मिथुन वार्षिक राशिफल
May 21 - Jun 21- पिछला वार्षिक
- वार्षिक
2025 मिथुन राशि के जातकों के लिए प्रेम जीवन, वित्तीय स्थिति, पारिवारिक जीवन, और स्वास्थ्य में मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। इस वर्ष कुछ क्षेत्रों में चुनौतियां होंगी, लेकिन अगर आप धैर्य और समझदारी से काम लेते हैं, तो आप इन समस्याओं को सुलझा सकते हैं।
प्रेम जीवन
मिथुन राशि के जातकों का प्रेम जीवन 2025 में कुछ उतार-चढ़ावों से भरा रहेगा। वर्ष की शुरुआत में गुरु के द्वादश भाव में गोचर के कारण रिश्तों में असमंजस और दूरी उत्पन्न हो सकती है। यदि आप किसी रिश्ते में हैं, तो यह समय अधिक समझदारी और धैर्य से काम लेने का है। जनवरी से अप्रैल तक मंगल का गोचर आपके प्रेम जीवन में तनाव और तकरार बढ़ा सकता है, विशेष रूप से छोटी-छोटी बातों पर।
हालांकि, 11 से 27 फरवरी तक बुध का भाग्य भाव में गोचर आपके रिश्तों में सुधार लाएगा, जिससे रिश्ते फिर से मजबूत हो सकते हैं। इस समय आपकी समझदारी और संवाद की क्षमता रिश्तों को स्थिर करेगी। 27 फरवरी से 6 मई तक बुध का मीन राशि में नीचस्थ होना रिश्तों में रुकावट और गलतफहमियों का कारण बन सकता है, इसलिए किसी भी बात को स्पष्टता से कहने का प्रयास करें।
6 जून से 22 जून और 15 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच, बुध का स्वराशि में गोचर प्रेम जीवन में स्थिरता लाएगा। यदि आप अविवाहित हैं, तो इस दौरान किसी रिश्ते का प्रस्ताव मिल सकता है। वर्ष के अंत में, नवंबर और दिसंबर के महीनों में शत्रु आपके प्रेम जीवन में बाधाएं डाल सकते हैं, इसलिए इन महीनों में सतर्क रहें और रिश्तों को बाहरी प्रभावों से बचाएं।
वित्तीय स्थिति
2025 में आर्थिक दृष्टिकोण से मिश्रित परिणाम मिल सकते हैं। वर्ष की शुरुआत में गुरु के द्वादश भाव में गोचर के कारण खर्चों में वृद्धि हो सकती है, और भूमि या वाहन पर बड़ा खर्च हो सकता है। 21 जनवरी से 2 अप्रैल तक मंगल का गोचर आपके खर्चों को बढ़ा सकता है, इसलिए इस समय में धन की बचत पर ध्यान देना जरूरी होगा।
24 जनवरी से 10 फरवरी तक बुध अष्टम भाव में रहेगा, जिससे आर्थिक योजनाओं में रुकावट आ सकती है। निवेश करने से पहले पूरी जानकारी लें और वित्तीय लेन-देन में सतर्क रहें। 11 फरवरी से 27 फरवरी तक बुध भाग्य भाव में गोचर करेगा, जिससे आय के नए स्रोत मिल सकते हैं और आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
27 फरवरी से 6 मई तक बुध के नीचस्थ होने से धन संबंधित परेशानियां बढ़ सकती हैं। इस समय उधारी या बड़े निवेश से बचने का प्रयास करें। 6 जून से 22 जून और 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक बुध का स्वराशि गोचर आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा और आमदनी में वृद्धि कर सकता है। वर्ष के अंत में शत्रु आपके आर्थिक पक्ष को कमजोर करने की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए अपने वित्तीय मामलों को गोपनीय रखें और सतर्क रहें।
पारिवारिक जीवन
2025 में पारिवारिक जीवन में कुछ चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं। साल की शुरुआत में गुरु के द्वादश भाव में होने से पिता और जीवनसाथी के साथ मतभेद हो सकते हैं। 24 जनवरी से 10 फरवरी तक बुध अष्टम भाव में गोचर करेगा, जिससे परिवार में विवाद हो सकते हैं। इस समय आपको घर के माहौल को शांत रखने के लिए समझदारी से काम लेना होगा।
14 मई से 18 अक्टूबर तक गुरु का गोचर आपके पारिवारिक जीवन में जिम्मेदारियां बढ़ाएगा और घर के बुजुर्गों के स्वास्थ्य की चिंता हो सकती है। हालांकि, इस दौरान विद्यार्थी वर्ग के लिए यह समय अच्छा रहेगा। 6 जून से 22 जून और 15 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच, बुध का स्वराशि में गोचर पारिवारिक जीवन में शांति और सद्भाव बनाए रखेगा। वर्ष के अंत में, विशेष रूप से नवंबर और दिसंबर में, पारिवारिक विवाद हो सकते हैं, जिनका समाधान धैर्य और समझदारी से किया जा सकता है।
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के मामले में 2025 सतर्कता की आवश्यकता है। 21 जनवरी से 2 अप्रैल तक मंगल का गोचर मानसिक तनाव और गुस्से को बढ़ा सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। 24 जनवरी से 10 फरवरी तक बुध अष्टम भाव में होने से पुरानी बीमारियां उभर सकती हैं, जैसे पेट, त्वचा और नसों से संबंधित समस्याएं।
27 फरवरी से 6 मई तक बुध के नीचस्थ होने से स्वास्थ्य समस्याएं और बढ़ सकती हैं। अनिद्रा, सिरदर्द और थकान हो सकती है, इसलिए योग और ध्यान फायदेमंद होंगे। 14 मई से 18 अक्टूबर तक गुरु का गोचर मानसिक शांति को प्रभावित कर सकता है, जिससे चिंता और तनाव बढ़ सकते हैं। इस दौरान नियमित ध्यान और प्राणायाम करना आवश्यक होगा।
वर्ष के अंत में स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान रखना होगा, क्योंकि अधिक काम के कारण थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। संतुलित आहार और पर्याप्त आराम आपकी सेहत को बनाए रखने में मदद करेगा।
उपाय
- हर गुरुवार भगवान विष्णु की पूजा करें और पीले वस्त्र पहनें।
मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाएं और "मंगलाय नमः" का जाप करें।
बुधवार को हरे वस्त्र पहनें और गाय को हरा चारा खिलाएं।
"ॐ बृं बृहस्पतये नमः" का नियमित जाप करें।
मानसिक शांति के लिए ध्यान और योग करें।
परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएं और सहयोगात्मक रवैया बनाए रखें।