गौरी खान को आप किस तरह से जानते हैं? शाहरुख खान की पत्नी, आर्यन, सुहाना और आबराम की मां या एक सफर बिजनेस वुमन? गौरी की पर्सनैलिटी के कई गुण हैं जिन्हें लोग सिर्फ स्टार वाइफ होने के कारण शायद देख नहीं पाते। अगर हम देश के सफल इंटीरियर डिजाइनर्स की लिस्ट निकालें, तो गौरी खान का नाम भी एक होगा। इतना ही नहीं, अगर हम देश के सबसे सफल फिल्म प्रोड्यूसर्स का नाम निकालें, तो भी गौरी खान का नाम आएगा।
दिल्ली में पली-बढ़ी गौरी ने शाहरुख को 14 साल की उम्र से ही डेट करना शुरू किया था। हां, परिवार की नामंजूरी थी, लेकिन गौरी और शाहरुख का रिश्ता बहुत सी कठिनाइयों के बाद भी टिका रहा और अब इतने सालों बाद भी मजबूत है।
शाहरुख खान का स्टारडम बहुत ज्यादा है और वह देश के सबसे बड़े स्टार्स में से एक हैं। उन्हें अंतरराष्ट्रीय ब्रांड अम्बैसेडर भी माना जा सकता है। पर फिर भी गौरी खान ने अपने काम को लेकर अपनी अलग पहचान बनाई है। गौरी ने कभी इंटीरियर डिजाइनिंग या फिल्म मेकिंग का कोर्स नहीं किया, बल्कि गौरी ने तो अपने टैलेंट के बल पर अपने करियर को संवारा है। आज हम उनके करियर की स्टोरी ही आपके साथ साझा करने जा रहे हैं।
गौरी खान के सफल फिल्म प्रोड्यूसर बनने की कहानी
इंटीरियर डिजाइनिंग के बिजनेस में आने से पहले ही गौरी खान फिल्म प्रोड्यूसर बन चुकी थीं। 2002 में गौरी और शाहरुख ने मिलकर रेड चिलीज एंटरटेनमेंट शुरू की थी। यह कंपनी ना सिर्फ फिल्म ग्राफिक्स पर काम करती है, बल्कि फिल्मों के प्रोडक्शन की छोटी से छोटी डिटेल का भी ध्यान रखती है।
गौरी शाहरुख के साथ सेट्स पर भी जाती थीं और फिल्म की बारीकियों को समझती थीं। उन्होंने फिल्मी बिजनेस में ध्यान देना शुरू किया और धीरे-धीरे गौरी ने सुपर हिट फिल्में प्रोड्यूस करना शुरू कर दिया। 'ओम शांति ओम, मैं हूं ना, स्टूडेंट ऑफ द इयर, हैप्पी न्यू इयर, डियर जिंदगी' से लेकर हाल ही में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म 'जवान' तक सभी गौरी खान के प्रोडक्शन तले बनी हैं। उनके द्वारा प्रोड्यूज की गई फिल्म 'माय नेम इज खान' को क्रिटिक्स रेटिंग भी बहुत अच्छी मिली है।
गौरी खान के इंटीरियर डिजाइनर बनने की कहानी
शाहरुख खान ने 2001 में मन्नत को खरीदा था। उस वक्त 13.01 करोड़ रुपये चुकाकर बॉलीवुड के बादशाह ने अपनी जगह बनाई थी। 2001 तक शाहरुख खान ने खुद को बॉलीवुड का सफल एक्टर बना लिया था, लेकिन उस वक्त भी इस घर को डिजाइन करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे।
शाहरुख ने ताज होटल मुंबई में एक प्रेस मीट के दौरान दिए इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्होंने मन्नत खरीदा तब वो लोग एक डिजाइनर के पास गए जो घर को डिजाइन करने का कॉस्ट बता रहा था। उस वक्त उन्हें जो लंच सर्व किया गया वह शाहरुख की मासिक सैलरी से ज्यादा था।
शाहरुख खान ने गौरी से कहा कि यहां तो बहुत पैसा लगेगा इसलिए उन्हें ही घर को डिजाइन करना चाहिए क्योंकि उनके पास थोड़ा सा आर्टिस्टिक टैलेंट है। गौरी खान ने NIFT से फैशन डिजाइनिंग का डिप्लोमा भी किया था और इस तरह से हुई मन्नत को डिजाइन करने की शुरुआत।
शाहरुख ने इसी इंटरव्यू में कहा था कि वो दोनों ही जितना भी पैसा साल दर साल बचाते थे उसे सेव कर घर को सजाने की कवायत शुरू कर देते थे। ऐसे ही वो दोनों एक बार साउथ अफ्रीका गए थे और उनके पास बहुत कम पैसे थे और उन्होंने सोफा सेट के लिए वहां से लेदर खरीद लिया था। उस वक्त जब भी वो लोग विदेश जाते तब पैसा बचाकर सिर्फ घर को सजाने का सामान लेकर आते थे। ऐसे ही धीरे-धीरे कर गौरी खान ने इंटीरियर डिजाइनिंग में अपना हाथ आजमाया।
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साल 2010 में गौरी ने प्रोफेशनली अपनी सहेली सुजैन खान के साथ मिलकर इंटीरियर डिजाइनिंग का बिजनेस शुरू किया। उसी साल उन्हें वडोदरा का एक इंटीरियर डिजाइनिंग प्रोजेक्ट मिला और उसके बाद उन्होंने पलट कर नहीं देखा।
2011 में शाहरुख और गौरी ने चारकोल प्रोजेक्ट फाउंडेशन की शुरुआत की और 2017 में गौरी ने अपना खुद का डिजाइन स्टूडियो गौरी खान डिजाइन्स खोल लिया।
गौरी एक साथ कई बिजनेस चलाती हैं और बतौर पत्नी और मां भी अपने रोल को बखूबी निभाती हैं।
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