ईशा अंबानी पीरामल परिवार की बहू बनने वाली है। जब से ईशा अंबानी की शादी का रिश्ता आनंद पीरामल से पक्का हुआ है तब से पीरामल फैमिली के पैतृक गांव में खुशी का माहौल है।पीरामल सेठ की नगरी के नाम से मशहूर ईशा अंबानी का ससुराल राजस्थान के झुंझूनूं जिले के पास बगड़ में है। यहां पर अजय पीरामल की पैतृक हवेली है जिनके बेटे अजय पीरामल से मुकेश अंबानी अपनी बेटी ईशा अंबानी की शादी करवा रहे हैं। जब से ईशा अंबानी के साथ शादी की खबर आनंद पीरामल के गांव बगड़ में पहुंची है तब से वहां लड्डू बांटकर खुशियां मनायी जा रही हैं। इतना ही नहीं ईशा अंबानी की शादी की खुशी में गांव वालों को करोड़ों रुपये की ऐसी बड़ी खुशी भी मिली है जिसके लिए उन्होंने सालों इंतज़ार किया।
ईशा अंबानी शादी के बाद आनंद पीरामल के साथ उनके पैतृक घर भी जरुर जाएंगी वैसे उससे पहले भी ईशा अंबानी ट्रेकटर की सवारी कर चुकी हैं। गांव जाना उन्हें पसंद हैं हालांकि देश के सबसे अमीर खानदान की बेटी ईशा अंबानी जिनकी स्टडी भी विदेशों के सबसे महंगे स्कूल कॉलेज में हुई है वो इसके बावजूद भी काफी डाउन टू अर्थ हैं और उनके होने वाले पति आनंद पीरामल का भी अपने गांव से काफी लगाव है।
बगड़ के विकास में पीरामल खानदान का खास योगदान है। बगड़ के स्कूल, कॉलेज, हॉस्पीटल सब पीरामल फैमिली की ही देन है। बगड़ के स्कूल फंक्शन में भी आनंद पीरामल जाते हैं और पिछले साल दिसंबर में ही वो वहां पर गए थे। पीरामल फैमिली ने बगड़ में ही पीरामल स्कूल ऑफ लीडरशिप प्रोग्राम की शुरुआत की जिससे यहां की शिक्षा में सुधार हो सके। यहां पर प्रदेश के प्रिंसिपल और टीचर्स को और एडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी जिससे वो स्टूडेंट को और अच्छी और लेटेस्ट जानकारी दे पाएंगे।
बगड़ में मीठा पानी पहुंचाने के लिए करोड़ो रुपये खर्च किए गए हैं। 2800 घरों में से 1200 घरों में मीठा पानी पहुंच चुका है और जल्द ही अब हर घर में मीठे पानी की सुविधा होगी जिसके लिए 5 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। पहले तो सिर्फ पीरामल फैमिली ही बगड़ के विकास के बारे में सोचती थी लेकिन जब ईशा अंबानी बगड़ की बहूरानी बन जाएंगी तो अंबानी परिवार की तरफ से भी इस कस्बे को स्पोर्ट दिया जाएगा।
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