ज्योतिष शास्त्र में नव ग्रहों का वर्णन मिलता है। साथ ही, हर एक ग्रह से ज्दुए रत्ना का भी विशेष उल्लेख है। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि ग्रह से जुड़े रत्न को धारण करने से उस ग्रह की शुभता पाई जा सकती है। हालांकि इसके लिए रत्न धारण करने से जुड़े नियमों का पालन करना भी आवश्यक माना गया है। ठीक ऐसे ही राहु का भी एक रत्न ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है। इस रत्न को धारण करने से राहु न सिर्फ कुंडली में मजबूत होता है बल्कि इसके कई अन्य लाभ भी हैं। अगर आपकी कुंडली में भी राहु कमजोर है और आपको कष्ट पहुंचा रहा है तो ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि कौन सा रत्न पहनना शुभ रहेगा और क्या है उसके नियम एवं लाभ।
राहु को मजबूत करने के लिए कौन सा रत्न पहनें?
राहु अगर कष्ट दे रहा है और उसकी स्थिति कुंडली में नीच स्थान पर है तो ऐसे में राहु को शुभ बनाने के लिए गोमेद रत्न धारण कारण चाहिए।
राहु के रत्न को धारण करने के नियम क्या हैं?
गोमेद को हमेशा चांदी या अष्टधातु की अंगूठी में ही जड़वाकर पहनना चाहिए। गोमेद को 6 रत्ती से कम धारण करना बहुत अशुभ माना गया है।
हर रत्न को पहनने के लिए शुभ नक्षत्र देखना भी जरूरी है। ऐसे में गोमेद को शतभिषा, स्वाति और आर्द्रा नक्षत्र में ही पहनना शुभ माना गया है।
गोमेद को धारण करने से पहले उसे एक दिन के लिए गंगाजल, दूध, शहद और चीनी में भिगोकर रखना चाहिए। इससे वह शुद्ध हो जाता है।
गोमेद को धारण करते समय 'ॐ रां राहवे नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र को 21 से लेकर 108 बार तक जपना शुभ माना जाता है।
रत्न ज्योतिष में बताया गया है कि गोमेद को कनिष्का उंगली में पहनना चाहिए। इस रत्न को पहनने से राहु महादशा में राहत मिलती है।
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राहु के रत्न को धारण करने से क्या लाभ मिलते हैं?
गोमेद रत्न को धारण करने से राहु की नकारात्मकता कम होती है। राहु का बुरा प्रभाव घर और व्यक्ति को प्रभावित नहीं कर पाता है।
राहु के अकारण जिन भी कामों में रुकावटें आ रही होती हैं, वह भी दूर हो जाती हैं और कम शुभता और सकारात्मकता से पूर्ण होता है।
गोमेद रत्न को धारण करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है। शत्रुओं का नाश्ह होता है और मानसिक तनाव से भी छुटकारा मिल जाता है।
अगर आप कुंडली में राहु को मजबूत कर उसकी शुभता पाना चाहते हैं तो इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर कौन सा रत्न धारण करना चाहिए, क्या हैं उसके लाभ, उसका महत्व एवं उसे धारण करने के नियम। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
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