तमिलनाडु भारत के दक्षिणी राज्यों में से एक है। यह घने जंगलों, नारियल के पेड़ों और एकांत महासागर से घिरा हुआ है। इसक राज्य का इतिहास युगों से भी आगे तक जाता है। दिलचस्प बात यह है कि तमिलनाडु भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसकी तटरेखा बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर और अरब सागर के साथ-साथ है। इसके अलावा, तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में दुनिया का दूसरा सबसे लंबा शहरी समुद्र तट, मरीना बीच है।
तमिलनाडु उन लोगों के लिए स्वर्ग है जो मंदिरों में जाना पसंद करते हैं। यहां पर एक या दो नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण मंदिर हैं, जिनका अपना अलग ऐतिहासिक व आध्यात्मिक महत्व है। तमिलनाडु राज्य में घूमने व देखने के लिए बहुत कुछ है। हालांकि, इस राज्य का दौरा करने से पहले आपको यहां से जुड़े कुछ अमेजिंग फैक्ट्स के बारे में भी जानना चाहिए। इस फैक्ट्स को जानने के बाद आपकी तमिलनाडु घूमने की इच्छा और भी ज्यादा तीव्र हो जाएगी। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको तमिलनाडु राज्य से जुड़े कुछ फैक्ट्स के बारे में बता रहे हैं-
द्रविड़ वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध
तमिलनाडु कई मंदिरों का घर है। हालांकि, यहां पर मौजूद मंदिर मुख्य रूप से अपनी द्रविड़ शैली के लिए प्रसिद्ध है। द्रविड़ वास्तुकला में बने मंदिरों में जटिल नक्काशी, ऊंचे गोपुरम अर्थात्प्रवेश द्वार और विशाल मंदिर परिसर हैं। इन्हीं मंदिरों में एक तंजावुर में बृहदेश्वर मंदिर भी है। यह एक यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है, जिसे विश्व धरोहर स्थल, चोल राजवंश के दौरान 1,000 साल पहले बनाया गया था।
रंगोली बनाने की है विशेष परंपरा
यूं तो भारत के अलग-अलग राज्यों में लोग रंगोली बनाते हैं। लेकिन अमूमन लोग किसी ना किसी विशेष अवसर पर रंगोली बनाते हैं। हालांकि, तमिलनाडु में लोग नियमित रूप से रंगोली बनाते हैं। आप राज्य के अधिकांश घरों के बाहर रंगोली या कोलम देख सकते हैं। इसे सूर्योदय से पहले धन की देवी, यानी लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनका स्वागत करने के लिए बनाया जाता है।
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मंदिरों की भूमि
तमिलनाडु को अगर मंदिरों की भूमि कहा जाए, तो यह गलत नहीं होगा। पूरे राज्य में 33,000 से अधिक मंदिर स्थित हैं। ये मंदिर न केवल पूजा स्थल हैं बल्कि कला, संस्कृति और इतिहास के भंडार भी हैं। मदुरै स्थित मीनाक्षी अम्मन मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जहां पर दुनियाभर से लोग घूमने के लिए आते हैं।
धूमधाम से मनाया जाता है पोंगल उत्सव
पोंगल तमिलनाडु का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह एक चार दिवसीय त्योहार है, जिसमें लोग नए कटे हुए चावल से बने पोंगल नामक एक विशेष व्यंजन तैयार करते हैं और इसे देवताओं को चढ़ाते हैं। तमिलनाडु में पोंगल त्योहार के दौरान जल्लीकट्टू उत्सव भी मनाया जाता है। इसमें बैल को काबू में करने का पारंपरिक खेल खेला जाता है। दिलचस्प बात यह है कि यह 2,000 से अधिक वर्षों से इसकी संस्कृति का हिस्सा रहा है।
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सिल्क की साड़ियों के लिए प्रसिद्ध
तमिलनाडु अपनी सिल्क की साड़ियों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है, विशेष रूप से कांचीपुरम शहर की। कांचीपुरम सिल्क की साड़ियां अपने बेहतरीन शिल्प कौशल और जटिल डिज़ाइनों के लिए जानी जाती हैं। जिसे भारत के कोने-कोने में महिलाएं पहनना पसंद करती है। यह राज्य सूती वस्त्रों का भी एक प्रमुख उत्पादक है, जिसमें कोयंबटूर जैसे शहर प्रमुख टेक्सटाइल हब है।
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Image Credit- freepik
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