राजस्थान पूरी दुनिया के सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। इस शहर की बात ही अलग है, यहां का राजपूताना और शाही खाना हर किसी को लुभाता है। यहां पुराने महलों और उनकी वास्तुकला को देखना अपने आप में एक्साइटिंग एक्सपीरियंस है।
यहां की जीवंत संस्कृति और ट्रेडिशनल लाइफस्टाइल महिलाओं को विशेष रूप से अपनी तरफ आकर्षित करता है। अगर आप राजस्थान के जयपुर, उदयपुर जैसे पॉपुलर डेस्टिनेशन्स की सैर कर चुके हैं। नई ऑफबीट जगहों पर जाने के लिए उत्सुक हैं, तो यहां स्थित झीलों को भी एक्सप्लोर किया जा सकता है।
इस शहर में खूबसूरत झीलों की भरमार है, जिसका दीदार हम सभी लोगों को करना चाहिए। अगर हम आपसे कहें कि इस बार आनासागर झील को एक्सप्लोर करें, क्योंकि इसका इतिहास काफी रोचक रहा है।
क्या है आनासागर झील का इतिहास?
आनासागर झील का निर्माण 12वीं शताब्दी में चौहान राजा अर्णोराज (अनाजी) ने करवाया था। बता दें कि यह पृथ्वीराज चौहान के दादा थे। इस झील का नाम राजा अनाजी के नाम पर ही रखा गया है। झील का निर्माण वर्षा के पानी को संग्रहित करने और अजमेर शहर की जल आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से किया गया था।
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यह झील मानव निर्मित झीलों में से एक है। इसे बनने में लगभग 4 से 5 साल का वक्त लगा था। खास बात यह है कि इस झील को अभी तक संरक्षित रखा गया है।
झील का भूगोल और संरचना के बारे में जानें
आनासागर झील लगभग 13 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है, लेकिन इसका वास्तविक क्षेत्रफल समय और वर्षा पर निर्भर करता है। इस झील की गहराई मौसम के अनुसार बदलती रहती है, लेकिन औसत यह 4.42 मीटर गहरी है।
वहीं, इस झील के चारों ओर कुछ जरूरी संरचनाएं भी मौजूद हैं जैसे- बारादरी। इसे मुगल बादशाह शाहजहां के द्वारा बनवाया गया था। इसके अलावा, ये बारादरी झील के किनारे पर स्थित हैं और मुगल वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है।
पर्यटन के लिए बेस्ट जगहें
बारादरी- झील के पास बनी बिरादरी सफेद संगमरमर की बनी छतरियाँ हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। ये मुगल वास्तुकला का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करती हैं और झील के दृश्य को और भी सुंदर बनाती हैं।
दौलत बाग- यह एक खूबसूरत बाग है, जिसे मुगल बादशाह जहांगीर ने बनवाया था। इस बाग को सुभाष उद्यान भी कहा जाता है। यहां से आनासागर झील का नज़ारा बहुत ही मनमोहक लगता है।
बोटिंग- आनासागर झील में बोटिंग करने का भी एक्सपीरियंस लिया जा सकता है, जो पर्यटकों को झील के अद्भुत दृश्य का आनंद लेने का अवसर देती है।
सनसेट व्यू- आनासागर झील का सनसेट व्यू बहुत ही खूबसूरत होता है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। लोग शाम को यहां आकर झील के किनारे टहलते हैं और सूर्यास्त का आनंद लेते हैं।
मानसून में करें एक्सप्लोर
मानसून के समय इस झील की सुंदरता और भी हसीन हो जाती है। यहां सूर्यास्त के समय कई सैलानी नजारा देखने के लिए पहुंचते हैं। झील के नजदीक बने कुछ मंदिरों से भी झील का नजारा मंत्रमुग्ध करता है। आनासागर झील के अलावा, अजमेर में फोय सागर लेक भी एक्सप्लोर कर सकते हैं।
आनासागर झील को लेकर क्या है नियम?
नदी, नाले, झील और तालाब की जमीन पर जब तक पानी भरा हुआ है, तब तक वो सरकार की है। वहीं, पानी सूख जाने पर जमीन काश्तकार की मानी जाती है। इसके नियमों में स्पष्ट कहा गया है कि काश्तकार झील, तालाब, नदी, नाले की जमीन को बेच नहीं सकते हैं।
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इसके बावजूद झील की जमीन को कई काश्तकारों ने बेच दिया, इस कारण झील क्षेत्र का दायरा लगातार घटता चला गया। वहीं, 1975 की बाढ़ के बाद झील की भराव क्षमता 16 से घटाकर 13 कर दी गई। ऐसा करने से धीरे-धीरे आनासागर झील का दायरा कम होता गया।
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