जब गुजरात में घूमने की बात होती है, तो यहां पर दर्शनीय स्थलों की कमी नहीं है। लेकिन माता के भक्तगण विशेष रूप से अम्बाजी मंदिर के दर्शन के लिए गुजरात जाते हैं। यह भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थान में से है और इसकी गिनती 51 प्राचीन शक्तिपीठों में होती है। अंबाजी माता मंदिर भारत का एक प्रमुख शक्ति पीठ है। यह पालनपुर से लगभग 65 किलोमीटर, माउंट आबू से 45 किलोमीटर और आबू रोड से 20 किलोमीटर और अहमदाबाद से 185 किलोमीटर, गुजरात और राजस्थान सीमा के पास स्थित है।
यहां पर नवरात्रि का त्योहार बेहद ही उत्साह व उमंग के साथ मनाया जाता है। लोग पवित्र माता के चारों ओर गरबा नृत्य करते हैं। मंदिर में दर्शन करने के बाद लोग आसपास के प्राकृतिक नजारों का आनंद उठाते हैं। मंदिर को लेकर लोगों के मन में एक अलग ही श्रद्धा व मान्यता है। लेकिन क्या आप इस मंदिर के बारे में सबकुछ जानते हैं। अगर नहीं, तो चलिए आज इस लेख में हम आपको गुजरात स्थित अम्बाजी मंदिर के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्यों के बारे में बता रहे हैं-
आमतौर पर, हर मंदिर में भगवान की कोई ना कोई मूर्ति या छवि अवश्य होती है। लेकिन अम्बाजी मंदिर काफी अलग है। अम्बाजी मंदिर में देवी की कोई छवि या मूर्ति नहीं है, बल्कि यहां पर पवित्र “श्री वीसा यंत्र“ को मुख्य देवता के रूप में पूजा जाता है। इस यंत्र को कोई भी नग्न आंखों से नहीं देख सकता है। साथ ही यंत्र की फोटोग्राफी प्रतिबंधित है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर इतना प्राचीन है कि यह मूर्ति-पूजा से पहले का है। हालांकि, पुजारी गोख के ऊपरी हिस्से को इस तरह से सजाते हैं कि यह दूर से देवी की मूर्ति की तरह दिखता है।
इसे जरूर पढ़ें-गोवा और मुबंई के ही नहीं, गुजरात के इन खूबसूरत बीचेज का भी लें मजा
अम्बाजी मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सिर्फ मंदिर तक ही सीमित नहीं होती है। बल्कि अंबाजी मंदिर से थोड़ी दूरी पर एक कुंड स्थित है, जिसमें डुबकी लगाना बेहद पवित्र माना जाता है। इस कुंड को लोग मानसरोवर कहकर पुकारते हैं और यहां पर डुबकी लगाने का अपना एक अलग ही आध्यात्मिक महत्व है।(मन्नत पूरी करने वाल कुंड)
यह मंदिर बेहद ही प्राचीन है। यह इतना पुराना है कि तब तक मूर्ति पूजा का भी चलन शुरू नहीं हुआ था। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर करीबन 1200 साल पुराना है। इतना ही नहीं, इस मंदिर के जीर्णोद्वार का काम 1975 से शुरू हुआ था और तब से अब तक इसका काम अभी चल रहा है।
अम्बा जी मंदिर देखने में इसलिए भी खूबसरत लगता है, क्योंकि यह श्वेत संगमरमर से निर्मित है। यह मंदिर बेहद ही भव्य है और इसका शिखर एक सौ तीन फुट ऊंचा है।(लाल ताजमहल के रोचक तथ्य जानें)
अम्बा जी मंदिर में यूं तो सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्रि के दौरान यहां पर एक अलग ही माहौल होता है। नवरात्रि के नौ दिनों तक भक्तगण पूरी श्रद्धा से माता की भक्ति करते हैं। इतना ही नहीं, इस खास अवसर पर मंदिर के प्रांगण में भवई और गरबा जैसे नृत्यों का आयोजन किया जाता है। साथ ही सप्तशती का पाठ भी किया जाता है।(भारत में इस तरह मनाई जाती है नवरात्रि)
इसे जरूर पढ़ें-ये हैं देवी के प्रसिद्ध मंदिर, दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं लोग
अगर आप भी गुजरात जाने का मन बना रहे हैं तो एक बार इस मंदिर के दर्शन अवश्य करें। आपको यकीनन एक अलग ही अनुभूति का अनुभव होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- gujarattourism
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।