महाराष्ट्र को देश का फाइनेंशियल सेंटर माना जाता है। हालांकि, यह एक घूमने के लिए भी एक बेहतरीन जगह है। महाराष्ट्र के शहर मुंबई हर टूरिस्ट के लिए किसी आकर्षण से कम नहीं है। फिर चाहे गेटवे ऑफ इंडिया घूमना हो या फिर वैक्स म्यूजियम जाना हो, यह जगह यकीनन आपको बेहद इंप्रेस करती है। हालांकि, यहां पर आपको सिर्फ अलग-अलग जगहों पर ही नहीं घूमना चाहिए, बल्कि यहां पर स्थित कुछ चर्च में भी अवश्य जाना चाहिए।
जब आप इन चर्च में जाते हैं तो आपको एक अलग ही सुकून का अहसास होता है। भागती-दौड़ती तनाव भरी इस जिन्दगी में ये चर्च आपको आध्यात्मिक शांति का अहसास करवाते हैं और इसलिए यहां पर जाना आपके लिए यकीनन एक अच्छा विचार है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको मुंबई में मौजूद कुछ चर्च के बारे में बता रहे हैं-
इसे जरूर पढ़ें-ये हैं गोवा के सबसे खूबसूरत और फेमस चर्च, जरूर करें एक्सप्लोर
माउंट मैरी बेसिलिका मुंबई के बांद्रा में स्थित है। इसका ऑफिशियल नाम द बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ द माउंट है और यह एक 100 साल पुराना रोमन कैथोलिक बेसिलिका है। इसके अंदर की मूर्ति 16वीं शताब्दी में पुर्तगाल से जेसुइट्स द्वारा लाई गई थी। ऐसा माना जाता है कि यहां पर व्यक्ति तो भी प्रार्थना करता है, वह इस बेसिलिका में पूरी होती है। इस चर्च की इतनी लोकप्रियता है कि जिस पहाड़ी पर यह स्थित है, उसे अब आमतौर पर माउंट मैरी हिल के नाम से जाना जाता है।
मुंबई के लेडी जमशेदजी रोड पर स्थित सेंट माइकल चर्च में बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इसका निर्माण 1512 और 1585 के बीच हुआ था और यह शहर का सबसे पुराना ईसाई घर है। मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के अधीन 1687 के आक्रमणों के दौरान इसे कुछ नुकसान हुआ, लेकिन जल्द ही इसका जीर्णोद्धार किया गया। 1960 के दशक में इसके बरामदे के ढह जाने के बाद 1973 में आधुनिक भवन का निर्माण किया गया था।
इसे जरूर पढ़ें-बेंगलुरु में स्थित हैं यह चर्चेस, एक बार देखें जरूर
अफगान चर्च मुंबई के कोलाबा में स्थित है। इस चर्च का नाम सेंट जॉन द इवेंजेलिस्ट का चर्च है, जिसे लोग अफगान चर्च कहकर भी पुकारते हैं, क्योंकि इसे 1850 के दशक में 1838 के पहले अफगान युद्ध की हार और मृतकों की याद में बनाया गया था। यह अपने 198 फीट ऊंचे टॉवर द्वारा आसानी से पहचाना जाता है।
सेंट थॉमस कैथेड्रल सबसे पहले 1718 में बनाया गया और यह मुंबई के सबसे बड़े चर्चों में से एक है। यह चर्च निश्चित रूप से गॉथिक वास्तुकला की भव्यता का एक प्रतीक है। इसकी कांच की खिड़कियां, दीवारों पर प्लास्टर का काम और ऊंची रिब्ड-वॉल्टेड छत एक बार में आपका ध्यान आकर्षित करती हैं। यहां देखने लायक भी रेवरेंड थॉमस कैर का स्मारक है, जिन्होंने मुंबई के पहले बिशप के रूप में सेवा की थी। इस चर्च को मुंबई की विरासत के रूप में देखा जाता है।
ग्लोरिया चर्च को आवर लेडी ऑफ ग्लोरी चर्च भी कहा जाता है। ग्लोरिया चर्च का निर्माण शुरू में फ्रांस के लोगों द्वारा किया गया था, जो पुर्तगाल से आए थे। हालांकि, लेकिन, मुंबई में इस चर्च को बाद में विक्टोरियन गोथिक बिल्डिंग के रूप में फिर से बनाया गया। इस चर्च के ऊंचे टॉवर काफी दूर से देखे जा सकते हैं। जब आप यहां आते हैं तो सबसे पहले आप यीशु की एक संगमरमर की मूर्ति देखते हैं, जो आपको खुली बाहों से अंदर आमंत्रित करती है। अगर आपने कभी अमर अकबर एंथोनी या रॉकस्टार देखी होगी तो आप तुरंत इस चर्च को पहचान लेंगे। इसके अंदरूनी हिस्से ज्यादातर सफेद हैं।
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- wikipedia
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।