श्रवणबेलगोला चंद्रगिरि और विंध्यगिरि पहाड़ियों के बीच बसा एक छोटा सा शहर है। यह एक ऐसा स्थान है, जहां पर कई मंदिर है और इसलिए इस स्थान को आध्यात्मिक तौर पर बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। लोग इस जगह को एक तीर्थ स्थान के रूप में देखते हैं और दूर-दूर से यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं। श्रवणबेलगोला का जैन मंदिर बेहद ही फेमस है और यहां पर विभिन्न धर्मों के लोग आते हैं। वैसे यहां पर सिर्फ एक जैन मंदिर ही नहीं है, बल्कि यहां पर अन्य भी कई मंदिर है, जिनका अपना ऐतिहासिक महत्व भी है।
यहां पर स्थित मंदिरों को स्थानीय लोग बसदी कहते हैं और इनका आर्किटेक्चरल स्टाइल विभिन्न राजवंशों से प्रेरित है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जो श्रवणबेलगोला में स्थित हैं और आपको इन्हें अपनी यात्रा के दौरान जरूर देखना चाहिए-
बाहुबली गोमतेश्वर मंदिर (Bahubali Gomateshwara Temple)
बाहुबली गोमतेश्वर मंदिर भगवान बाहुबली की 58 फीट ऊंची अखंड मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। यह जैन धर्म के अनुयायियों के प्रमुख मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का प्रवेश द्वार 620 सीढ़ियां चढ़ने और मंदिर के एक सजाए गए द्वार से शुरू होता है। यह बसदी महामस्तकाभिषेक उत्सव के लिए भी जाना जाता है जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है। त्योहार के दौरान, भक्त बाहुबली की प्रतिमा पर दही, केसर और चीनी से अभिषेक करते हैं।
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अक्काना बसदी (Akkana Basadi)
अक्काना बसदी श्रवणबेलगोला के मुख्य मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण होयसला काल के दौरान एक जैन महिला अचला देवी द्वारा किया गया था। यह बसदी सोपस्टोन सामग्री से बनी है। इसका उपयोग उस युग में विभिन्न इमारतों को बनाने के लिए प्रमुखता से किया जाता था। अक्कना बसदी में भगवान पार्श्वनाथ की एक भव्य मूर्ति है। मंदिर अपने शांत शांत वातावरण के कारण स्थानीय लोगों की पसंदीदा बसदियों में से एक है।
शांतिनाथ बसदी (Shantinatha Basadi)
शांतिनाथ बसदी का अपना आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। यह होयसल काल में मंत्रियों में से एक द्वारा बनाया गया था। हालांकि, मंदिर में चालुक्यों से प्रेरित कुछ आर्किटेक्चर भी देखे जा सकते हैं। शांतिनाथ बसदी एक ऐसा स्थान है जो अपने भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है क्योंकि यहां पर बहुत अधिक भीड़-भाड़ नहीं देखी जाती है।
चंद्रगुप्त बसदी (Chandragupta Basadi)
यह मंदिर महान चंद्रगुप्त मौर्य की याद में उनके पोते राजा अशोक द्वारा बनवाया गया था। मंदिर में प्रवेश द्वार पर एक सजावटी दरवाजा है। साथ ही, बसदी के दोनों किनारों पर भद्रबाहु और चंद्रगुप्त के जीवन से जुड़े कई उदाहरण मौजूद हैं। मंदिर चंद्रगिरि पहाड़ियों पर स्थित छोटी बसदियों में से एक है। आप पहाड़ी की थोड़ी दूरी की यात्रा करके ही यहां पर पहुंच सकते हैं।
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चेन्नन्ना बसदी (Chennanna Basadi)
चेन्नन्ना बसदी एक छोटा सा मंदिर है जिसमें शिलाखंडों में उकेरी गई 8वें जैन तीर्थंकर चंद्रप्रभु की छवि है। गोमतेश्वर मंदिर जाते समय रास्ते में यह मंदिर नजर आता है और यहां से श्रवणबेलगोला का खूबसूतरत दृश्य भी दिखाई देता है। यह मंदिर यूं तो बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन इसके शिलालेख और नक्काशियां आपको जैन संतों के अद्भुत इतिहास से अवगत कराती हैं। अगर आप बाहुबली मंदिर जा रहे हैं तो पहले यहां पर अवश्य रुकें और चंद्रप्रभु तीर्थंकर की पूजा करके मन की आध्यात्मिक शांति को अनुभव करें।
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Image Credit- wikipedia
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