रविवार से नवरात्रे शुरू हो गए हैं, अगर आप भी नवरात्रों के पावन दिनों में मां वैष्णों देवी की यात्रा पर जा रही हैं तो आप साथ ही जम्मू के इस मंदिर के दर्शन कर सकती हैं जहां 33 करोड़ देवी देवता वास करते हैं।
जी हां, जम्मू में एक ऐसा मंदिर है जहां आप एक साथ 33 करोड़ देवी-देवता के दर्शन कर सकती हैं क्योंकि इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां एक साथ 33 करोड़ देवी-देवता वास करते हैं।
तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि वैष्णों देवी की यात्रा के साथ-साथ आप 33 करोड़ देवी देवता के वास करने वाले इस मंदिर के दर्शन करके कैसे आप अपनी तमाम मुरादें पूरी करा सकती हैं।
जम्मू के इस मंदिर का नाम है रघुनाथ मंदिर। इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु एक साथ 33 करोड़ देवी देवता के दर्शन कर पाते हैं।
रघुनाथ मंदिर का निर्माण
हिन्दू घर्म के अनुसार 33 करोड़ देवी देवता के दर्शन करना मोक्ष की प्राप्ति के समान माना गया है। रघुनाथ मंदिर जम्मू शहर के मध्य में स्थित है। यह मंदिर ना सिर्फ हिंदू धर्म की आस्था का बल्कि जम्मू की भी पहचान है। अगर ऐसे में बात की जाए उत्तर भारत की तो यह मंदिर फेमस और अनोखे मंदिरों में से एक है। आपको बता दें कि यह मंदिर भगवान राम को समर्पित है।
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इस मंदिर का निर्माण 1857 में महाराजा रणवीर सिंह और उनके पिता महाराजा गुलाब सिंह द्वारा करवाया गया था और इस मंदिर को लेकर लोगों में ऐसा विश्वास है कि यहां आकर उनकी मुरादें पूरी होती हैं। दरअसल इस मंदिर को 1835 में राजा गुलाब सिंह ने बनवाना शुरु किया था लेकिन मंदिर का निर्माण राजा रणवीर सिंह के काल में पूरा हुआ था।
रघुनाथ मंदिर की खासियत
रघुनाथ मंदिर की अपनी कलात्मकता का एक विशिष्ट उदाहरण है। यहां आपको बता दें कि रघुनाथ मंदिर में 7 ऐतिहासिक धार्मिक स्थल मौजूद हैं और यहां के अंदर के हिस्सों में सोना लगा हुआ है जो तेज का स्वरूप है। मंदिर में कई देवी और देवताओं की मूर्ति भी लगी हुई है।
रघुनाथ मंदिर में हिंदू धर्म के 33 करोड़ देवी और देवताओं के लिंगम भी बने हुए हैं जो इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है इसलिए यहां आने वाले श्रद्धालुओं को एक साथ 33 करोड़ देवी देवता के दर्शन होते हैं। रघुनाथ मंदिर के बाहर से पांच कलश नजर आते हैं जो लम्बाई में फैले हुए हैं। यहां भगवान राम सीता और लक्ष्मण की विशाल मूर्तियां हैं। साथ ही आपको बता दें कि इस मंदिर में रामायण और महाभारत काल के कई चरित्रों की मूर्तिययां विभिन्न कक्षों में हैं। इसके अलावा एक कक्ष ऐसा है जहां चारों धाम के दर्शन किए जा सकते हैं, साथ ही बीच में ऐसी व्यवस्था हैं कि चारों ओर से रामेश्वरम धाम, द्वारकाधीष धाम, बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम के दर्शन किए जा सकते हैं।
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रघुनाथ मंदिर में एक कक्ष ऐसा है जहां भगवान सत्यनारायण के दर्शन किए जा सकते हैं, साथ ही इस कक्ष की ये खासियत है कि चारों ओर दीवारों पर बारहमासा दर्शनीय हैं मतलब हर महीने चैत्र, वैशाख आदि के लिए उस माह के मुख्य देवता की मूर्ति हैं।
रघुनाथ मंदिर के निर्माण से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी
रघुनाथ मंदिर के निर्माण से एक दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई है, ऐसा का कहा जाता है कि महाराज गुलाब सिंह को इस मंदिर के निर्माण की प्रेरणा रामदास वैरागी से मिली थी। रामदास वैरागी ने गुलाब सिंह के राजा बनने की भवष्यिवाणी की थी जोकि बाद में सत्य निकली।
रामदास वैरागी भगवान राम के भक्त थे और वह भगवान राम के आदर्शों का प्रचार करने अयोध्या से जम्मू आए थे जिस दौरान वह सुई सिम्बली में कुटिया बनाकर रहते थे। रामदास ने जम्मू क्षेत्र में पहले राम मंदिर का निर्माण सुई सिम्बली में करवाया था।
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रघुनाथ मंदिर पर हुआ था आंतकी हमला
रघुनाथ मंदिर में रामनवमी के दिन देखने लायक नजारा होता है। ऐसा कहा जाता है कि राजा महाराजाओं के समय रामनवमी के दिन सरकारी छुट्टी घोषित की जाती थी और साथ ही भगवान राम की झांकी के साथ-साथ पुलिस और सुरक्षाबल की टुकड़ियां चला करती थी। साल 2002 में रघुनाथ मंदिर पर आतंकी हमला हुआ था जिसके बाद इस मंदिर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था।
इस आंतकी हमले के 11 साल बाद साल 2013 में एक बार फिर से रघुनाथ मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे।
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