कुतुब मीनार कॉम्प्लेक्स में मौजूद है बिना छत की कब्र, रात में बेहद डरावना लगता है ये मकबरा

यह बहुत कम लोगों को पता है कि कुतुब मीनार के कॉम्प्लेक्स में एक कब्र मौजूद है, जहां पर खड़े होकर अगर मन्नत मांगी जाए, तो मुराद पूरी हो जाती है। दिल्ली के इस मकबरे से जुड़ी ऐसे ही कुछ बातें आइए इस लेख में जानने की कोशिश करते हैं।  

know about tomb of iltutmish delhi in hindi

दिल्ली के महरौली जिले में स्थित एक ऐतिहासिक स्मारक है, कुतुब मिनार। यह साउथ दिल्ली के पॉश इलाके में मौजूद है, जिसे कुतुब कॉम्प्लेक्स UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट की लिस्ट में शामिल किया गया है। दिल्ली के इतिहास में इस इमारत की कहानी बहुत ही पुरानी है, कहा जाता है कि यह मीनार सदियों से यहां खड़ी है।

यह दुनिया की सबसे ऊंची ईंट से बनी हुई मीनार है। कुतुब कॉम्प्लेक्स में इसे देखना बहुत अच्छा लगता है। कॉम्प्लेक्स से याद आया आपने यकीनन यहां पर मौजूद कब्र को भी देखी होगी, जिसमें एक राईस सुल्तान को दफन किया गया है। वैसे तो सुल्तानों के मकबरे बहुत खास होते हैं, लेकिन दिल्ली में मौजूद सुल्तान का मकबरा बहुत खास माना जाता है।

कहा जाता है इस मकबरे के ऊपर छत नहीं है, जिसमें गुलाम वंश के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक के दामाद इल्तुमिश को दफन किया गया है। तो चलिए आज हम इसी मकबरे से जुड़ी खास बातों को बताएंगे।

आखिर कुतुब मीनार में किस सुल्तान का मकबरा मौजूद है?

Where is the tomb of Iltutmish located and by whom was it built

बता दें कि कुतुब मीनार के कॉम्प्लेक्स में इल्तुतमिश का मकबरा मौजूद है, जिसे बेहद खूबसूरती से बनाया गया है। बता दें कि इल्तुतमिश कुतुबुद्दीन ऐबकके उत्तराधिकारी और दामाद थे, जिन्हें गुलामो का गुलाम कहा जाता है क्योंकि यह कुतुबुद्दीन ऐबक का गुलाम था जो खुद महमूद गोरी का गुलाम था।

इसे जरूर पढ़ें-जानिए आखिर चेन्नई को क्यों कहा जाता है 'सिटी ऑफ फ्लाईओवर'

हालांकि, इल्तुतमिश दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक भी कहा जाता है। यह थी इल्तुतमिश के बारे में कुछ खास जानकारी..आइए अब बात करते हैं कुतुब मीनार में मौजूद कॉम्प्लेक्स की। बता दें कि यह कॉम्प्लेक्स सन् 1235 में इल्तुतमिश ने इसे खुद बनवाया था। यह मकबरा एक गुंबद से ढका था।

इल्तुतमिश मकबरे का इतिहास

इल्तुतमिश मकबरे को लेकर काफी कुछ कहा जाता है, जिससे कई महत्वपूर्ण जानकारियां जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि इस मकबरे की स्थापना सन 1199 ईसवी में रखी गई थी। वहीं, सन 1220 में ऐबक के उत्तराधिकारी और दामाद इल्तुतमिश ने इस मकबरे की तीन मंजिल बनाई गई।

इतिहासकारों का कहना है कि इसका नाम पहले तुर्क सुल्तान कुतुब-उद-दीन ऐबक के नाम पर रखा गया था और कुछ का दावा है कि इसका नाम एक संत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के सम्मान में रखा गया था। यह भारत में किसी मुस्लिम शासक की पहली जीवित कब्र है। इसे 1993 में विश्व धरोहर स्थल का टैग मिला, जिससे आप इल्तुतमिश के मकबरे के इतिहास के बारे में भी जान सकते हैं।

इल्तुतमिश मकबरे की वास्तुकला

where is the tomb of iltutmish located

इल्तुतमिश मकबरे की वास्तुकला की बात की जाए, तो इसकी संरचना बहुत ही खूबसूरत तरीके से बनाई गई है खासकर इसका गेट। दिल्ली पर राज करने वाले इस सुल्तान का मकबरा बिना छत का है। बाहर से तो यह मकबरा बिल्कुल सादा है, लेकिन अंदर और गेट पर शानदार तरीके से बनाया गया है।

इसकी नक्काशियों में चक्र, घंटी, जंजीर, कमल और हीरा आया है। वैसे तो इस मकबरे की संरचना इस्लामिक शैली में डिजाइन में की गई है।

इसे जरूर पढ़ें-Vande Bharat Sleeper Coach: वंदे भारत की स्लीपर कोच का क्लासी लुक आया सामने, देखें इनसाइड तस्वीरें

बिना छत के बनाया गया है ये मकबरा

where is the tomb of iltutmish located in hindi

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इल्तुतमिश की कब्र को बिल्कुल खुला बनाया गया है, जिसके ऊपर किसी भी तरह की छत को नहीं बनाया गया है। कहा जाता है कि यह मकबरा दिन में बहुत खूबसूरत लगता है और रात में भी यहां चमकती लाइट भी पूरे मकबरे को खूबसूरत बनाती है, लेकिन ज्यादा रात में यह मकबरा बहुत ही डरावना लगता है।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- (@Freepi)

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP