मध्यकाल में लगभग 5 हज़ार फिट से भी ज्यादा की ऊंचाई पर पर कुछ जनजातियों ने एक गांव का निर्माण किया। तब उन जनजातियों को ये नहीं मालूम था कि एक दिन ये जगह एक हिल स्टेशन के रूप में पूरे भारत में प्रसिद्ध हो जाएगी। जी हां, तमिलनाडु राज्य के नीलगिरी जिले में लगभग तीस हज़ार एकड़ से भी अधिक भूमि में फैली इस जगह का नाम है 'कोटागिरी हिल स्टेशन'। चाय के बागान, हरी-भरी हरियाली और चारों तरफ से मौजूद पहाड़ इस जगह को सैलानियों के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन बनाते हैं।
अगर कोटागिरी हिल स्टेशन के इतिहास पर नज़र डालें तो मालूम चलता है कि इसका नाम कोटस के पहाड़ पर रखा गया है। प्रारंभ में यहां आदिवासी जनजाति रहती थी लेकिन, लगभग 1819 में इस जगह की खोज के बाद मद्रास सरकार और ब्रिटिश सरकार ने इसे एक हिल स्टेशन के रूप में घोषित कर दिया। तब से ये जगह ब्रिटिश अधिकारियों के लिए ग्रीष्मकालीन रिसॉर्ट बन गई। इस लेख में हम आपको यहां घूमने की कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं।
Elk फॉल्स
इस वक्त लगभग पूरे देश में मानसून का टाइम है और मानसून के टाइम सबसे अधिक घूमने का मज़ा किसी न किसी बेहतरीन फॉल्स के आसपास ही लगता है। कोटागिरी से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद ये फॉल्स कोटागिरी में घूमने की सबसे शानदार जगह है। मुन्नार से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर है। मानसून के टाइम में एल्क फॉल्स का नजारा अद्भुत और मंत्रमुग्ध करने वाला होता है। मानसून के टाइम साउथ के लगभग हर राज्य से यहां हजारों लोग घूमने के लिए आते हैं। कल्पस के लिए भी पसंदीदा जगहों में से एक है।
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रंगास्वामी पीक एंड पिलर
Elk फॉल्स के बाद रंगास्वामी पीक एंड पिलर घूमने और पसंद की जाने वाली सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। हरे भरे पहाड़, चह चहाते हुए पक्षियों की आवाज और समुद्र तल से लगभग 17 सौ से भी अधिक मीटर की ऊंचाई पर मौजूद ये जगह किसी भी सैलानी को जाने पर मजबूर कर देता है। इस पीक से आप लगभग आधे कोटागिरी हिल स्टेशन का नज़ारा आसानी से देख सकते हैं। शुद्ध और ठंडी हवा आपका मनमोह लेगी। इस पीक पर एक प्राचीन मंदिर भी है जहां स्थनीय लोग पूजा के लिए आते रहते हैं।
JohnSullivan मेमोरियल
इस हिल स्टेशन पर मौजूद ये मेमोरियल सैलानियों के लिए बेहद ही खास है। कहा जाता है कि जिस ब्रिटिश अधिकारी ने नीलगिरी पहाड़ियों और चाय के बागानों का विकास किया था, उन्हीं की याद में इस मेमोरियल का निर्माण करवाया गया है। अगर घूमने के साथ-साथ कोटागिरी हिल स्टेशन के इतिहास को करीब से जानना है, तो किसी भी सैलानी को यहां घूमने के लिए ज़रूर पहुंचना चाहिए।
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इन एक्टिविटीज का लीजिए मज़ा
कोटागिरी हिल स्टेशन में एक और फॉल्स है, जहां आप कई एक्टिविटीज का भी मज़ा उठा सकते हैं। जी हां, इस फॉल्स नाम है कैथरीन फॉल्स। ये नीलगिरी पहाड़ियों का दूसरा सबसे ऊंचा फॉल है जहां जाने के लिए ट्रेकिंग करते हुए पहुंच सकते हैं। इसके अलावा आप यहां कैम्पिंग, बर्ड वॉचिंग जैसी कई एक्टिविटीज को एन्जॉय कर सकते हैं। ये हिल स्टेशन फोटोग्राफी के लिएभी एक परफेक्ट लोकेशन है, क्योंकि फोटोग्राफी के लिए कई मंत्रमुग्ध नजारों की पेशकश करता है।
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Image Credit:(@weekendthrill.com,media-cdn.tripadvisor.com)
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