भगवान कृष्ण को दुनिया के सबसे महान दार्शनिक और भगवान विष्णु के अवतारों में से एक कहा जाता है। पूरी दुनिया में उनकी पूजा की जाती है और सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया भर में कई कृष्ण मंदिर हैं। इन कृष्ण मंदिरों की आध्यात्मिक आभा ने उन्हें भक्तों के लिए एक शांत तीर्थस्थल बना दिया है। भारत में भी हर राज्य में कई खूबसूरत कृष्ण मंदिर हैं। ये मंदिर अपनी जटिल वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व और भक्तों के लिए आध्यात्मिक महत्व के लिए जाने जाते हैं।
जहां तक बात तमिलनाडु की है तो यहां पर भी आपको कई कृष्ण मंदिरों में दर्शन करने का अवसर मिलेगा। तमिलनाडु में स्थित कृष्ण मंदिर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भक्तों को मिलने वाले आध्यात्मिक शांति के लिए जाने जाते हैं। तमिलनाडु के इन कृष्ण मंदिरों में भगवान कृष्ण को अलग नाम से पुकारा व पूजा जाता है। इसलिए, ये मंदिर अधिक विशिष्ट माने जाते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको तमिलनाडु में स्थित कुछ कृष्ण मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां आपको भी एक बार दर्शन अवश्य करना चाहिए-
राजगोपालस्वामी मंदिर (Rajagopalaswamy Temple)
तमिलनाडु के मन्नारगुडी में स्थित राजगोपालस्वामी मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित एक प्रतिष्ठित मंदिर है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला और आध्यात्मिक वातावरण के लिए जाना जाता है। मंदिर अपने वार्षिक रथ उत्सव के लिए भी बेहद प्रसिद्ध है। राजगोपालस्वामी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय रथ उत्सव के दौरान होता है, जो आमतौर पर तमिल महीने पंगुनी (मार्च-अप्रैल) में होता है। इस दौरान आपको मंदिर में एक अलग ही माहौल देखने को मिलता है।
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श्री कृष्ण मंदिर (Sri Krishna Temple)
यह मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में स्थित है और केरल के गुरुवायुर मंदिर की रेप्लिका है। भगवान कृष्ण को समर्पित यह मंदिर बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है, खासकर मलयाली समुदाय से। इस मंदिर का निर्माण केरल शैली में किया गया है। चूंकि यह मंदिर गुरुवायुर मंदिर की रेप्लिका है, इसलिए यहां पर गुरुवायुर मंदिर गुरुवायुर मंदिर के पारंपरिक अनुष्ठानों का भी पालन किया जाता है।
श्री पार्थसारथी मंदिर (Sri Parthasarathy Temple)
यह मंदिर तमिलनाडु के चेन्नई में ट्रिप्लिकेन में स्थित है। इस मंदिर का अपना अलग ऐतिहासिक महत्व भी है। यह मंदिर चेन्नई के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, जिसका निर्माण 8वीं शताब्दी में पल्लवों द्वारा किया गया था। इस मंदिर के मुख्य देवता भगवान कृष्ण पार्थसारथी अर्थात् अर्जुन के सारथी के रूप में हैं। मंदिर में रुक्मिणी, बलराम, सत्यकी, अनिरुद्ध और प्रद्युम्न के मंदिर भी हैं। मंदिर में जटिल नक्काशी और मूर्तियों के साथ विशिष्ट द्रविड़ वास्तुकला का प्रदर्शन किया गया है।
श्री कलिंग नर्तन पेरुमल मंदिर (Sri Kalinga Nartana Perumal Temple)
यह मंदिर तमिलनाडु में भक्तों के बीच खासा महत्व रखता है। यह मंदिर ऊथुक्कडू में कुंभकोणम के पास स्थित है। श्री कलिंग नर्तन पेरुमल मंदिर भगवान कृष्ण द्वारा कालिया नाग पर नृत्य करने की पौराणिक घटना से जुड़ा है। इस मंदिर के मुख्य देवता कलिंग नर्तन पेरुमल अर्थात् कृष्ण कलिंग नर्तन नृत्य करते हैं। यह मंदिर अपने वार्षिक उत्सव, कलिंग नर्तन उत्सवम के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर में कलिंग नर्तन प्रकरण को दर्शाती सुंदर मूर्तियां हैं।
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