हरे-भरे जंगल, सरसराती हुई नदियां और उनमें बर्फ से ढके पहाड़ों की छाया। चोटियों पर एक सीमित दूरी पर बने घर और दूर-दूर तक फैले सुंदर रंग-बिरंगे फूलों की चादर, यह किसी पेंटिंग का नहीं, बल्कि कश्मीर का विवरण है। कश्मीर न केवल पहलगाम, गुलमर्ग, युस्मार्ग या सोनमर्ग जैसे कुछ लोकप्रिय स्थलों के लिए जाना जाता है, बल्कि उन स्थानों के लिए भी जाना जाता है जो कुछ दशक पहले तक पर्यटकों से अछूते थे। आज इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही खूबसूरत और रोमांच से भरे जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आज भी लोगों की भीड़ से दूर है।
चटपाल गांव
आप श्रीनगर, पहलगाम, गुलमर्ग या युस्मार्ग के खूबसूरत नजारों के बारे में जानते होंगे लेकिन कश्मीर के चटपाल गांव की सुंदरता का वर्णन किसी ने नहीं किया होगा। यह कश्मीर के सबसे खूबसूरत ऑफबीट पर्यटन स्थलों में से एक है। यह जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित है। शहर के जीवन की हलचल से दूर प्रकृति की गोद में परिवार और दोस्तों के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिताने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है। इसके अलावा, चटपाल के आसपास जंगलों में एक छोटा-सा ट्रेक एडवेंचर प्रेमियों के लिए एक सुखद अनुभव होगा।
यहां जाने का सही समय
कश्मीर में हर मौसम का अपना आकर्षण होता है। हालांकि, गर्मी का मौसम चटपाल जाने का सबसे अच्छा समय है। सर्दियों का मौसम आपकी इस यात्रा को कठोर बना सकता है, लेकिन अगर स्नोफॉल का मजा लेना हो, तो यहां आना अच्छा विकल्प हो सकता है।
कैसे पहुंचें?
श्रीनगर हवाई अड्डा यहां पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा है। यहां से 90 किमी की यात्रा करने के लिए आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। वहीं रेलवे स्टेशन जम्मू तवी यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन है।
कहां रह सकते हैं?
अगर आप यहां रुकने का सोच रहे हैं, तो जम्मू कश्मीर द्वारा मेनटेंन किया हुआ बंगले को आवास के रूप में चुन सकते हैं। आपको यहां सारी बेसिक सुविधाएं मिलेंगी।
वारवान घाटी
अगर आप पर्यटकों की भीड़ से भरे शहरों की ओर न जाना चाहें, तो वारवान घाटी आपके लिए सबसे बेहतर जगह हो सकती है। यह जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से 150 किमी दूर है और अनंतनाग जिले से 3 घंटे की ड्राइव पर है। वारवान घाटी के आकर्षण केंद्र में शानदार झरनों के अलावा विशाल देवदार के पेड़ हैं, जो इस सुंदर वातावरण को आनंदमय बनाता है। यह ट्रेकर्स के लिए स्वर्ग है। ट्रेकिंग का रास्ता विभिन्न स्थानों जैसे पहलगाम में शेषनाग, सुखनाई-चित्तरगुल- ऐशमुक्कम और सुखनाई- कनिताल- पनिखर की ओर जाता है।
यहां जाने का सही समय
वारवान घाटी हर समय पर्यटकों के लिए सुलभ नहीं है इसलिए पर्यटक केवल सुलभ महीनों में ही आ सकते हैं। वारवान घाटी की यात्रा करने के लिए जून से अक्टूबर का समय सबसे अच्छा है।
कैसे पहुंचें?
यहां पहुंचने के लिए आपको दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग से टैक्सी लेनी पड़ेगी और यहां पहुंचने में करीब 3 घंटे का समय लगेगा।
कहां रह सकते हैं?
घाटी के पास ही एक इंशान गांव है, जहां आपको कुछ आधिकारिक आवास के विकल्प मिल सकते हैं। वहीं चूंकि यह अनंतनाग से 3 घंटे की दूरी पर है, तो आप वापिस अनंतनाग आकर भी रुक सकते हैं।
गुरेज गांव
गुरेज एक हाई एल्टीट्यूड पर स्थित गांव है, जो लगभग 2400 मीटर की ऊंचाई पर है। बांदीपुर से लगभग 86 किमी और श्रीनगर से 123 किमी दूर, घाटी बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरी हुई है और घाटी से बहने वाली किशनगंगा नदी एक शानदार दृश्य पेश करती है। यह कश्मीर के दर्शनीय पर्यटन स्थलों में से एक है और एक्जॉटिक वाइल्डलाइफ जैसे स्नो लेपर्ड और ब्राउन बीयर के संरक्षण के लिए जाना जाता है। भारी बर्फबारी के कारण नवंबर से मई तक गुरेज पूरी दुनिया से अलग हो जाता है। इस समय तक राजदान दर्रे में भारी हिमपात होता है। कश्मीर का पर्यटन विभाग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गुरेज हेलीकॉप्टर सेवाएं भी प्रदान करता है।
यहां जाने का सही समय
जैसा कि हम बता चुके हैं कि सर्दियों के मौसम में यहां जाना सेफ नहीं है। अगर आपको यहां कि वादियों का आनंद लेना हो तो गर्मियों के मौसम में यहां जमकर लुत्फ उठाएं।
कैसे पहुंचें?
गुरेज पहुंचने के लिए उधमपुर या श्रीनगर से साझा टैक्सी या बस एक बेहतर विकल्प है। हवाई मार्ग से श्रीनगर हवाई अड्डा गुरेज पहुंचने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है।
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कहां रह सकते हैं?
जम्मू-कश्मीर पर्यटन द्वारा बनाया गया डाक बंगला गुरेज में ठहरने के लिए बेहतर विकल्पों में से एक है। इसके अलावा यहां रुकने के कई अन्य विकल्प भी मौजूद हैं।
भद्रवाह
भद्रवाह जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले के हिमालय की तलहटी में स्थित प्रकृति की गोद में बसा, शांति से परिपूर्ण दर्शनीय स्थल है। इसे 'नागों की भूमि' भी कहा जाता है, क्योंकि यह सांपों की विभिन्न प्रजातियों का घर है। यहां स्थित एक ही पत्थर को तराश कर बनाए गए नागराज वासुकी मंदिर में जाकर आप दर्शन कर सकते हैं। अगर आप एडवेंचर पसंद करते हैं, तो यहां पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग, राफ्टिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, एंगलिंग और माउंटेनियरिंग का मजा ले सकते हैं।
यहां जाने का सही समय
सर्दियों का मौसम भद्रवाह की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय है क्योंकि यह पर्यटकों को रोमांच के भरपूर अवसर प्रदान करता है।
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कैसे पहुंचें?
भद्रवाह पहुंचने के लिए जम्मू हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है। यहां से भद्रवाह पहुंचने के लिए बस या टैक्सी आसानी से मिल सकती है। वहीं जम्मू तवी सबसे अच्छा रेलवे विकल्प है। भद्रवाह जम्मू से सिर्फ 206 किमी दूर है। आप बस से भी आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। जम्मू से बस द्वारा भद्रवाह पहुंचने में 6-7 घंटे और उधमपुर से 5-6 घंटे लगते हैं।
कहां रह सकते हैं?
भद्रवाह में निजी और सरकारी दोनों आवास विकल्प हैं, जिनमें बागवान गेस्ट हाउस, टीआरसी भद्रवाह, विनर्स गेस्ट हाउस, आदि जैसे गेस्ट हाउस शामिल हैं।
अब अगर आप कश्मीर जाने का प्लान कर रहे हैं, तो इन अनसुनी और अनछुई जगहों पर जरूर जाएं। आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें। ऐसी ही सुंदर और शानदार जगहों के बारे में जानने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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Image Credit: unsplash, tripoto, indianhikes.com, wowclub & holiday.com
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