अगर आप अपने अगले ट्रिप के लिए किसी ट्रेक पर जाने की सोच रही हैं तो चोपता-चंद्रशिला-तुंगनाथ ट्रेक कर सकती हैं। उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में बसी यह जगह अदभुत मनोरम दृश्य दर्शाती है। इस जगह की खूबसूरती आपके तन-मन को तरोताजा कर देगी। यह अपने हरे-भरे बुग्यालों (हरी घास का मैदान) के लिए लोकप्रिय है। इसके लोकप्रिय होने की दूसरी वजह तुंगनाथ मंदिर है, जो दुनिया का सबसे बड़ा और पांच केदारो में एक बड़ा शिव मंदिर है। बिना किसी बाधा के पर्वतों और प्रृकित के बीच शांति का अनुभव करना हो, तो यहां ट्रेक जरूर करना चाहिए। हालांकि कोरोना से बिगड़ते हालात को देखते हुए मंदिर के द्वार अभी बंद हैं, लेकिन उसके बावजूद यहां जाया जा सकता है। एक एक सुदूर इलाके में बसा है, इसलिए यहां तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। यहां कैसे पहुंचे और क्या-क्या घूमे उसकी पूरी डिटेल की हुई जानकारी हम आपको बताने जा रहे हैं।
चोपता जाने का सही समय
अगर आप चोपता जाने का प्लान कर रही हैं, तो इसके लिए आप सर्दियां और गर्मियां यह दो मौसम चुन सकती हैं। मॉनसून के मौसम में यहां जाने से बचें। सितंबर से नवंबर के महीने में यहां जाया जा सकता है। मॉनसून खत्म होते ही पहाड़ों के साफ और सुंदर नजारों को देखने के लिए यह महीने एकदम अच्छे हैं। इस समय यहां बर्फ भी पड़ती है और बर्फ की चादर नजारे को और मनोरम बना देती है। वहीं, गर्मियों में यहां जाने के लिए मई से जुलाई महीने अच्छे हैं। इस दौरान यहां लाल, गुलाबी और सफेद रंगों के बुरांश के फूलों इन वादियों में चार चांद लगा देते हैं।
चोपता में करने के लिए एक्टिविटीज
देवरिया ताल ट्रेक : आप यहां ट्रेकिंग का जमकर लुत्फ उठा सकती हैं। यहां से ढाई किलोमीटर दूर सारी विलेज है, यह जगह देवरिया ताल की वजह से लोकप्रिय है। आप इस छोटे ट्रेक पर जा सकती हैं। देवरिया ताल समुद्र स्तर से 2438 मीटर पर स्थित है। इस ट्रेक को करने में आपको 2-3 घंटे लगेंगे।
तुंगनाथ ट्रेक : सबसे पॉपुलर ट्रेक तुंगनाथ समुद्र तल से 3680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ट्रेक 3 किमी ऊपर है और रास्ते में आपको हरे भरे घास के मैदान मिलेंगे। आप बर्फ से ढके हिमालय की एक विस्तृत श्रृंखला देख सकते हैं। तुंगनाथ एक प्राचीन मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह 1000 से अधिक वर्षों से मौजूद है और यहां से आप मंदाकिनी और अलकनंदा रिवर वैली को देख सकती हैं।
बनियाकुंड कैंप : आप यहां कैंपिंग का आनंद ले सकती हैं। बनियाकुंड चोपता से 4 किलोमीटर दूर है और हर-भरे घास का एक बड़ा-लंबा मैदान है। इसके आसपास कुछ गांव हैं। तुंगनाथ-चंद्रशिला का ट्रेक करने वालों के लिए यह एक स्टॉपिंग पॉइंट है। यहां से बर्ड वॉचिंग की जा सकती है।
कंचुला कोरक कस्तूरी मृग अभ्यारण : यह सैंचुरी चोपता से लगभग 7 किलोमीटर दूर, चोपता-गोपेश्वर मार्ग के किनारे स्थित है। यह 5 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है। यहां कस्तूरी हिरणों को देखा जा सकता है, इसके अलावा यहा विभिन्न दुलर्भ किस्म के फूल भी मौजूद हैं। यह हरी-भरी सैंचुरी साल भर ऐसी ही रहती है। अगर आपको वाइल्डलाइफ में दिलचस्पी है, तो यहां जरूर जाएं। इस सैंचुरी का टिकट मात्र 50 रुपये है।
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कैसे पहुंचें चोपता?
चूंकि दिल्ली से चोपता के लिए सीधी बस नहीं है। इस वजह से आपको पहले दिल्ली से देहरादून, ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर या फिर हरिद्वार के लिए बस बुक करनी होगी। आपको जहां की भी बस मिलें आप उसे बुक कर सकते हैं। आप जिस बस स्टैंड पर उतरे हैं, वहां से उखीमठ के लिए एक अन्य बस बुक कर लें। उखीमठ पहुंचते ही आपको चोपता के लिए कई स्थानीय टैक्सी मिल जाएंगी। आप उत्तराखंड या उत्तर प्रदेश के ऑनलाइन पोर्टल से बस बुक कर सकती हैं। शुरुआती कीमत 390 रुपये से लेकर 410 रुपये तक होगी। अगर आप थोड़ा सा अपडेट करना चाहें तो जनरथ बस के टिकट बुक कर सकती हैं। जनरथ बस की टिकट 549 रुपये की होगी। आप दिल्ली से हरिद्वार की बस बुक करें।
हरिद्वार से चोपता : हरिद्वार से आपको एक और बस कुंड के लिए करनी होगी और वहां से आप चोपता पहुंच सकती है। हरिद्वार से कुंड का किराया 300 रुपये है। उसके बाद यहां से चोपता के लिए आप शेयर टैक्सी में जा सकती हैं जिसका किराया 70 रुपये है।
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कहां रुकें?
चोपता में ठहरने के लिए कई गेस्ट हाउस मिल जाएंगे। इनकी कीमत 500 रुपये से शुरू है। इसके आसपास अच्छे रिजॉर्ट भी आपको मिल जाएंगे। उन रिजॉर्ट की कीमत 1200 रुपये से शुरू है। यहां मौजूद ढाबा वाले भी डॉरमेट्री की सेवाएं देते हैं, जहां 200 रुपये पर बेड में आप वीकेंड का मजा ले सकती हैं।
आइए देखें कि आपने इस दौरान कितना खर्च किया-
बस बुकिंग- 1700 रुपये (आना-जाना)
लोकल ट्रांसपोर्ट- 140 रुपये (आना-जाना)
गेस्ट हाउस- 500 रुपये
सैंचुरी में टिकट की कीमत- 50 रुपये
खाना-पीना- चोपता में आपको सिर्फ 100 रुपये में थाली मिल जाएगी।
इन सबसे बवाजूद आपके पास आराम से कुछ पैसे बच जाते हैं, जिससे आप कुछ लोकल आइटम खरीद सकती हैं। चोपता जाने से पहले एक बार उत्तराखंड के सरकारी नियमों और तारीख भी पता कर लें। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमारे फेसबुक पेज पर कमेंट कर जरूर बताएं। साथ ही ऐसी अन्य रोचक जानकारी के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit : chopta.in,traveltriangle,unsplash images & wikipedia
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