन जा रहे हैं, तो आपको यह जरूर मालूम होना चाहिए कि होली के मौके पर कौन-कौन से मंदिर खुले रहते हैं। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि होली के दिन वृंदावन में सिर्फ बांके बिहारी मंदिर ही खुला रहता है। इसके अलावा, कृष्ण जन्मस्थली का द्वार भी भक्तों के लिए खुला रहता है।
आपको बता दें कि जब लेखक होली के दिन वृंदावन पहुंचा था, तो प्रेम मंदिर के से लेकर इस्कॉन मंदिर का दरवाजा बंद था। उस समय कहा जा रहा था कि मंदिरों में इस्तेमाल सफेद संगमरमर की वजह से इन्हें बंद कर दिया है ताकि रंग के दाग न लगे।
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