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सावन के महीने में लाखों शिव भक्त करने आते हैं यहां दर्शन, इस जगह को कहा जाता है ‘बाबा नगरी’

सावन का महीना 6 जुलाई 2020 से शुरू हो रहा है। ऐसे मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी जगह के बारे में जहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन को जाते हैं।
Editorial
Updated:- 2020-06-30, 17:34 IST

सावन महीने में प्रतिदिन करीब एक लाख शिवभक्त 'बाबा नगरी' नाम से प्रसिद्ध झारखंड के देवघर यानी बैद्यनाथ धाम पहुंचते हैं। यहां का शिव मंदिर द्वादश ज्योर्तिलिंगों में सर्वाधिक महिमामंडित है। शिवलिंग पर जलार्पण करने के लिए हर सोमवार को शिवभक्तों की संख्या और बढ़ जाती है। हालांकि, इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के कारण यहां भीड़ की उम्मीद नहीं की जा रही है, लेकिन फिर भी आप इस शिव मंदिर की महिमा के बारे में तो जान ही सकते हैं।

बाबा नगरी बैद्यनाथ धाम

यहां हर साल बहुत ज्यादा तादात में श्रद्धालु आते हैं और उनके लिए प्रशासन की तरफ से कई सारी तैयारियां की जाती हैं। गाड़ी से आने वाले लोगों को काफी दूर गाड़ी खड़ी करनी होती है और उन्हें पैदल चलना होता है। कई लोगों को यहां आने के लिए घंटों इंतजार करना होता है। भीड़ इतनी होती है कि भगवान शिव के दर्शन करने में पूरा दिन भी लग सकता है। लोगों का मानना है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है। 

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यहां सावन का महीना शुरू होते ही मेला लग जाता है, हालांकि इस साल ये आयोजन नहीं होगा। पर हर साल यहां सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की जाती है। लोगों की इतनी भीड़ जुटती है कि अरघा सिस्टम से जल से अभिषेक किया जाता है। 

 

दुम्मा से खिजुरिया तक 95 प्वाइंट पर इंद्रवर्षा (कृत्रिम बारिश) का इंतजाम भी किया जाता है, जिसके तहत कांवड़िया गुजरते हुए पाइप के जरिये कराई जाने वाली कृत्रिम बारिश में स्नान कर सकते हैं। इस दौरान कांवड़ियों के पैर पर पानी डाला जाता है जिससे उन्हें शीतलता का अहसास होगा। 

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कांवड़ियों को रात में भी चलने में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए इसके लिए मेटल लाइट लगाए जाते  हैं। जगह-जगह स्नानागार एवं शौचालय की सुविधा होती है जो नि:शुल्क रहते हैं। 2018 में 29 अस्थायी थाना एवं ट्रैफिक थाने बनाए गए थे जिसमें पुलिस के वरीय पदाधिकारी एवं सुरक्षा बल प्रतिनियुक्ति की गई थी। 

इसके अलावा बाघमारा एवं कोठिया में एक-एक हजार एवं जसीडीह बस पड़ाव के पास पांच सौ भक्तों के आराम के लिए टेंटसिटी का निर्माण कराया गया था। यहां शुद्ध पेयजल, शौचालय, स्नानागर एवं स्वच्छता का विशेष इंतजाम किया जाता है। 

 

देवघर के पुलिस अधीक्षक एऩ क़े सिंह ने बताया कि साल 2018 मेले की सुरक्षा में 10000 से ज्यादा पुलिस अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी इस साल भी कुछ ऐसा ही है।

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सिर्फ 2018 में ही नहीं बल्कि 2019 में भी भीड़ को सही तरह से नियंत्रित करने के लिए 'क्राउड मैनेजमेंट' पर विशेष ध्यान दिया गया था।

उल्लेखनीय है कि देवघर के बैद्यनाथ धाम में वर्षभर शिवभक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन सावन महीने में यह पूरा क्षेत्र केसरिया पहने शिवभक्तों से पट जाता है। भगवान भेालेनाथ के भक्त 105 किलोमीटर दूर बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज में बह रही उत्तर वाहिनी गंगा से जल भरकर कांवड़ लिए पैदल यात्रा करते हुए यहां आते हैं और बाबा का जलाभिषेक करते हैं। 

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इस लंबी दूरी में कांवड़ियों के लिए कई पड़ाव बनाए जाते हैं। इन पड़ाव स्थलों पर कांवड़ियों के विश्राम के लिए विभिन्न सुविधाओं से युक्त सरकार व गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से विभिन्न सुविधाओं से युक्त धर्मशालाएं व पंडाल लगाए जाते हैं। हर साल कई श्रद्धालु वाहनों से भी सीधे बाबा नगरिया आकर जलाभिषेक करते हैं। इस साल भले ही कोरोना वायरस के कारण सावन का रंग थोड़ा फीका पड़ गया हो, लेकिन फिर भी भगवान शिव की आराधना में कोई कमी नहीं की जा सकती।

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