शिवलिंग पर बेलपत्र और जल चढ़ाना भगवान शिव की पूजा का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसके पीछे गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व छिपा है। माना जाता है कि बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इसे चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं। बेलपत्र की तीन पत्तियां त्रिदेवों का प्रतीक मानी जाती हैं और शिव पुराण के अनुसार ये शिव के त्रिशूल और उनकी तीन आंखों का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। बेलपत्र को शीतलता प्रदान करने वाला भी माना जाता है। वहीं, शिवलिंग पर जल चढ़ाना शिव के अभिषेक का एक अभिन्न हिस्सा है। जल सृष्टि का आधार है और जीवन का प्रतीक भी। यह शिव के शांत और कल्याणकारी स्वरूप को दर्शाता है। यही कारण है कि शिवलिंग पूजन बिना जल और बेलपत्र के अधूरा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग पर इन दोनों में से सबसे पहले क्या चढ़ाना चाहिए, आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।
धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से, शिवलिंग पर पूजा का एक निश्चित क्रम होता है और यह क्रम अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस क्रम का पालन करने से ही पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। ऐसे में शिवलिंग की पूजा के दौरान सबसे पहले जल ही चढ़ाया जाता है। यह एक सर्वमान्य नियम है जिसका उल्लेख शिवपुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है।
भगवान शिव का अभिषेक सबसे पहले शुद्ध जल से किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जलाभिषेक शिव जी को शीतलता प्रदान करता है जल उनके शांत और सौम्य स्वरूप को दर्शाता है और भक्तों के मन को भी शांति प्रदान करता है। पूजा की शुरुआत हमेशा शुद्धिकरण से होती है। जल से शिवलिंग का अभिषेक करके उसे स्वच्छ और पवित्र किया जाता है।
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जलाभिषेक सबसे पहले इसलिए किया जाता है अन्य पूजन सामग्री को अर्पित किया जा सके। जल जीवन का आधार है और सृष्टि में हर जीव को पोषित करता है। शिव को 'महादेव' कहा जाता है और जल चढ़ाकर हम जीवन की निरंतरता और शिव की पोषक शक्ति के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। शिव पुराण और रुद्र संहिता में यह बताया गया है कि शिवलिंग का अभिषेक पहले गंगाजल या शुद्ध जल से करना चाहिए।
शिवलिंग का सबसे पहले जलाभिषेक करने के बाद दूध, दही, शहद, घी, शक्कर आदि चढ़ाए जाते हैं। इसके बाद फिर से गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराया जाता है और फिर इसके बाद बेलपत्र अर्पित करते हैं। बेलपत्र के बाद फूल, धतूरा, भांग आदि अन्य पूजन सामग्री शिवलिंग पर अर्पित की जाती है। आगे से आप भी शिवलिंग पर सबसे पहले जल चढ़ाएं फिर बेलपत्र अर्पित करें।
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