केरल के इस मंदिर में प्रसाद में मिलती है मछली, यहां लोगों के साथ कुत्तों को भी है जाने की अनुमति

नदी के किनारे स्थित परश्शिनिक्कडव श्री मुथप्पन मंदिर जितना ख़ूबसूरत है उतनी ही अनोखी यहां की परंपरा भी है।

temple in kannur

भारत में विविधताओं का अंदाज़ा यहां के मंदिरों से लगाया जा सकता है। इन मंदिरों में सिर्फ़ बनावट ही नहीं बल्कि यह अपनी सजावट और मान्यताओं को लेकर भी एक-दूसरे से काफ़ी अलग होते हैं। इन मंदिरों में प्रसाद का एक अलग महत्व है। प्रसाद के रूप फल, लड्डू, पूरी जैसी चीज़ें मिलती हैं, लेकिन क्या आपने कभी प्रसाद में मछली लेते देखा है। अगर नहीं तो बता दें कि केरल के मुथप्पन मंदिर में प्रसाद में मछली दी जाती है। वैसे यह सुनने में भले ही अजीब लग रहा है, लेकिन यह सच है।

यही नहीं इस मंदिर से जुड़ी कई अनोखी बातें हैं, जिसे जानने के बाद आप हैरान हो जाएंगे। नदी के किनारे होने की वजह से यह मंदिर जितना ख़ूबसूरत है उतनी ही अनोखी यहां की परंपरा है। आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक बातें-

परश्शिनिक्कडव श्री मुथप्पन मंदिर की रोचक परपराएं

dance in temple

केरल के कन्नूर ज़िले में तालीपरम्बा से लगभग 10 किलोमीटर दूर वलपत्तनम नदी के किनारे पर स्थित है मुथप्पन मंदिर। इस मंदिर के अराध्य देवता श्री मुथप्पन हैं। लोगों के अनुसार मुथप्पन यहां के इष्टदेव हैं और इन्हें भगवान शिव और विष्णु का अवतार माना जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार यहां के लोकदेवता असहाय और कमज़ोर लोगों के हितों की रक्षा करते हैं। मंदिर में आने वालो लोगों को ना सिर्फ़ नि:शुल्क खाना खिलाया जाता है बल्कि रहने के लिए आश्रय भी दिया जाता है। मंदिर में दर्शन के बाद लोगों को उबली हुई काली फलियाँ, और चाय दी जाती है। जिसे वहां लोग प्रसादम कहते हैं। ख़ास बात है कि इस मंदिर में लोगों के अलावा कुत्तों को भी जाने की अनुमति है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे भगवान मुथप्पन के वाहन हैं, इसलिए इन्हें पवित्र माना गया है।

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कुन्नूर की धरोहर है ये मंदिर

prasadam

परश्शिनिक्कडव श्री मुथप्पन मंदिर को कुन्नूर की धरोहर माना जाता है। प्रसाद के अलावा यहां भगवान मुथप्पन पर मछली और ताड़ी जैसी चीज़ें चढ़ाई जाती हैं, जिसे बाद में लोगों के बीच प्रथागत प्रसाद के रूप में परोसा जाता है। ख़ास बात है कि यह एक हिंदू मंदिर होने के बावजूद, अलग-अलग धर्म, जाति और क्षेत्रों के लोगों को आकर्षित करता है। मंदिर के परिसर में कथकली से मिलती-जुलती यहां की लोक नृत्य थीयम को कलाकार प्रस्तुत करते हैं। कलाकार इसे अलग-अलग पैराणिक पात्रों की कथाओं को अपने नृत्य से दर्शाते हैं। थीयम यहां काफ़ी प्रसिद्ध है, वहीं लोकनृत्य करने के बाद कलाकार लोगों को आशीर्वाद भी देते हैं।

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मंदिर तक पहुंचने के लिए हैं कई साधन

sri muthappan temple

कुन्नूर रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आपको बस, टैक्सी आदि परश्शिनिक्कडव पहुंचा जा सकता है। मुश्किल से आपको आधा घंटा या फिर एक घंटा लगेगा। कुन्नूर में इस मंदिर के अलावा भी कई ऐसी जगहें हैं, जिसे आप चाहें तो घूम सकती हैं। बीच, म्यूज़ियम, वाइल्डलाइफ़ सेंचुरी आदि शामिल हैं, लेकिन इससे ख़ूबसूरत है यहां की प्राकृतिक ख़ूबसूरती है, जिसकी वजह से आप यहां बार-बार आना पसंद करेंगी।

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