भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक, उत्तर प्रदेश अपनी आध्यात्मिकता, वास्तुकला, रहस्यवाद और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। सदियों से चली आ रही परंपराओं के साथ, इस राज्य के लोग भारत की कुछ सबसे अमिट परंपराओं में लिप्त हैं, विशेष रूप से हिंदू धर्म से संबंधित परम्पराएं इस राज्य को अति विशिष्ट बनाती हैं।
यही वजह है कि प्रदेश धार्मिक आस्थाओं का शहर माना जाता है, क्योंकि यहां पर बनारस, अयोध्या, आगरा जैसे ऐतिहासिक शहर भी मौजूद हैं। इन जगहों का दीदार करने लोग बहुत दूर-दूर से आते हैं, जहां न सिर्फ सांस्कृतिक विरासतें मौजूद हैं बल्कि ऐतिहासिक जगहों भी मौजूद हैं। उदाहरण के तौर पर, भारत का सबसे पवित्र शहर, वाराणसी, सारनाथ और कुशीनगर में प्राचीन बौद्ध स्तूप और प्रयागराज, जहां गंगा और यमुना, भारत की दो सबसे प्रतिष्ठित नदियों से मिलते हैं।
ये सब उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा हैं। वैसे तो उत्तर प्रदेश पूरे साल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होता है, लेकिन अगर हम आगरा की बात करें तो यहां का फतेहपुर सीकरी काफी पुराना और नायाब है। यहां कई ऐसी जगहें हैं जहां पर घूमने का प्लान बनाया जा सकता है।
बुलंद दरवाजा
बुलंद दरवाजा फतेहपुर सीकरी में घूमने की जगहों में से एक है। यह दरवाजा दुनिया का सबसे बड़ा दरवाजा है, जिसका निर्माण सम्राट अकबरने गुजरात पर विजय प्राप्त करने की स्मृति में सन 1602 में करवाया। इस दरवाजे के प्रवेश द्वार के पूर्वी तोरण पर आज भी फारसी में शिलालेख अंकित है।
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जामा मस्जिद
फतेहपुर सीकरी की जामा मस्जिद का इतिहास मुगलों से जुड़ा हुआ है। इसे शाहजहां ने अपनी बेटी जहांआरा बेगम के लिए बनवाई थी। इसलिए इस मस्जिद को मस्जिद-ए-जहांनुमा भी कहा जाता है। इसका निर्माण 1648 में किया गया था, जिसे बनाने के लिए कई लाख रुपये खर्च किए गए थे।
इस मस्जिद का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है और सफेद संगमरमर से सजाया गया है। मस्जिद की दीवार में प्रयुक्त टाइल्स को ज्यामितीय आकृति से सजाया गया है। इस मस्जिद की लंबाई 130 फुट और चौथाई 100 फुट है। जामा मस्जिद में लकड़ी एवं ईंट का भी प्रयोग किया गया है।
जोधाबाई का मकबरा
'मरियम-उज़-ज़मानी' का मकबरा परंपरागत रूप से राजकुमार सलीम (बाद के सम्राट जहांगीर) ने अपनी मां यानी मरियम-उज़-ज़मानी जोधा बेगमके नाम से बनवाया था। जहांगीर ने सत्ता संभालने के बाद मरियम-उज़-ज़मानी के मकबरे का निर्माण करवाया था। इस मकबरे को बनने में पूरे 4 साल लगे थे और ये साल 1627 में बनकर पूरा तैयार हो गया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जोधा बेगम का निधन 1623 में हुआ था।
हज़ारों लोग इस मकबरे की खूबसूरती को दूर-दूर से निहारने आते रहते हैं। अगर हम इसकी खूबसूरती के साथ वास्तुकला की बात करें, तो इस मकबरे की वास्तुकला काफी रोचक और खूबसूरत है। इस मकबरे का निर्माण बाग के बीच में किया गया है।
फतेहपुर सीकरी के बारे में जानें
आगरा के पास स्थित फतेहपुर सीकरी 16वीं शताब्दी में बनाया गया एक शाही शहर है। यह शहर मुगल साम्राज्य के आदर्शों और विरासत को समेटे हुए है। इसे 1571 में मुगल बादशाह अकबर ने बनवाया था। ऐसा माना जाता है कि 12वीं शताब्दी में शुंग वंश और बाद में सिकरवार राजपूतों के शासन के दौरान यहां कई छोटे-छोटे और विभिन्न स्मारक और किले बनाए गए थे, जिसे अकबर ने फतेहपुर सीकरी बनवाते वक्त ध्वस्त करवा दिया था।
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कैसे पहुंचें फतेहपुर सीकरी?
- आप सड़क मार्ग से होते हुए फतेहपुर सीकरी जाना चाहते हैं, तो आप सबसे पहले आप आगरा विजिट करें। आगरा से फतेहपुर सीकरी की दूरी 40 किलोमीटर है।
- अगर आप ट्रेन के माध्यम से फतेहपुर सीकरी जाना चाहते हैं, तो यहां फतेहपुर सीकरी रेलवे स्टेशन है। यहां से आप घूमने के लिए जा सकते हैं।
- अगर आप अपनी खुद की गाड़ी से जाना चाहते हैं, तो ये सबसे बेहतरीन विकल्प है। दिल्ली से 4 घंटे 37 मिनट में आप फतेहपुर सीकरी पहुंच जाएंगे।
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