शनि की साढ़े साती अगर किसी व्यक्ति के जीवन में शुरू हो जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा फिर उस व्यक्ति का जीवन कठिनायों से घिरा रहता है। जब तक साढ़े साती अपने तीन चरणों को पूरा करते हुए पूरी तरह से उतर नहीं जाती है तब तक व्यक्ति के जीवन में संकटों का तांता लगा रहता है। शनि की साढ़े साती से बचने के लिए लोग गई तरह के उपाय भी करते हैं जिनका वर्णन ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है, लेकिन किसी भी उपाय का सफल होना इस बात पर निर्भर करता है कि उपाय कब और किस समय किया गया है।
हालांकि साढ़े साती के उपाय करने से उसके प्रभाव को कम किया जा सकता है लेकिन उसे पूर्णतः खत्म कर देना यह संभव नहीं है। इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि साढ़े साती से मुक्त पाने का सबसे सिद्ध समय है नवरात्रि फिर चाहे वो चैत्र माह की हो या शारदीय। नवरात्रि के दौरान साढ़े साती से जुड़े उपाय करने से वह निश्चित तौर पर लाभकारी साबित होते हैं और शनि देव की कृपा व्यक्ति पर बरसने लगती है। तो चलिए जानते हैं साढ़े सटी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है नवरात्रि और कौन से उपाय करने चाहिए।
साढ़े साती से मुक्ति के लिए नवरात्रि का महत्व
शनि की साढ़े साती का अर्थ है साढ़े 7 साल तक का समय जब शनि दंडनायक के रूप में व्यक्ति को उसके कर्मों का फल प्रदान करते हैं। साढ़े साती 3 चरण में होती है और हर चरण ढाई साल का होता है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हुए जिस स्तोत्र का पाठ किया जाता है वह है दुर्गा सप्तशती का पाठ। सप्तशती का अर्थ होता है सात सौ श्लोकों का दिव्य-आलौकिक संग्रह जिसमें मां दुर्गा की महिमा बताई गई है।
यह भी पढ़ें:घर में हमेशा रखें ये 5 चीजें, नहीं सताएगी शनि की साढ़े साती
नवरात्रि में साढ़े साती के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करना श्रेष्ठ माना जाता है। 7 सालों की साढ़े साती के दौरान हर एक साल के लिए 100 श्लोक यानी कि 7 सालों के लिए 700 श्लोक। वहीं, जो आखिरी 6 महीने होते हैं यानी कि आधा साल होता है उसके लिए दुर्गा कवच का 6 बार अखंड पाठ। सरल शब्दों में कहें तो नवरात्रि के नौ दिन तक रोजाना दुर्गा सप्तशती और दशमी पर दुर्गा कवच का पाठ करने से साढ़े साती में राहत मिलती है।
साढ़े साती से मुक्ति के लिए नवरात्रि में करें उपाय
शनि देव की उपासना साढ़ेसाती के कष्टों को कम करने में महत्वपूर्ण मानी जाती है। विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान शनि देव की पूजा और व्रत करने से उनके प्रभाव में कमी आ सकती है। शनि मंदिर में जाकर शनि के मंत्रों का जाप जैसे 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' का नियमित जाप करना और शनि के चित्र या मूर्ति के सामने तेल का दीपक जलाना फायदेमंद रहता है। इस दिन काले तिल, लोहे का सामान या काले वस्त्रों का दान करें।
यह भी पढ़ें:Shani Saade Sati: जीवन में कितनी बार आती है शनिदेव की साढ़े साती?
नवरात्रि के दौरान हनुमान जी की पूजा का भी खासा महत्व है। ऐसे में नवरात्रि के दौरान साढ़े साती से मुक्ति के लिए पूजा का संकल्प लें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे शनि के प्रतिकूल प्रभाव कम होते हैं और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। हनुमान जी का व्रत और पूजन संकटों को दूर करता है और जीवन में सफलता और समृद्धि लाता है। इसके अलावा, नवरात्रि के दौरान काले तिल को शमी के पौधे में भी चढ़ाना चाहिए।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों