दिल्ली सिर्फ शहर नहीं, बल्कि एक एहसास है। यहां की तंग गलियों में मोहब्बत की खुशबू आज भी जिंदा है। आज भी यहां का हर हिस्सा...हर कोना अपनी एक अलग कहानी कहता हुआ नजर आता है। लाल किला, कुतुब मीनार, हुमायूं का मकबरा या पुरानी हवेलियों की दीवारों पर लिखा इतिहास अनगिनत कहानियों की गवाही देती हैं जो या को कभी पूरी हुईं या अधूरी ही रह गईं।
यह शहर सिर्फ मुगल शासकों की राजधानी नहीं था, बल्कि शायरों, कलाकारों, व्यापारियों और सूफियों की भी ख्वाब रहा है। खासकर चांदनी चौक और बल्लीमारान की गलियां...यहां ऐसी कई छुपी हुई जगहें हैं जिन्हें देखा जाना चाहिए। अगर आप भी लाल किले के पास घूम रही हैं और बारिश का लुत्फ उठाना चाहती हैं, तो यह लेख आपके लिए है। यहां हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताएंगे जिन्हें इस मौसम में एक्सप्लोर किया जा सकता है।
दिल्ली का नाम आए और शायरी की बात न हो...ऐसा हो ही नहीं सकता। शायरी की दुनिया में मिर्जा गालिब को जरूर याद किया जाता है, जिसकी कहानी न सिर्फ किताबों में बल्कि बल्लीमारान की गलियों में भी दर्ज है।
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वहां मौजूद गालिब की हवेली आज एक संग्रहालय बन चुकी है, जहां गालिब से जुड़ी चीजें, उनकी गजलें, तस्वीरें और पुराना रहन-सहन देखने को मिलता है। आप यह जगह एक्सप्लोर कर सकती हैं, चाय पीते हुए गजलें पढ़ने का लुत्फ उठा सकती हैं।
यह मस्जिद मुगल वास्तुकला का शानदार नमूना है। मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के दौर में शाही नमाज की जगह मानी जाती थी। यह जगह लाल किले से बहुत ही पास है, आप यहां नमाज पढ़ने और सुकून के पल बिता सकती हैं। यह मस्जिद अपनी सुनहरी मीनारों के लिए मशहूर है, जहां पर बहुत ही शांति है और नजारा भी बहुत ही खूबसूरत है।
आप चांदनी चौक की गलियों को एक्सप्लोर कर सकती हैं। यह लाल किले से बहुत ही करीब है, जिसके लिए आपको रिक्शा लेना पड़ेगा। चांदनी चौक की गलियों में शॉपिंग, खाना और घूमने की कई जगहें मिलेंगी।
अगर आपको पुरानी दिल्ली का असली नजारा देखना है, तो जामा मस्जिद का दीदार किया जा सकता है। इसके ऊंचे मीनारों से पुरानी दिल्ली का नजारा भी बेहद शानदार दिखता है।
लाल किले से थोड़ी ही दूरी पर हजरत शेख कलंदर की दरगाह है। यहां जाकर मन को सुकून मिलता है और इतिहास से भी जुड़ाव महसूस होता है।
आप भी सुकून पाने के लिए यहां जा सकती हैं और बैठकर शांति से अपने दिल की बात कह सकती हैं। पुरानी दिल्ली की गलियों में स्थित यह दरगाह एक आध्यात्मिक माहौल देती है, इसलिए यहां हर धर्म के लोग आना पसंद करते हैं।
चांदनी चौक में स्थित यह ऐतिहासिक गुरुद्वारा सिखों के नवें गुरु तेग बहादुर जी की शहादत की याद में बनाया गया है। तभी ये लोगों का आना-जाना यहां लगा रहता है, जहां पर लंगर और सेवा भाव का अनोखा रूप देखने को मिलेगा। अगर आपको देसी खाने की तलब है, तो यहां जाने बेस्ट रहेगा।
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अगर आप थोड़ा आगे बढ़ जाएं, तो यमुना किनारे स्थित राज घाट जरूर जाएं, जहां महात्मा गांधी की समाधि है। यहां आपको काफी अच्छा लगेगा।
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