भारत विविधता वाला देश है और अलग-अलग तरह की संस्कृति इसकी खूबसूरती को बखूबी बयान करती हैं। इस देश में कई राजवंशों ने राज किया है...यही वजह है कि इस देश में कई ऐसे मशहूर और पुराने मकबरे हैं, जिन्हें देखने पर यह साफ पता लगता है कि इन्हें कितनी कलाकारी और मोहब्बत से तैयार किया गया है। आज ये तमाम मकबरे या इमारते इतिहास में एक अहम स्थान रखते हैं, जो वक्त के साथ-साथ पर्यटकों के लिए पसंदीदा स्थल बन गए हैं।
वहीं, भारत के कई ऐसे सैकड़ों साल पुराने मकबरे हैं, जिनकी वास्तुकला विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं जैसे- ताजमहल, लाल किला, हुमायूं का मकबरा आदि। मगर क्या आपको पता है कि इन सुंदर इमारतों और स्मारकों को किसने बनवाया था? तो आइए इस लेख में जानने की कोशिश करते हैं।
ताजमहल बनाने वाले कारीगर का नाम क्या है?
वैसे तो इस खूबसूरत मकबरे का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने 1632 में किया था। मगर यह मकबरा 1643 में बनकर तैयार हुआ था। बता दें कि यह मकबरा 17-हेक्टेयर (42 एकड़) जगह पर फैला हुआ है, जिसमें एक मस्जिद और एक गेस्ट हाउस भी है।
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इस महल को बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है, जिसे अफगान फारसी वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी ने बनवाया था। बता दें कि अहमद लाहौरी पाकिस्तान में रहते थे, जिन्होंने मुगल काल में अपनी कला का काफी विस्तार किया था।
हुमायूं का मकबरा बनाने वाले कारीगर का नाम क्या है?
यह तो आपको पता होगा कि हुमायूं का मकबरा आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया संरक्षित इमारत है। कहा जाता है कि हुमायूं के मकबरे का निर्माण उनकी पहली पत्नी हाजी बेगम ने करवाया था। यह सन् 1572 में बनकर तैयार हुआ था।
इसे भारत का पहला गार्डन मकबरा माना जाता है। साथ ही इसमें पहली बार बड़े पैमाने पर लाल सैंड स्टोन पत्थर का इस्तेमाल किया गया था। वहीं, इस खूबसूरत इमारत को 1547 में वास्तुकार मिराक मिर्जा घायथ ने डिजाइन किया था। बेशक इस टोम्ब को हुमायूं का मकबरा कहा जाता है।
मगर, यहां आपको कई मकबरे देखने को मिलेंगे। कुछ पर आपको नाम लिखा मिल जाएगा तो कुछ पर नहीं। फिलहाल आप यहां आए तो नाई का मकबरा, ईसा खान की मस्जिद और मकबरा, अरब सराया, नीला गुंबद और बू हलीमा का मकबरा जरूर देखें।
लोटस टेंपल बनाने वाले कारीगर का नाम क्या है?
लोटस टेम्पल को बहाई हाउस ऑफ उपासना या बहाई मशरिकुल-अधार मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, जो आधुनिक समय में देश के सर्वश्रेष्ठ वास्तुशिल्प चमत्कारों में से एक है। सफेद संगमरमर की संरचना को 20 वीं शताब्दी का ताजमहल भी कहा जाता है, लेकिन यह वास्तुकला के एक शानदार टुकड़े से बहुत अधिक है।
लोटस टेंपल का निर्माण 1986 में पूरा हुआ था। इस टेम्पल को इसकी फूल जैसी आकृति के लिए जाना जाता है और ये मंदिर किसी भी धर्म में भेद किए बिना ही सभी धर्मों को समानता से देखता है। कहा जाता है कि मंदिर को आर्किटेक्ट फरिबोर्ज साहबा ने बनाया था।
हवा महल बनाने वाले कारीगर का नाम क्या है?
आज यह शहर के सबसे लोकप्रिय टूरिस्ट अट्रैक्शन में से एक है। हवा महल को हमेशा भगवन श्री कृष्णा से जोड़कर देखा जाता है। हवा महल का निर्माण 1799 में रॉयल सिटी पैलेस के विस्तार के रूप में बनाया था। कहा जाता है कि इस इमारत को बनवाने वाले राजा सवाई प्रताप सिंह श्री कृष्ण भगवान के प्रति बहुत ही भक्ति और श्रद्धा रखते थे।
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इसकी वजह से उन्होंने हवा महल को श्री कृष्ण के ताज के समान बनवाया था। कहा जाता है कि इस महल को डिजाइन लालचंद उस्ताद ने किया था। इस संरचना के डिजाइन के पीछे मूल उद्देश्य यह था कि शाही दरबार की महिलाएं, जो बाहर नहीं जा सकती थीं।
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Image Credit- (@Freepik)
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