गुजरात एक ऐसा शहर है जहां आपको विभिन्न संस्कृतियां देखने को मिल जाएंगी। साथ ही, गुजरात में बसे कई शहर पूरे विश्व भर में मशहूर है, जहां की अद्भुत संस्कृति, भाषा और कला आपका मन मोह लेगी। ऐसे ही गुजरात का एक शहर है पाटन, जो एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। मजे की बात तो यह है कि इतिहास के पन्नों में भी इस शहर का बखान मिलता है। आखिर ऐसा क्या है इस शहर में जो लोग दूर-दूर से इसका दीदार करने आते हैं? तो आज हम आपको इसी खूबसूरत शहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आकर आप बहुत सारी चीजों का लुफ्त उठा सकते हैं।
क्या कहता है इतिहास?
गुजरात में पाटन शहर की स्थापना लगभग 745 ईस्वी में वनराज छावड़ा द्वारा की गई थी। इस शहर को वनराज छावड़ा ने अपने भाई अनिल भारवाड़ की याद में बसाया था। इसका प्राचीन नाम अन्हिलपुर पाटन था। साथ ही, शास्त्रों के मुताबिक इसकी स्थापना सरस्वती नदी के समीप हुई थी। इसके अलावा, ऐसा भी कहा जाता है कि ये शहर लगभग 650 साल तक गुजरात की राजधानी बना रहा।
इसके अलावा, पाटन पर लगभग 300 सालों तक सोलंकी राजाओं ने भी राज किया था। यह शहर ना सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि व्यापार, शिक्षा आदि के क्षेत्रों में भी इसका बहुत नाम है। यहां पर्यटकों को घूमने के अलावा इतिहास के कुछ रोचक तथ्यों से भी रू-ब-रू होने का मौका मिलेगा। आपको बता दें कि यह शहर पहले दिल्ली सल्तनत का भी सूबा मुख्यालय हुआ करता था लेकिन बाद में इसे बदल दिया था। साथ ही पाटन को सन 1997 से एक जिले का दर्जा प्राप्त है। आपको इस शहर में कई ऐतिहासिक इमारतें देखने को मिलेगी जो लगभग देश-विदेश में मशहूर हैं। यहां पर सबसे ज्यादा सहस्त्रलिंग सरोवर और रानी की वाव आदि हैं, जिसकी वास्तुकला के लोग दीवाने हैं। आप जब भी गुजरात आएं तो एक बार जरूर इस शहर की सैर करें।
क्या है खास
यह शहर व्यापार के क्षेत्र से बहुत खास है, यहां आपको हाथ से बनी हुई कई कलाकारी देखने को मिल जाएगी। खासतौर से हाथ से बनी साड़ियों की प्रथा बहुत प्राचीन काल से चली आ रही है। कहा जाता है कि यहां साड़ी बनाने की प्रथा लगभग 700 साल पुरानी है। वैसे तो इस शहर की तमाम चीजें अपने आप में खास हैं लेकिन अगर हम इस शहर की सबसे खास चीज की बात करें तो वह है पटोला साड़ियां, जिसकी पूरी दुनिया दीवानी है। आपको बता दें कि पटोला साड़ियों की बुनाई करना कितना मुश्किल है। एक साड़ी को तैयार करने में लगभग 6 महीने से एक साल लग जाता है क्योंकि यह साड़ी दोनों तरफ से बुनी जाती हैं और इसे केवल 2 लोग ही तैयार करते हैं।
आपको इन साड़ियों में कई तरह की वैरायटी बाजार में मिल जाएगी। जिस पर आपको कई तरह की आकृतियां बनी हुई दिखेंगी। साथ ही, आपको बता दें कि यह साड़ियां रेशम के धागे से बुनी जाती हैं। यह आपको हर रेट में मिल जाएगी लेकिन कुछ साड़ियों की कीमत एक से डेढ़ लाख रुपये तक की भी होती है। साथ ही अगर आप खाने के शौकीन हैं तो आपको कई स्वादिष्ट व्यंजन यहां खाने को मिल जाएंगे। आप उन व्यंजनों का भी लुफ्त आसानी से उठा सकते हैं।
घूमने के लिए बेस्ट जगहें
रानी की वाव
यह इस शहर का सबसे खूबसूरत और शिल्प कौशल का सबसे बड़ा नमूना है। जो लगभग पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसे पर्यटक दूर-दूर से देखने आते हैं। आप भी इस बावड़ी की सैर कर सकते हैं। साथ ही आपको बता दें कि यह सोलंकी राजवंश की रानी उदयमतीद्वारा बनवाया गया था। आपको यहां की दीवारों पर भगवान गणेश की कई खूबसूरत मूर्तियां भी देखने को मिलेंगी। तो एक बार आप भी यहां जरूर घूमें।
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सहस्रलिंग तालाब
पाटन में ऐतिहासिक इमारतों के अलावा एक तालाब भी है, जो सरस्वती नदी के समीप बना हुआ है। हालांकि, यह तालाब अब पूरी तरह सूख गया है लेकिन यहां आपको कई सारे अद्भुत नजारे देखने को मिलेंगे। यह उन पर्यटकों के लिए बेस्ट ऑप्शन है, जिनकी इतिहास में रुचि है। तो आप जब भी गुजरातआएं तो एक बार यहां की सैर जरूर करने जाएं आपको काफी अच्छा महसूस होगा।
पाटन कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग: हवाई अड्डा अहमदाबाद में स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डाहै, जो पाटन से लगभग 120 किमी दूर है।
रेल मार्ग: पाटन जाने वाले पर्यटकों के लिए रेलवे स्टेशन बेस्ट ऑप्शन हैं।
सड़क मार्ग: अगर आप बस से जा रहे हैं तो आपके लिए बस टर्मिनल पाटन बेस्ट बस स्टैंड है।
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