दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो अमीर बनने के ख्वाब न देखता हो। हर किसी को ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने की चाहता होती है और पलक झपकते करोड़पति बन जाना चाहता है। इस चाहत के चलते हर साल लोग रियालिटी शो कौन बनेगा करोड़पति के आने को इंतजार भी करते हैं। कई किस्मत वाले लोग इस शो की हॉट सीट पर पहुंच भी जाते हैं मगर बहुत सारे लोग ऐसे भी होते हैं जो इस सीट पर पहुंचने के बाद भी करोड़पति नहीं बन पाते। इतना एजुकेटेड होने के बाद भी शो में पूछे गए कई सवालों के जवाब उन्हें नहीं पता होते मगर आपको यह जान कर हैरानी होगी कि भारत में एक ऐसा गांव है जहां एक नहीं दो नहीं गांव में रहने वाला हर शख्स करोड़पति है।
यह गांव अरुणाचल प्रदेश का बोम्जा गांव है। तवांग जिले की बोंगखार तहसील में स्थित इस गांव में मात्र 259 लोग ही रहते हैं। आप सोच रही होंगी कि इतना छोटा गांव होते हुए भी वहां का हर आदमी करोड़पति कैसे हो सकता है। मगर यह सच है कि इस गांव का हर आदमी अमीर है। कहा जाता है कि पूरे ऐशिया में इससे ज्यादा अमीर और कोई गांव नहीं है।
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दरअसल यह इस गांव में इंडियन आर्मी ने गैरसन की एक और यूनित तैयार की है जिसेके लिए गांव भर की जमीन को यहां के रहने वालों से खरीद लिया है। जमीन के बदले हर फैमली को करोड़ों रुपए रक्षा मंत्रालय की तरफ से मुआवजा दिया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने कुल 200 एकड़ जमीन के लिए गांव में रहने वाले 31 परिवारों को 40 करोड़ रुपए दिए हैं, जिसमें से 29 परिवारों को 1-1 करोड़ रुपए और 2 परिवारों को 2-2 करोड़ रुपए दिए हैं। इस तरह यहां पर रहने वाले लोग रातों रात करोड़पति बन गए हैं।
Image Courtesy:tripadvisor.in
अगर आप इस अमीर गांव में आन चाहे तो इसके लिए पहले आपको तवांग आना होगा और फिर आप बाय रोड यहां आ सकती हैं। वैसे इस गांव के अलावा यहां के आसपास की जगह भी बेहद खूबसूरत है। जहां आप एक ट्रिप भी प्लान कर सकती हैं। घूमने के लिए तवांग भी एक बेहद खूबसूरत शहर हैं। 3000 मीटर ऊंचाई पर बसे इस शहर में मुश्किल से 10,000 लोग रहते हैं. यह शहर भारत और चीन सीमा की सीमा से सटा हुआ है यहां से मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर चीन की सीमा है। इस शहर को कई कारणों से भी जाना जाता है। जैसे यहां मौजूद तवांग मठ भारत का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है और ल्हासा के पोताला महल के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मठ है।
मठ के अलावा तवांग प्राकृतिक खूबसूरती से भरा पड़ा है। यहां पर घूमने के अलावा यहां की अद्भुद संस्कृति का अनुभव भी आपको काफी रोमांचित करेंगा। यहां के लोगों का जीवन बेहद सादा है। यहां के लोग प्राकृतिक तरीके से खेती करते हैं और अपना जीवन बिताते है। यहां पर कुछ लोग कागज और लकड़ी का सामान भी बनाते हैं। यह सामान बेहद खूबसूरत होता है और यह कला आपको विश्व भर में कहीं देखने को नहीं मिलेगी।
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आपको बतादें कि तवांग 1962 में हुए इंडो चीन युद्ध का मुख्य केंद्र था। आज भी चीन तवांग पर अपना अधिकार जमाने से खुद को नहीं रोक पाता और बार बार इस शहर को भारत से छीनने का प्रयास करता है। यहां से 40 किलोमीटर दूर एक जगह बुमला है जहां से चीन की धरती को साफ देखा जा सकता है। यहां पर एलओसी भी बनी है। वैसे यहां से 42 किलोमीटर स्थित तिरंग जिले के सेलापास जाने पर आपको भूटान देश से जुड़ी कई चौकियां देखने को मिल जाएंगी। कई लोग जो भुटाने जाना चाहते हैं वह सड़क मार्ग से यहां से होते हुए ही जाते हैं। यहां बनी चौकियों में भुटान जाने के लिए भारतियों को एक पास दिया जाता है। यह पास 15 दिन के लिए होता है। इस पास के साथ आप बिना रोक टोक भुटान में 15 दिन घूम फिर सकते हैं।
इसी जगह पर आपको 1962 की लड़ाई में शहीद हुए जश्वंत सिंह रावत का मंदिर भी देखने को मिल जाएगा। आज भी इस मंदिर में 5 जवान जश्वंत सिंह की सेवा में तैनात रहते हैं। सैनिक कोई भी रैंक का हो अगर वे इस रास्ते से गुजरता है तो इस मंदिर पर सलामी ठोके बिना नहीं जाता है। तवंग से 10 किलोमीटर की दूरी पर एक जंग फॉल भी है यह फॉल इतना विशाल और खूबसूरत है कि आप इसे देखते ही रह जाएंगी।
वैसी तवांग तक पहुचंने के लिए आपको पहले शिलॉन्ग और फिर शिलॉन्ग से गोहाटी आना होगा यहां से तवंग के लिए आपको बहुत से लोक ट्रांसपोर्ट मिल जाएंगे। चाहे तो आपन अपनी एक प्राइवेट गाड़ी भी कर सकती हैं मगर यहां ट्रैवल करने के लिए आपको एक ऐसे ड्राइवर की जरूरत होगी जिसे यहां के सारे नियम कायदे पता हों साथ ही जो आपके लिए एक अच्छा गाइड भी साबित हो सके।
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