केरल, भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है, जो अपने लोकप्रिय हिल स्टेशनों, शानदार बैकवाटर, नारियल के पेड़, विशाल और हरे-भरे चाय के बागानों, कला और संस्कृति और बहुत कुछ के साथ पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। यह दक्षिण भारतीय राज्य अपने समृद्ध इतिहास और संस्कृति के लिए भी जाना जाता है। इसका विदेशी वन्य जीवन भी इसे वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए एक अमेजिंग टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाता है। केरल पर्यटकों को अपने जीवंत त्योहारों, नृत्यों, बेहतरीन व्यंजनों, आयुर्वेद चिकित्सा, साहित्य और कला और शिल्प का अनुभव करने का अवसर भी प्रदान करता है। इस राज्य की खूबसूरती और महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे भगवान का अपना देश कहकर पुकारा जाता है। तो चलिए आज हम आपको इस राज्य से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आप शायद अभी तक अनजान होंगी-
जब आप केरल में होती हैं तो आपको रास्ते में कई नारियल के पेड़ देखने को मिलेंगे। यह तो हम सभी जानते हैं कि केरल में नारियल के पेड़ की बहुलता है। लेकिन क्या आपको पता है कि राज्य के नाम और उसके मूल वृक्ष के बीच सीधा संबंध है। केरल की भाषा मलयालम में, 'केरा' शब्द का अर्थ 'नारियल का पेड़' है और 'आलम' का अर्थ 'भूमि' होता है। इस प्रकार केरल राज्य अपने नाम को सार्थक करता है। ’केरलम’, यानी ’नारियल की भूमि’ के रूप में जाना जाता है।
तिरुवनंतपुरम में पद्मनाभस्वामी मंदिर दुनिया भर में सबसे अमीर मंदिर होने के लिए जाना जाता है। इस हिंदू मंदिर के पास अकूत संपत्ति है। इस मंदिर का परिसर देखने लायक है और इसलिए यह केरल में सबसे अधिक बार देखे जाने वाले और पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है।
भारत को चमत्कारिक आयुर्वेदिक पद्धतियों का घर माना जाता था, जिनका पालन बाद में पूरी दुनिया के लोगों ने लगन से किया था। इस पवित्र परंपरा की जड़ें अभी भी केरल राज्य में हैं। यह अनिवार्य रूप से अद्भुत जलवायु और प्रकृति के असंख्य आशीर्वादों के कारण है कि यहां भारी संख्या में जड़ी-बूटियां और मसाले उगाए जाते हैं।
मानसून की पहली बारिश हमेशा केरल राज्य में होती है, जो पूरे देश में मौसम के आगमन का संकेत देती है। जून के पहले सप्ताह के दौरान, दक्षिण भारत के इस क्षेत्र में बारिश शुरू हो जाती है। इसके अलावा, इस समय के दौरान यहां की प्राकृतिक खूबसूरती व हरियाली बस देखते ही बनती है।
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केरल में असंख्य हिंदू मंदिर हो सकते हैं लेकिन चर्च, सभास्थल और मस्जिदों की कोई कमी नहीं है। वास्तव में, यह केरल में ही है जहाँ भारत का पहला चर्च और मस्जिद था। चेरामन जुमा मस्जिद नाम की पहली मस्जिद, मलिक दीनार द्वारा 629 ईस्वी में स्थापित की गई थी, सेंट थॉमस सिरो मालाबार कैथोलिक चर्चभारत का पहला चर्च है जिसे सेंट थॉमस ने 52 ईस्वी में बनाया था।
यह तो हम सभी जानते हैं कि रबर उत्पादन के मामले में भारत विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है। मजे की बात यह है कि 90 प्रतिशत उत्पादन केरल से ही होता है। राज्य की लगभग 5.45 हेक्टेयर भूमि पर रबर के पेड़ उगाए जाते हैं।
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केरल राज्य देश के लगभग 20% सोने की खपत करता है। केरल में होने वाली दुल्हनों को सिर से पैर तक सोने में सजा हुआ देखा जा सकता है।
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