शिरडी में साईं बाबा का मंदिर है, जहां 19 वीं सदी के संत साईं बाबा अपनी मृत्यु तक रहते थे, रविवार से अनिश्चित काल के लिए बंद रहेंगे। जी हां महाराष्ट्र के फेमस धार्मिक स्थल शिरडी में मंदिर प्रशासन ने अनिश्चितकालीन बंद करने का ऐलान किया है। ऐसा राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के एक कथित बयान को लेकर हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उद्धव ने परभणी के पाथरी को साईंबाबा का जन्मभूमि बताया है। उद्धव के इसी बयान का शिरडी में जबरदस्त विरोध हो रहा है।
साईंबाबा सनातन ट्रस्ट के बी वाकचौरे ने कहा, ''हमने 19 जनवरी से अफवाहों के खिलाफ शिरडी बंद करने की घोषणा की है। शनिवार (18 जनवरी) को इस मामलले पर चर्चा के लिए ग्रामीणों की एक सभा बुलाई जाएगी। बंद की वजह से भक्तों को किसी तरह की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।''
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रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले हफ्ते ही सीएम उद्धव ठाकरे ने पाथरी को साईंबाबा की जन्मभूमि बताया था, इसके बाद उन्होंने यहां के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट देने की भी घोषणा की थी। इसके बाद शिरडी के लोग भड़क गए। उन्होंने कहा कि उन्हें पाथरी के विकास से कोई समस्या नहीं है लेकिन वहां की पहचान साईं बाबा की जन्मस्थली के रूप में नहीं हो सकती है।
मंदिर के ट्रस्ट से जुड़े लोगों का कहना है कि साईं बाबा ने कभी अपनी जाति, जन्म स्थान और परिवार के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। इसलिए पाथरी को साईं बाबा की जन्मभूमि बताकर उसका विकास करना सही नहीं है। विवाद इतना बढ़ गया है कि पहली बार साईं ट्रस्ट ने मंदिर 19 जनवरी से अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का फैसला लिया है। अगर आप भी शिरडी जाने की प्लानिंग बना रही हैं तो इस बात के अलावा कुछ और साईं बाबा और उनके शिरडी स्थित मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातों का जानना आपके लिए है बेहद जरूरी।
जी हां महाराष्ट्र के शिरडी में स्थित साईं बाबा के मंदिर के दर्शन करने लाखों की संख्या में लोग आते हैं। माना जाता है कि साईं अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करते हैं। अगर आप भी अपनी मनोकामना को लेकर पहली बार शिरडी जाने का प्लान कर रहे हैं तो मन में कई तरह सवाल के होगें, जैसे कि शिरडी कैसे जाएं, कहां जाएं, कहां रहें और किस मौसम में शिरडी जाना सबसे अच्छा होता है। तो आइए इस बारे में हम आपको बताते हैं।
अगर आपके मन में भी यह सवाल है कि शिरडी कहां है और यहां किस तरह से जाना चाहिए तो हम आपको बता दें कि शिरडी औरंगाबाद से 110 किलोमीटर और मुंबई से लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शिरडी आप ट्रेन, बस या फिर अपनी गाड़ी से भी जा सकते हैं। यहां अपने वाहन के लिए रोड रूट काफी अच्छा है।
शिरडी जाने के लिए अक्टूबर से मार्च तक का समय सबसे अच्छा रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन दिनों शिरडी में बहुत ज्यादा भीड़ नहीं होती है जिससे आप बाबा के दर्शन बिना किसी दिक्कत के आसानी से कर सकते है। यहां त्योहार या छुट्टियों में जाने से बचना चाहिए क्योंकि भीड़ ज्यादा हो जाती है।
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शिरडी में ठहरने के लिए आपको बजट के हिसाब से होटल आसानी से मिल जाते है। अगर आपका बजट अच्छा है तो आपको यहां ठीक-ठाक होटल मिल जाते है। लेकिन अगर आप होटल बुक नहीं करना चाहते हैं और आपका बजट भी कम हैं तो आप श्री साई बाबा ट्रस्ट द्वारा बने आवास में रुक सकते हैं। यह आवास आपको बेहद कम कीमत में आसानी से मिल जाएंगे।
बाबा का मंदिर सुबह 4 बजे खुलता है और उसके बाद आरती, भजन और प्रसाद वितरीत होता है। फिर सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाता है। दिन भर के दर्शन और पूजन के बाद रात को साढ़े 10 बजे मंदिर में आखिरी आरती के बाद बंद कर दिया जाता है। मंदिर में बाबा की आरती दिन में 5 बार होती है, सबसे पहले सुबह 4.15 बजे भूपाली आरती, इसके बाद 4.30 बजे काकड़ आरती, दोपहर 12 बजे मध्यान आरती, सूर्यास्त के समय धूप आरती और रात 10.30 बजे सेज आरती होती है। अगर आप आरती का हिस्सा बनना चाहते हैं तो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर हिस्सा बन सकते हैं।
शहर के चारों ओर बहुत सारे रेस्तरां हैं, जहां टेस्टी खाना मिलता हैं। मंदिर शहर में होने के नाते, शिरडी में कोई भी नॉनवेजिटेरियन रेस्तरां नहीं है। मंदिर से लगभग 15 मिनट की दूरी पर साई भंडारा है जहां रियायती दरों पर भोजन परोसा जाता है।
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