भगवान शिव की पूजा में शिवलिंग का विशेष महत्व होता है और घर पर उसकी पूजा करने से भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद बना रहता है। शिवलिंग की पूजा करने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी माना जाता है, जिससे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त मिल सके। ऐसे ही शिवलिंग को घर पर रखने के लिए भी कुछ विशेष नियमों का पालन जरूरी होता है। यही नहीं कुछ पौधों को भी शिवलिंग की स्थापना के लिए बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि कुछ विशेष पौधों में यदि शिवलिंग की स्थापना की जाती है तो पूजा का पूर्ण फल मिल सकता है।
मान्यता है कि शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है और खुशहाली बनी रहती है। अगर आप भी गमले में शिवलिंग को स्थापित करते हैं तो आपको इसके सही नियमों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें गमले में शिवलिंग रखने के नियमों के बारे में।
शिवलिंग को घर के मंदिर में रखना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है, लेकिन कई लोग शिवलिंग को घर के भीतर न रखकर घर के बाहर या बालकनी में गमले में रखते हैं। वहीं कुछ पौधों को शिवलिंग के लिए शुभ नहीं माना जाता है। वहीं कुछ पौधों में शिवलिंग रखना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसे ही पौधों में से एक है शमी का पौधा। शमी के पौधे को भगवान शिव का सबसे प्रिय पौधा माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यदि आप शिवलिंग की पूजा में शमी के पत्ते चढ़ाते हैं तो बहुत शुभ फल मिल सकते हैं।
यही नहीं शमी के पौधे के पास ही आप शिवलिंग की स्थापना भी कर सकती हैं। अगर आप भी शमी के पौधे के पास शिवलिंग रखती हैं तो ध्यान रखें कि आप शमी के गमले के भीतर शिवलिंग रखने के बजाय इस गमले के पास किसी साफ़ स्थान पर शिवलिंग की स्थापना करें।
ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि आपको कभी भी शिवलिंग किसी भी गमले के भीतर नहीं रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि गमले के भीतर शिवलिंग रखने से उनकी स्थापना के नियमों को पूर्णता नहीं होती है। ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग की स्थापना सही नियमों से ही करनी चाहिए। यही नहीं शिवलिंग को कभी भी अकेला नहीं रखना चाहिए।
शिवलिंग के आस-पास जल लहरी भी होनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप घर पर शिवलिंग रखते हैं तो आपको इसके नियमों का पालन भी जरूर करना चाहिए।
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जब हम तुलसी के पौधे में शिवलिंग रखने की बात करते हैं तो आपको कभी भी शिवलिंग को तुलसी के साथ नहीं रखना चाहिए। इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है। ज्योतिष के अनुसार तुलसी के गमले में शिवलिंग रखना उचित नहीं माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी का पूर्व जन्म में नाम वृंदा था, जो जालंधर नामक राक्षस की पत्नी थी।
जालंधर वैसे तो भगवान शिव का ही अंश था, लेकिन अपने कुकृत्यों की वजह से भगवान शिव ने जालंधर का वध कर दिया। उसी समय से वृंदा को भगवान शिव के विपरीत माना जाने लगा है। इस घटना के कारण ही शिव पूजन में तुलसी का इस्तेमाल भी नहीं किया जाता है और न ही तुलसी के पौधे के पास कभी भी शिवलिंग रखने की सलाह दी जाती है।
बेलपत्र भगवान शिव की पूजा में अत्यधिक पवित्रता का प्रतीक है, और ज्योतिष के अनुसार, शिवलिंग को बेलपत्र के पौधे के पास या गमले में रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि इससे व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है।
बेलपत्र की पवित्रता और शिवलिंग की ऊर्जा का मेल व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है और उनकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकता है। इस प्रकार, बेलपत्र के पौधे के साथ शिवलिंग की पूजा करना एक शक्तिशाली और प्रभावशाली धार्मिक अनुष्ठान हो सकता है।
यदि आप भी अपने घर पर गमले में शिवलिंग की स्थापना करती हैं, तो आपको इसे रखने के सही नियमों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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