वर्क फ्रॉम होम और घर पर ही बंधे रहने के कारण बोरियत सी होने लगती है। इस मोनोटनी से ब्रेक लेने के लिए आपको छोटे- छोटे ट्रिप्स करने चाहिए, जिससे हर हफ्ते काम करने का उत्साह आपमें बना रहेगा। लेकिन ऐसे हालातों में आखिर जाया भी कहां जाए? बहुत दूर जाना अभी मुश्किल है। दिल्ली में होते हुए फिर ऐसी कौन-सी जगह जाएं, जो आपकी शॉर्ट ट्रिप को यादगार बना दे। आप चिंता मत कीजिए क्योंकि आपकी शॉर्ट ट्रिप के लिए हम आपको ऐसे कुछ ठिकाने बताने जा रहे हैं, जो दिल्ली के पास है। ये ठिकाने आपका न ज्यादा वक्त जाया करेंगे और न ही आपको थकाएंगे। दिल्ली के ऐसे पांच वीकेंड गेटवेज के बारे में आइए जानें।
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में स्थित लैंसडाउन एक बहुत ही सुंदर हिल स्टेशन है। शहर की भीड़-भाड़ से दूर यहां शांति से अपने छोटे हॉलिडे का भरपूर मजा लिया जा सकता है। आप यहां आकर भुल्ला झील के पास एक पिकनिक का आयोजन कर सकती हैं। यहां का लोकप्रिय टिप एन टॉप हिलव्यू पॉइंट से प्राकृतिक नजारों का आनंद ले सकती हैं। लैंसडाउन में कालागढ़ टाइगर रिजर्व, भीम पकोड़ा और दरवान सिंह संग्रहालय जैसे कुछ अन्य देखने लायक जगह हैं। यहां आएं तो गढ़वाली स्थानीय व्यंजनों का आनंद लेना न भूलें।
लागत- तीन से चार हजार रुपये/ पर्सन
अलवर शहर, दिल्ली के करीब सबसे शांत जगहों में से एक है, जिसे आप अपने वीकेंड में एक्सप्लोर करना चुन सकती हैं। अलवर अरावली पर्वतमाला से घिरा एक ऐतिहासिक शहर है।आप यहां अलवर का किला, भानगढ़ किला, सरिस्का वाइल्डलाइफ सैंचुरी, बाला किला, विनय विलास महल, सिलीसेर झील आदि जगहों की सैर कर सकती हैं। शौर्य गाथाओं को गुनगुनाता यह शहर आपकी शॉर्ट ट्रिप को यादगार बना देगा।
लागत- चार से छह हजार रुपये/पर्सन
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित परवाणू शहर भी छुट्टियां बिताने के लिए एक बेहतरीन जगह है। इसे बॉर्डर टाउन के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के पंचकुला शहर की सीमा पर स्थित है। यहां की खूबसूरती वास्तव में देखने योग्य है। आप यहां टिंबर ट्रेल, सेब के बाग, पिंजौर गार्डन, कैक्टस गार्डन आदि जगहों की सैर पर जा सकती हैं। यहां हिमाचल की सबसे बड़ी होलसेल मार्केट भी है।
लागत- चार से पांच हजार रुपये/पर्सन
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दिल्ली के पास एक और अनूठा शहर है मंडावा, जो मध्यकालीन भारत की तस्वीर को दर्शाता है। मंडावा में घूमने का सबसे अच्छा तरीका है पैदल चलना, क्योंकि यहां हर गली में एक हवेली है और हर हवेली एक ‘ओपन आर्ट गैलरी’ की तरह आगंतुकों के लिए खुली रहती है। मंडावा अपनी फ्रेस्को पेंटिंग्स के लिए दुनियाभर में लोकप्रिय है। सालों पुरानी इन पेंटिंग्स की चमक आज भी उसी तरह बरकरार है, जैसे पहले रहा करती थी। हनुमान प्रसाद गोयनका हवेली, गुलाब राय लाडिया हवेली, मुरमुरिया हवेली, लक्ष्मी नारायण लडिया हवेली आदि यहां की कुछ अनूठी और मशहूर हवेलियां है। अपनी शॉर्ट ट्रिप को यादगार बनाना हो, तो इस शहर का रुख किया जा सकता है।
लागत-दो से चार हजार रुपये/पर्सन
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जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है और भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है। अगर आपको वाइल्डलाइफ में दिलचस्पी है, तो आप यहां आ सकते हैं। इसे बंगाल टाइगर्स का घर कहा जाता है। इसके अलावा आप नैनीताल की लोकप्रिय झीलों की सैर कर सकते हैं। यह शहर अपने विभिन्न प्राकृतिक आकर्षणों के लिए प्रसिद्ध है। यहां की अनुकूल जलवायु और प्राकृतिक खूबसूरती भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
लागत- छह से सात हजार रुपये/पर्सन
अब आप कहीं जाने की सोचें, तो इनमें से किसी जगह को अपनी अगली ट्रिप के लिए चुन सकती हैं। अगर आप इनमें से किसी जगह की सैर कर चुकी हैं, तो अपना एक्सपीरियंस हमारे साथ जरूर शेयर करें। और ट्रैवल से जुड़ी ऐसी ही अन्य स्टोरीज के लिए पढ़ती रहें हरजिंदगी।
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