how many types of belaptra are there

3 या 5 पत्ती वाले ही नहीं, कई प्रकार के होते हैं बेलपत्र... जानें हर एक का लाभ और महत्व

शिवलिंग पर मुख्य रूप से भक्त तीन पत्ती वाला बेलपत्र ही आर्पित करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेलपत्र सिर्फ 3 पत्तियों वाला ही नहीं होता है बल्कि इसके कई और भी प्रकार हैं।
Editorial
Updated:- 2025-07-11, 15:31 IST

बेलपत्र भगवान शिव की पूजा में सबसे महत्वपूर्ण और प्रिय वस्तुओं में से एक है। इसे भगवान शिव को अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। माना जाता है कि बेलपत्र की तीनों पत्तियां भगवान शिव के त्रिशूल, ब्रह्मा-विष्णु-महेश एवं उनके तीन नेत्रों का प्रतीक हैं। शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, कष्टों का निवारण होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। शिवलिंग पर मुख्य रूप से भक्त तीन पत्ती वाला बेलपत्र ही आर्पित करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेलपत्र सिर्फ 3 पत्तियों वाला ही नहीं होता है बल्कि इसके कई और भी प्रकार हैं। आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से बेलपत्र के प्रकार और हर एक का महत्व एवं लाभ। 

कितने प्रकार के होते हैं बेलपत्र?

3 के अलावा, बेलपत्र 4, 5, 6, 7, 11, 21 और 25 पत्तियों वाला भी होता है। इसके अलावा, सिर्फ संख्या में ही नहीं रंग में भी बेलपत्र का एक प्रकार मौजूद है। जहां अमूमन तौर पर बेलपत्र हरा होता है वहीं, बेलपत्र का एक प्रकार सफेद रंग का भी है जो बहुत दुर्लभ माना जाता है।

alag alag belpatra ke kya labh hain

क्या है अलग-अलग बेलपत्र का महत्व?

4 पत्तियों वाला बेलपत्र मिलना बहुत ही दुर्लभ और अत्यधिक शुभ माना जाता है। इसे सामान्य तीन पत्तियों वाले बेलपत्र से कहीं अधिक चमत्कारी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चार पत्तियों वाला बेलपत्र चार वेदों ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद का प्रतीक होता है।

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5 पत्तियों वाला बेलपत्र सरलता से मिल जाता है किसी भी बेल के पेड़ पर। इसे भगवान शिव को अर्पित करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है और इसे पंचदेवों ब्रह्मा, विष्णु, महेश, गणेश, देवी के साथ-साथ शिव के पांच तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश का प्रतीक माना जाता है।

6 पत्तियों वाले बेलपत्र को षण्मुखी बेलपत्र भी कहते हैं और यह भगवान कार्तिकेय जो शिव-पार्वती के पुत्र हैं और जिनके छह मुख हैं, उनका प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, ऐसा बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करने से व्यक्ति को असाधारण सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

7 पत्तियों वाला बेलपत्र विशेष रूप से सप्तऋषियों, सप्तलोकों और सात चक्रों का प्रतिनिधित्व करता है जो आध्यात्मिक उन्नति और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ गहरा संबंध दर्शाता है। ऐसा बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करने से व्यक्ति को असाध्य रोगों से मुक्ति मिल जाती है।

alag alag bel patra ka kya mahatva hai

11 पत्तियों वाला बेलपत्र भगवान शिव के एकादश रुद्र स्वरूपों का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करने से व्यक्ति को जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है और उसे असीमित पुण्य की प्राप्ति होती है।

21 पत्तियों वाला बेलपत्र भगवान शिव के 21 अवतारों या ब्रह्मांड की 21 पीढ़ियों को तारने वाला माना जाता है। ऐसा बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करने से व्यक्ति को सभी जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे चढ़ाने से असीम शिव कृपा होती है।

25 पत्तियों वाला बेलपत्र भगवान शिव के पच्चीस महाभूतों या तत्त्वों का प्रतीक माना जाता है। ऐसा बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करने से व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में पूर्णता प्राप्त होती है, सभी प्रकार के बंधन समाप्त हो जाते हैं एवं व्यक्ति की यश और कीर्ति बढ़ती है।

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सफेद रंग का बेलपत्र मिलना अत्यंत दुर्लभ और चमत्कारी होता है, जिसे साक्षात शिव का ही दैवीय स्वरूप माना जाता है। यह सामान्य हरे बेलपत्र से कहीं अधिक पवित्र और प्रभावशाली होता है। सफेद बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करने से व्यक्ति को असाधारण शक्ति का संचार होता है।

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FAQ
शिवलिंग पर बेलपत्र सीधा चढ़ाना चाहिए या उल्टा?  
शिवलिंग पर बेलपत्र उल्टा चढ़ाया जाता है। 
शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ाने चाहिए? 
शिवलिंग पर 1 बेलपत्र भी पूर्ण श्रद्धा से अर्पित किया जाए तो भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं। 
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