गुजरात राज्य का नाम सामने आते ही उनके कल्चर व खान-पान की छवि दिमाग में उभरकर सामने आती हैं। लेकिन आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी यह राज्य अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है। गुजरात को जैन धर्म के गढ़ों में से एक माना जाता है। यह एक ऐसा राज्य है, जहां पर एक या दो नहीं, बल्कि कई जैन मंदिर है और हर जैन मंदिर की अपनी एक अलग विशेषता है।
इनमें से कुछ जैन मंदिर काफी बड़े और बेहद ही प्रसिद्ध हैं। अगर आप गुजरात राज्य में घूमने के लिए जा रहे हैं तो इन जैन मंदिरों के दर्शन किए बिना आपकी यात्रा पूरी ही नहीं हो सकती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको गुजरात राज्य में स्थित कुछ जैन मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जहां पर जाकर आपको भी असीम शांति का अनुभव होगा-
गिरनार पर्वत श्रृंखला कई मंदिरों का घर है, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ का मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने गिरनार पर्वत पर ध्यान किया था। मंदिर का लेआउट सुंदर है। मंदिर तक पहुंचने और भगवान नेमिनाथ की मूर्ति की पूजा करने के लिए 9500 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह 84000 साल से अधिक पुरानी है। चढ़ाई करने में पांच घंटे लगते हैं। पास में मल्लीनाथ मंदिर और 15वीं शताब्दी का पार्श्वनाथ मंदिर भी है।
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कच्छ (तीन दिन में ऐसे घूमें कच्छ) के अब्दासा में कुल मिलाकर पांच जैन मंदिर हैं, लेकिन सबसे लोकप्रिय शांतिनाथ जैन मंदिर है, जो अपनी शानदार वास्तुकला और मूर्तिकला के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। शांतिनाथ जैन मंदिर की ऊंचाई लगभग दो मंजिला इमारत के बराबर है। इसमें पांच गुंबद हैं, जिनकी ऊंची मीनारें आसमान की ओर उठती हैं।
जब गुजरात में सबसे प्रसिद्ध जैन मंदिरों की बात आती है, तो भावनगर में पलिताना मंदिर का जिक्र जरूर किया जाता है। जैन मंदिरों का भव्य समूह भावनगर से सटे पालिताना में शत्रुंजय पहाड़ी पर स्थित है। बहुत कम लोगों की इस बात की जानकारी है कि 23 तीर्थंकरों ने पालीताना मंदिरों की यात्रा की थी, इसलिए इसे तीर्थयात्रियों के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता है। इस जैन मंदिर का निर्माण कार्य 11वीं शताब्दी में शुरू हुआ और लगभग 900 वर्ष तक यह कार्य चलता रहा। पहाड़ी (दिल्ली के आसपास के पहाड़ी इलाके) पर कुल मिलाकर नौ समूह हैं जिनमें एक मुख्य मंदिर और सभी तरफ दर्जनों छोटे मंदिर हैं। मंदिरों की विशेषता दीवारों, छत और रास्तों पर बेहतरीन नक्काशी है, जिनमें से सबसे शानदार नक्काशी मुख्य मंदिर आदिनाथ मंदिर में प्रदर्शित है। खास बात यह है कि सूरज ढलने के बाद यहां कोई भी नहीं रुक सकता।
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अगर आप गुजरात में कच्छ घूमने का मन बना रहे हैं तो आपको भद्रेश्वर में स्थित वसई जैन मंदिर को जरूर देखना चाहिए। भद्रेश्वर तीर्थ के नाम से मशहूर वसई जैन मंदिर का निर्माण देवचंद्र ने करवाया था, जो एक जैन भक्त थे। भद्रेश्वर से महज 1 किमी दूर स्थित वसई जैन मंदिर को कई बार भूकंपों का सामना करना पड़ा, लेकिन फिर भी जैन भक्त तीर्थयात्रियों द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया।
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Image Credit- wikipedia
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